चंद कर्मचारी नेताओं की चौधर में फंसे हड़ताली कर्मी, पिस रही जनता
पिछले 17 दिनों से हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल से जनता परेशान है। पूरे मामले में वास्तव हड़ताली चंद कर्मचारी नेताअों की चौधर की जंग में फंस गए लगते हैं।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। निजी बसों को किलोमीटर स्कीम के विरोध में चंद कर्मचारी नेताओं की चौधर की जंग आम लोगों के साथ ही रोडवेज कर्मचारियों पर भी भारी पड़ने लगी है। लगातार 17 दिन से चल रही हड़ताल के थमने के कोई आसार न देख बड़ी संख्या में चालक-परिचालकों और दूसरे स्टाफ में अपने भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है। काम पर लौटे पर रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी साथ छोडऩे की धमकी दे रही है और नहीं लौटे तो नौकरी जाने का खतरा। ऐसे में इन कर्मचारियों को समझ नहीं आ रहा कि वह करें तो क्या।
17 दिन से जारी हड़ताल के अभी खत्म होने के नहीं आसार, अंडरग्राउंड हुए रणनीतिकार
16 अक्टूबर से चली आ रही हड़ताल को तुड़वाने के लिए सरकार ने दो बार वार्ता विफल होने के बाद तीसरी बार बातचीत की पेशकश की है, लेकिन किलोमीटर स्कीम के तहत 720 बसें शामिल करने के मुद्दे को छोड़कर। हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा के तहत गिरफ्तारी, निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद परिवहन अधिकारी फिर से बड़े पैमाने पर कार्रवाई की तैयारी में हैं। खासकर प्रोबेशन पीरियड पर चल रहे कर्मचारियों पर खतरा ज्यादा है, जो अभी तक काम पर नहीं लौटे।
काम पर लौटे तो तालमेल कमेटी दे रही साथ छोडऩे की धमकी, नहीं लौटने पर नौकरी जाने का खतरा
अभी तक सरकार की ओर से एस्मा के तहत 1222 मामले दर्ज कर 292 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका। इनमें 245 जमानत पर हैं। इसी तरह धारा 107/51 के तहत 401 कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई जिनमें 206 को जमानत मिल चुकी। 406 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है।
अनुबंध आधार पर चालक-परिचालकों की भर्ती और सरकार की सख्ती देख प्रोबेशन पर लगे कर्मचारी काम पर लौटने लगे हैं। यही वजह है कुल 4083 बसों में से 2500 से अधिक सड़कों पर उतर आई हैं। बृहस्पतिवार को 259 और कर्मचारी काम पर लौट आए। इससे 2644 बसें सड़कों पर दौड़ीं। परिवहन सचिव धनपत सिंह ने साफ किया कि हड़ताल के दौरान अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जाएगा।
हड़ताल के ये रणनीतिकार
लंबी खिंचती जा रही हड़ताल के मुख्य रणनीतिकारों में तालमेल कमेटी के पदाधिकारी वीरेंद्र धनखड़, शरबत सिंह पूनिया, इंद्र सिंह बधाना, हरिनारायण शर्मा, बलवान सिंह दोदवा, दलबीर किरमारा, आजाद गिल, अनूप सहरावत, पहल सिंह तंवर, नसीब जाखड़, जयभगवान कादियान, सतीश मकड़ौली, बाबूलाल यादव व रमेश सैणी शामिल हैं जो लगातार अंडरग्राउंड रहते हुए कर्मचारियों को पीछे हटने नहीं दे रहे। इनमें इंद्र सिंह, बाबू लाल यादव, आजाद सिंह और जय सिंह को फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरे कर्मचारी नेता अंडरग्राउंड रहकर हड़ताल को संचालित कर रहे हैं।
काम नहीं आया त्योहारों का वास्ता
हड़ताली रोडवेज कर्मचारियों को सरकार ने त्योहारी सीजन में लोगों की दिक्कतों का वास्ता देते हुए काम पर लौटने की गुजारिश की है। परिवहन विभाग के अतिरिक्तमुख्य सचिव धनपत सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट में हड़ताल न करने की अंडरटेकिंग दे चुके कर्मचारी नेता दूसरे लोगों को आगे कर उन्हें गुमराह कर रहे हैं।
परिवहन सचिव ने कहा कि प्रदेश के 30 लाख यात्रियों के लिए 15 हजार सरकारी बसें चलाना मुमकिन नहीं। इसीलिए पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत 720 बसें चलाने का निर्णय लिया गया है। जो कोई भी कर्मचारी या नेता भड़काऊ भाषण देगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।