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कोरोना काल में कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल में बुलाए विद्यार्थी

वहीं एक सरकारी स्कूल का चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 09:48 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 06:12 AM (IST)
कोरोना काल में कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल में बुलाए विद्यार्थी
कोरोना काल में कक्षाएं लगाने के लिए स्कूल में बुलाए विद्यार्थी

जागरण संवाददाता, पंचकूला : कोरोना संकट के बीच जहां मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, वहीं, एक सरकारी स्कूल का चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। सेक्टर-20 स्थित संस्कृति मॉडल स्कूल में विद्यार्थियों को बुला लिया गया। विद्यार्थी ड्रेस में बैग लेकर सुबह ही कक्षाओं में पहुंच गए। कक्षाओं में विद्यार्थी और शिक्षक नजर भी आए। जिससे स्पष्ट हो रहा है कि कक्षाएं लगाने के लिए ही विद्यार्थियों को बुलाया गया। लेकिन मामले की भनक लगते ही जब मीडिया स्कूल में पहुंचा, तो शिक्षकों ने तुरंत विद्यार्थियों को वापस भेजना शुरू कर दिया। हालांकि कुछ विद्यार्थी कक्षा के अंदर बैठे भी कैमरों में आ गए, जबकि कुछ जल्दबाजी में अपने अभिभावकों के साथ लौट गए। मामले के तूल पकड़ते ही स्कूल टीचर भी बाहर आ गए। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि मेरे संज्ञान में मामला आया है और जांच की जाएगी। दरअसल कोरोना के चलते केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि विद्यार्थियों को स्कूलों में नहीं बुलाया जाएगा। किसी तरह से कक्षाएं नहीं लगेंगी और अन्य किसी तरह के दस्तावेजों की वेरिफिकेशन करनी है, तो वह भी स्कूल खुलने के बाद होगी। लेकिन संस्कृति मॉडल स्कूल में विद्यार्थी सुबह आठ बजे स्कूल में पहुंच गए। वे अपनी कक्षाओं में बैठे थे। इसके बाद शिक्षक भी कक्षाओं में थे। कक्षाएं शुरू होने वाली ही थी कि मीडिया को भनक लग गई। विद्यार्थियों को स्कूल में कक्षाएं लगाने के लिए नहीं बुलाया गया था। स्कूल में केवल दस्तावेजों की वेरिफिकेशन करने के लिए बुलाया था। एक कक्षा से जब बच्चे दूसरी क्लास में जाते हैं, तो उनके कई दस्तावेज पूरे करने होते हैं। कई दस्तावेज कम थे, वह फार्मेलिटी पूरी करनी होती है। कई बच्चों के फार्म पूरे नहीं थे। अकाउंट नहीं चल रहे थे, पिता के नाम और आधार कार्ड नंबर गलत थे, उनको ठीक करने के लिए बुलाया था। पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को पुस्तकें वितरित करनी थी, जिसके बारे में विभाग की गाइडलाइंस थी। लॉकडाउन के दौरान टीचर नहीं आ पाए।

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-गीता, स्कूल शिक्षिका एससी-बीसी वर्ग के विद्यार्थी हैं, उनके पैसे सीधे अकाउंट में जाते हैं, उनके अभिभावकों को बुलाया गया। वह अपने बच्चों को भी ले आए। हमने नियम बना रखा है कि जब भी बच्चा किसी काम से आएगा, तो वह यूनिफार्म में ही आएगा। कुछ नए एससी-बीसी वर्ग के बच्चे हैं, उनके आधार कार्ड एवं नामों में गलतियां हैं। डायरेक्ट बेनिफिट के तहत पैसा तभी जा सकता है, जब सब कुछ ठीक हो। इसके अलावा कुछ 10वीं और 12वीं के विद्यार्थी अपना कैरेक्टर सर्टिफिकेट लेने के लिए आए, जिन्हें कहीं और दाखिला लेना है।

-जयचंद, शिक्षक, संस्कृत विषय स्कूल पंचकूला में आयोजित स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय समारोह में हमेशा ही राष्ट्रगान प्रस्तुत करता है। आगामी 15 अगस्त को भी राष्ट्रगान का कार्यक्रम स्कूल की ओर से प्रस्तुत किया जाना निर्धारित है, इसलिए स्कूल के सात बच्चे सभी एहतियात के साथ अभ्यास के लिए बुलाए गए थे। स्कूल के निकट सीएससी सेंटर में परिवार पहचान पत्र बनाने का कार्य चल रहा है। इसलिए कुछ बच्चे स्वयं अपने अभिभावकों के साथ वहां आए हुए थे और इस बारे कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए स्कूल आए थे। सरकारी आदेशों की अवेहलना का ऐसा कोई मामला नहीं है।

-प्रवक्ता, शिक्षा विभाग, हरियाणा


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