स्टूडेंट्स ने जाना कैसे बढ़ रहा वायु प्रदूषण
संस्कृति गवर्नमेंट मॉडल स्कूल के बच्चों को नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे पायलट प्रोजेक्ट के तहत गीला और सूखा कूड़ा अलग करने के प्रति जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला के बाद डंपिग ग्राउंड और कंपोस्ट साइट का दौरा करवाया गया।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : संस्कृति गवर्नमेंट मॉडल स्कूल के बच्चों को नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे पायलट प्रोजेक्ट के तहत गीला और सूखा कूड़ा अलग करने के प्रति जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला के बाद डंपिग ग्राउंड और कंपोस्ट साइट का दौरा करवाया गया। निगम के आइईसी प्रोग्राम के तहत यह कार्य एरविस फाउंडेशन के सहयोग से किया गया।
निगम पंचकूला का प्रयास है कि शैक्षणिक संस्थानों और छात्रों के साथ काम करें और उन्हें उनके व्यवहार में परिवर्तन और संवेदीकरण को शामिल करना है। इसका उद्देश्य छात्रों और उनके माता-पिता के माध्यम से घर के कचरे को अलग करना और गीले कूड़े से खाद एवं सूखे कचरे के प्रसंस्करण या रीसाइक्लिग की आवश्यकता समझाना है। वीडियो से दिखाया मानव जीवन पर प्लास्टिक का प्रभाव
एरविस फाउंडेशन की प्रियंका प्रकाश ने कार्यशाला में बच्चों को जानकारी देने के लिए पीपीटी के माध्यम से प्लास्टिक की हानियों के बारे में बताया। प्लास्टिक कचरे के बारे में छात्रों के ज्ञान को देखने के लिए टीम द्वारा पांच मिनट की प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई। कार्यशाला में जीवित प्राणियों पर प्लास्टिक के प्रभाव की कहानी दिखाने वाला एक वीडियो दिखाया गया। सबसे पहले, छात्रों द्वारा प्लास्टिक ऑडिट की पंद्रह मिनट की गतिविधि की गई, जिसके तहत 280 छात्रों के 17 समूह बनाए गए थे। 60 बच्चों की टीम को डंपिग साइट, कंपोस्ट प्लांट और वेस्ट एक्सचेंज साइट पर ले गए, ताकि उन्हें पता चल सके कि हम कितना कचरा पैदा कर रहे हैं और डंपिग में हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की टीम द्वारा डंपिग साइट पर 20-30 मिनट का एक सवाल-जबाव सत्र आयोजित किया गया था, जिसमें अलग-अलग समस्याओं का सामना करने वाले व्यक्तियों के बारे में बताया। वेस्ट एक्सचेंज योजना भी बनाई
कंपोस्ट पिट की प्रक्रिया पर बच्चों द्वारा कंपोस्ट प्लांट के बारे में भी चर्चा की गई। निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल ने बताया कि पंचकूला पहले से ही अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्कूलों में अपशिष्ट विनिमय कार्यक्रम का संचालन कर रहा है और उसने चुनिदा बूथों पर एक वेस्ट एक्सचेंज योजना भी बनाई है, जहां 10 लीटर बोतलों देने पर दूध के आधे पैकेट दिया जाता है।