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हरियाणा विधानसभा में बढ़ा मनोहर लाल सरकार का संख्या बल, निर्दलीय सोमवीर के आने से 56 विधायकों का साथ

हरियाणा विधानसभा में संख्या बल के आधार पर मनोहर लाल सरकार मजबूत हो गई है। विधानसभा में 56 विधायक सरकार के साथ आ गए हैं। नयनपाल रावत निर्दलीय विधायकों व सरकार के बीच सेतु का काम कर रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 22 Mar 2022 01:59 PM (IST)Updated: Tue, 22 Mar 2022 01:59 PM (IST)
हरियाणा विधानसभा में बढ़ा मनोहर लाल सरकार का संख्या बल, निर्दलीय सोमवीर के आने से 56 विधायकों का साथ
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की फाइल फोटो।

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार लगातार मजबूत होती जा रही है। हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के निवर्तमान चेयरमैन और चरखी दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान के गठबंधन सरकार के पाले में आकर खड़ा होने से सरकार को विधानसभा में मजबूती मिली है।

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तीन कृषि कानूनों के विरोध में सरकार से नाता तोड़ने वाले सोमवीर सांगवान की वापसी की रूपरेखा हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन एवं पृथला के निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत के आवास पर तैयार की गई है। निकट भविष्य में निर्दलीय विधायकों और मुख्यमंत्री के बीच पहले से अधिक नजदीकियां देखने को मिल सकती हैं।

हरियाणा सरकार को समर्थन देने से पहले और समर्थन देने की घोषणा के बाद सोमवीर सांगवान समेत कई निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत के पंचकूला स्थित आवास पर जुटे हैं। चूंकि अधिकतर विधायकों के आवास पंचकूला में ही हैं, इसलिए उनकी निरंतर बैठकें होती रहती हैं।

हरियाणा में गठबंधन की सरकार बनने के बाद से रावत मुख्यमंत्री मनोहर लाल की गुडबुक में शामिल हैं। तीन कृषि कानूनों के विरोध के दौरान कई बार ऐसे हालात बने, जब क्षेत्रीय जनता के दबाव के चलते कुछ निर्दलीय विधायकों का मन डगमगाया, लेकिन नयनपाल रावत ने उन्हें सरकार के साथ जोड़कर रखा है।

राकेश दौलताबाद ने भी इसमें सकारात्मक भूमिका निभाई है। सोमवीर सांगवान ने सदन में ऐलान किया है कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने सरकार से अपना समर्थन वापस लिया था। अब जबकि तीनों कानून वापस हो गए हैं तो वह सरकार को अपना समर्थन दोबारा देते हैं।

हरियाणा विधानसभा में गठबंधन सरकार के साथ जुड़े विधायकों की संख्या अब 56 हो गई है। 90 सदस्यीय विधानसभा वाली किसी भी सरकार को बहुमत के लिए 47 विधायकों की जरूरत होती है। भाजपा के पास अपने खुद के 40 विधायक हैं।

जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक सरकार में शामिल हैं, जबकि निर्दलीय सात विधायकों में से छह अब सरकार के साथ खड़े हैं। महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू अभी भी अलग राह चल रहे हैं। जनसेवक मंच के जरिये वह नई उड़ान भरने की तैयारी में हैं।

रानियां के निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला को सरकार ने बिजली व जेल मंत्री बनाया हुआ है। नीलोखेड़ी के निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद, पूंडरी के विधायक रणधीर गोलन, पृथला के विधायक नयनपाल रावत और चरखी दादरी के विधायक सोमवीर सांगवान को सरकार ने चेयरमैन बना रखा है।

इन सभी निर्दलीय विधायकों का खुला समर्थन सरकार के साथ है। सीएम के बेहद नजदीक होने के कारण नयनपाल रावत इन विधायकों व सरकार के बीच सेतु का काम करते हैं। राकेश दौलताबाद भी सरकार के करीब हैं। हरियाणा लोकहित पार्टी के सिरसा से विधायक गोपाल कांडा का समर्थन भी सरकार के साथ है।

विनोद तावड़े ने की थी निर्दलीय विधायकों से मुलाकात

भाजपा के प्रदेश प्रभारी विनोद तावडे ने हाल ही में इन निर्दलीय विधायकों से मुलाकात की थी। तब कुछ विधायकों ने तावडे के सामने सरकार में अपनी कथित अनदेखी का मुद्दा उठाया था। उसके बाद तावड़े और मुख्यमंत्री की मुलाकात हुई, जिसके बाद नाराज विधायकों की नाराजगी दूर करने पर सहमति बनी।

पूंडरी के विधायक रणधीर गोलन का पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर से सीधा टकराव था, जिसे खत्म कराने की दिशा में गंभीर प्रयास हुए हैं। इसी तरह धर्मपाल गोंदर भी अब विधानसभा में खुलकर सरकार के हक में बोल रहे हैं, जबकि सोमवीर सांगवान सरकार के साथ आकर खड़े हो गए हैं।

मुख्यमंत्री इन निर्दलीय विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जनसभाएं भी करने वाले हैं, ताकि वहां विकास के तोहफे देने के साथ यह संदेश भी दिया जा सके कि सभी निर्दलीय विधायक सरकार के अभिन्न अंग हैं।


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