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राव नरबीर की डिग्री का मामला गर्माया, दुष्‍यंत ने कहा- सभी विधायकों व सांसदों की जांच हो

राव नरबीर की डिग्री का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सांसद दुष्‍यंत चौटाला ने नरबीर से इस्‍तीफा मांगा है। उन्‍होंने सभी विधायकों व सांसदों की डिग्री की जांच की मांग की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 05:15 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 05:15 PM (IST)
राव नरबीर की डिग्री का मामला गर्माया, दुष्‍यंत ने कहा- सभी विधायकों व सांसदों की जांच हो
राव नरबीर की डिग्री का मामला गर्माया, दुष्‍यंत ने कहा- सभी विधायकों व सांसदों की जांच हो

नई दिल्ली, जेएनएन। सांसद दुष्‍यंत चाैटाला ने फर्जी डिग्री मामले करे लेकर हरियाणा के लोकनिर्माण मंत्री   राव नरबीर सिंह पर हमला किया है। उन्‍होंने कहा कि राव नरबीर पर फर्जी डिग्री लेने का अारोप सही है तो उन्‍हें इस्‍तीफा दे देना चाहिए। हरियाणा के सभी विधायकों और सांसदों की डिग्रियों की जांच होगी चाहिए।

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वह यहां जननायक जनता पार्टी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बैठक में विभिन्‍न मुद्दों पर चर्चा हुई। जननायक जनता पार्टी के नेताओं की बैठक में दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुई। बैठक की अध्‍यक्षता सांसद दुष्‍यंत चौटाला ने की। बैठक में हरियाणा की राजनीतिक हालात और पार्टी की अगली रणनीति को लेकर चर्चा हुई। बैठक में जींद रैली की समीक्षा भी की गई।

दुष्‍यंत चौटाला ने राव नरबीर के डिग्री मामले को लेकर उन पर हमला किया। दुष्यंत ने राव नरबीर से इस्तीफा मांगा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यदि डिग्री नकली है तो राव नरबीर को तुरंत मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। डिग्री नकली होने का मतलब है कि उन्होंने प्रदेश की जनता के साथ धोखा किया।

दुष्‍यंत चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल को हरियाणा के सभी 90 विधायकों और राज्‍य से सभी 15 सांसद (लाेकसभा और राज्‍यसभा सदस्‍य) सांसदों की डिग्री व एफिडेविट की जांच करवानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि अगर सरकार आरटीआइ लगाती है तो सत्ता और विपक्ष के कई नेताओं की पाेल खुल जाएगी। सरकार चाहे तो एक महीने में सभी 105 जनप्रतिनिधियों की डिग्री की जांच कर सकती है।

एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह पर फर्जी डिग्री लेने और चुनाव आयोग को गलत शैक्षणिक ब्योरा देने के आरोप लगए हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता हरिंद्र ढींगरा ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता कर ये आरोप लगाए। ढींगरा ने बताया था कि उन्होंने मई, 2017 में आरटीआइ लगाई थी। इसमें उन्होंने कैबिनेट मंत्री की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी। आरटीआइ के जवाब में जानकारी देने से मना कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने प्रथम अपील दाखिल की। उन्हें 1 दिसंबर, 2018 को तमाम चुनावों में दिए शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिल पाई।

ढींगड़ा ने कह कि इसमें सामने आया है कि राव नरबीर ने चुनाव आयोग में दाखिल किए अपने दस्तावेजों में गलत जानकारी दी और झूठे शपथ पत्र दाखिल किए। ढींगरा ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को गुमराह करने पर केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत करके नरबीर की सदस्यता रद करने की मांग की है।

नरबीर पर ये हैं आरोप

ढींगरा के मुताबिक राव नरबीर ने वर्ष 2005 में 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से करने का शपथ पत्र दिया, जबकि 2009 में चुनाव में उन्होंने 10वीं बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल से करने की बात कही। ढींगरा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री ने जिस विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन का दावा किया, वह डिग्री भी फर्जी है। बकौल, ढींगरा हिंदी विश्वविद्यालय, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा 1967 के बाद जारी तमाम डिग्रियों को सुप्रीम कोर्ट फर्जी करार दे चुका है।

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'' मैंने, कोई फर्जी प्रमाण पत्र नहीं हासिल किया। हरिंद्र ढींगड़ा ने मेरे पर दो बार दसवीं करने का आरोप लगाया है, जो गलत है। मेरे सभी शैक्षिक प्रमाणपत्र सही हैं। हरिंद्र मेरे राजनीतिक विरोधियों के साथ मिलकर साजिश रच रहे हैं। जल्द ही उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करूंगा।

                                                       - राव नरबीर सिंह, लोक निर्माण मंत्री (ट्विटर पर दी गई प्रतिक्रिया)।


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