हरियाणा में ढोसी की पहाड़ियों में बनेगा रोप-वे, कौशल्या बांध और हथनीकुंड बैराज पर एडवेंचर गेम
हरियाणा सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाया है। राज्य में पर्यटक स्थलों को नया रूप दिया जा रहा है राज्य में अब ढोसी की पहाड़ियों पर रोप वे बनेगा। इसके साथ ही कौशल्या डैम और हथनीकुंड बैराज में एडवेंचर गेम शुुरू होंगे।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। हरियाणा के ऐतिहासिक व धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने में जुटी प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाने जा रह है। राज्य में कृष्णा सर्किट के दूसरे चरण को अमलीजामा पहनाएगी। इसी कड़ी में पर्यटन निगम ने नारनौल के नजदीक स्थित ढोसी की पहाड़ी में रोप-वे बनाने और पौराणिक नदी सरस्वती की उद्गम स्थली आदिबद्री के जीर्णोद्धार की ओर कदम बढ़ाया है। पिंजौर में कौशल्या नदी पर स्थित डैम और यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज पर साहसिक खेल शुरू करने की तैयारी है जिससे पर्यटकों को लुभाया जा सके।
कृष्णा सर्किट के पहले फेज में महाभारत युद्ध से जुड़े 48 काेर्स के तीर्थस्थलों का जीर्णोद्धार होगा
कृष्णा सर्किट के पहले फेज में महाभारत युद्ध से जुड़े 48 कोस के तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्धार किया गया। अब दूसरे चरण में ऐतिहासिक स्थलों को चिन्हित किया गया है। हरियाणा के दक्षिणी छोर पर स्थित ढोसी की पहाड़ी पर रोप-वे बनाने के लिए पर्यटन निगम ने करीब 75 करोड़ रुपये का प्रपोजल तैयार कर केंद्र सरकार के पास भेजा है। हरियाणा में यह इस तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा। ढोसी की पहाड़ी की चोटी पर दो मंदिर हैं जिनमें एक 250 साल तो दूसरा 100 साल पुराना है।
मंदिर में च्यवन ऋषि, सुकन्या, कृष्ण और राधा की मूर्तियों को स्थापित किया गया है। इसके अलावा भगवान विष्णु की एक अष्टधातु की मूर्ति शेषश्या पर स्थित है। यहां पर पंचकर्मा केंद्र और पहाड़ी के पास स्थित ढोसी गांव में होटल व रेस्तरां बनाने का भी प्रस्ताव है।
पिछले दिनों पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने खुद ढोसी की पहाड़ी का दौरा कर अधिकारियों को पर्यटन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए थे। वहीं, मोरनी के टिक्कर ताल की तर्ज पर कौशल्या डैम व हथनीकुंड बैराज पर वाटर राफ्टिंग सहित अन्य एडवेंचर गेम शुरू किए जाएंगे।
महाभारत युद्ध से जुड़े तीर्थ स्थलों का हुआ जीर्णोद्धार
कृष्णा सर्किट के पहले चरण में महाभारत युद्ध से जुड़े तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्धार किया गया। इनमें कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर, गीता स्थली ज्योतिसर, सरस्वती तीर्थ पिहोवा सहित कैथल, जींद, पानीपत व करनाल में पड़ती महाभारत के युद्ध क्षेत्र की 48 कोस की परिधि के तीर्थों का नया स्वरूप दिया गया है।
ब्रह्मसरोवर पर म्यूरल बनाने के साथ रंग-बिरंगी लाइटों से लेकर घाटों को संवारा गया। इसके साथ ही ज्योतिसर में महाभारत पर आधारित थीम पार्क पर काम चल रहा है और भगवान श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप स्थापित किया गया है।
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'पर्यटकों को लुभाएंगे ऐतिहासिक स्थल'
'' हरियााणा के पर्यटन स्थलाें को विकसित करने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। ढोसी की पहाड़ी में पर्यटकों को रोप-वे की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रपोजल बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया है। केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी। आदिबद्री का जीर्णोद्धार करने के लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। कृष्णा सर्किट के पहले चरण में महाभारत युद्ध से जुड़े 48 कोस के तीर्थों का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण किया गया है। दूसरे चरण के लिए ऐतिहासिक स्थलों को चिन्हित किया गया है।
- नीरज कुमार, प्रबंध निदेशक, पर्यटन निगम।