बिना किसी आधार और तथ्यों के किया गया ढींगरा आयोग का गठन: सिब्बल
ढींगरा आयाेग के गठन के मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के वकील व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि आयोग का गठन बिना किसी आधार और तथ्यों के किया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा जमीन घोटाले की जांच के लिए एसएन ढींगरा आयोग के गठन को वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने अवैधानिक करार दिया है। उन्होंने इस मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि आयोग का गठन बिना किसी आधार और तथ्यों के ही किया गया।
सिब्बल पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्ड़ा के वकील के हैं। हुड्डा ने ढींगरा आयोग के गठन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सिब्बल ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि मनोहरलाल सरकार के पास न तो ऐसी किसी गड़बड़ी की जानकारी थी और न ही कोई रिकॉर्ड है।
उन्होंने कहा कि आयोग की रिपोर्ट को रद कर दिया जाना चाहिए। बुधवार के बाद बृहस्पतिवार को भी इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई अौर कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखा। बुधवार को चीफ जस्टिस एसजे वजीफदार एवं जस्टिस एचएस सिद्धू की खंडपीठ ने सुनवाई बृहस्पतिवार तक स्थगित कर दी थी।
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बता दें कि हुड्डा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि इस आयोग का गठन जनहित के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक रंजिश के कारण किया गया है। इसके लिए केबिनेट की मंजूरी भी नहीं ली गई। मुख्यमंत्री के निर्णय को कैबिनेट का निर्णय नहीं माना जा सकता।
इसके जवाब में हरियाणा सरकार की तरफ से कार्मिक विभाग के सचिव नितिन कुमार यादव ने हलफनामे दायर कर वह रिकार्ड कोर्ट में सौंपा था, जिसके आधार पर मुख्य मंत्री के आदेशं पर कैबिनेट ने आयोग को मंजूरी दी थी। सरकार ने यह जानकारी भी कोर्ट में दे रखी कि पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने विधानसभा में जांच के लिए 4 नवंबर 2014 को सहमति जताई थी।
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