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हरियाणा में अंतरराज्यीय सीमाओं पर लगेंगे विशेष नाके, ओवरलोड माइनिंग वाहनों की एंट्री पर रोक

हरियाणा में अवैध माइनिंग वाले वाहनों पर रोक लगाने के लिए सीमाओं पर विशेष नाके लगाए जाएंगे। मुख्य सचिव ने डीसी व एसपी की बैठक लेकर दी आवश्यक हिदायतें दी। अवैध माइनिंग से राज्य को राजस्व का नुकसान हो रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 11:29 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 12:14 PM (IST)
हरियाणा में अंतरराज्यीय सीमाओं पर लगेंगे विशेष नाके, ओवरलोड माइनिंग वाहनों की एंट्री पर रोक
हरियाणा की सीमाओं पर लगेंगे नाके। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। किसी भी राज्य से हरियाणा की सीमाओं में प्रवेश करने वाले ओवरलोड वाहनों के जमकर चालान काटे जाएंगे। पुलिस-प्रशासन की निगाह खासतौर से ओवरलोड माइनिंग वाहनों पर होगी। ओवरलोड माइनिंग वाहन न तो हरियाणा में आएगा और न ही हरियाणा से बाहर जा सकेगा। हरियाणा के ओवरलोड माइनिंग वाहनों को प्रदेश से बाहर जाने से रोकने के लिए स्टोन क्रेशर जोन के निकासी तथा प्रवेश द्वार पर नाके लगाए जाएंगे। इसी तरह यदि किसी राज्य से खनन सामग्री से भरा कोई ओवरलोड वाहन हरियाणा में आया तो चालान काटने के बावजूद उसे घुसने नहीं दिया जाएगा तथा वापस लौटा दिया जाएगा।

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हरियाणा में खनन सामग्री की अवैध ढंग से होने वाली सप्लाई को रोकने तथा खनन माफिया का नैक्सेस तोडऩे के लिए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। हालांकि ऐसे फैसले पहले भी लिए जाते रहे हैं, लेकिन राज्य के मुख्य सचिव विजयवर्धन ने इस बार अधिकारियों को दो टूक कह दिया कि ढिलाई बरतने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं इस बारे में रिपोर्ट हासिल कर रहे हैं और वह चाहते हैं कि ऐसी अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगे। इसका एक फायदा यह भी होगा कि बाहर से आने वाली अवैध खनन सामग्री से हरियाणा को राजस्व का नुकसान नहीं होगा तथा प्रदेश के लोगों को अपने राज्य में सस्ती तथा सही सामग्री मकान निर्माण के लिए मिल सकेगी।

मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों, परिवहन अधिकारियों, खनन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कहा कि अंतरराज्यीय सीमाओं पर नाकाबंदी कर ऐसे तमाम वाहनों पर सख्त निगरानी रखी जाए। साथ ही, क्रेशर जोन के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर भी नाके लगाए जाएं। अन्य राज्यों से आने वाले ओवरलोडिंग माइनिंग वाहन जहां दुर्घटनाओं का बड़ा कारण हैं, वहीं इनसे हरियाणा को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। इसके लिए इन वाहनों पर कड़ी कार्रवाई करना सुनिश्चित बेहद जरूरी है। विजयवर्धन ने सभी जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि डीटीओ के साथ मिलकर एक कमेटी गठित करें और स्पेशल चेकिंग ड्राइव चलाएं, जिसके अंतर्गत अंतरराज्यीय सीमाओं पर ओवरलोडिंग वाहनों को हरियाणा में प्रवेश से रोका जाए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पड़ोसी राज्यों के साथ भी बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने नारनौल, नूंह, भिवानी, रेवाड़ी, दादरी, पानीपत और पंचकूला जिलों में विशेष चेकिंग ड्राइव चलाने के निर्देश दिए हैं। खनन एवं भूविज्ञान विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने बताया कि प्रदेश में ई-रवाना प्रणाली लागू होने से ओवरलोडिंग वाहनों की समस्या पर काफी हद तक अंकुश लगा है, परंतु अन्य राज्यों से आने वाले ओवरलोडिंग वाहन बड़ी समस्या हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के बाहर से आने वाले वाहनों के एंट्री प्वांइट और क्रशिंग जोन की सूची तैयार की गई है और इन पर पुलिस की मदद से नाकाबंदी की जा रही है। बैठक में पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, खनन एवं भूविज्ञान विभाग के महानिदेशक अमिताभ सिंह ढिल्लो, परिवहन आयुक्त एसएस फुलिया और परिवहन विभाग के प्रधान सचिव शत्रुजीत कपूर शामिल हुए।  


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