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रामबिलास ने अतिथियों को याद दिलाया संविधान

सरकारी स्कूलों से हटाए गए गेस्ट की नौकरी बचाने के लिए आंदोलनरत शिक्षकों को कोई रियायत मिलती नजर नहीं आ रही है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने साफ कर दिया है कि संविधान से ऊपर कोई नहीं है। सरकार ने नई भर्ती में गेस्ट को अनेक छूट दी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2015 11:09 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2015 10:26 AM (IST)
रामबिलास ने अतिथियों को याद दिलाया संविधान

चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों से हटाए गए गेस्ट की नौकरी बचाने के लिए आंदोलनरत शिक्षकों को कोई रियायत मिलती नजर नहीं आ रही है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने साफ कर दिया है कि संविधान से ऊपर कोई नहीं है। सरकार ने नई भर्ती में गेस्ट को अनेक छूट दी है तो फिर धरना देने का कोई औचित्य नहीं। अदालत ने भी कहा है कि अगर अतिथि अध्यापकों को नियमित भर्ती में छूट के प्रावधान किए गए हैं तो धरने पर नहीं बैठना चाहिए।

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शर्मा ने कहा कि पूर्व सरकार ने दस वर्ष के कार्यकाल में नियमित भर्ती की ही नहीं। इससे ये समस्या उत्पन्न हुई है। अतिथि अध्यापकों के साथ सरकार की पूरी सहानुभूति है। मामले के समाधान के लिए उच्च अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। न्यायालय के आदेशों की अनुपालना करना सब का दायित्व है।

प्रो. रामबिलास ने कहा कि भाजपा सरकार 9883 पीजीटी/टीजीटी अध्यापकों के पद भरने जा रही है। गेस्ट को इसमें भाग लेना चाहिए। उनके लिए अनुभव के आधार पर आठ अंक व आयु में पांच वर्ष की छूट दी गई है।

आंदोलन के वातावरण के लिए सरकार जिम्मेदार : किरण

कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने प्रदेश में कर्मचारियों के आंदोलनों के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं की मांगें स्वीकार न करने की भी कड़ी आलोचना की है। किरण ने कहा कि सरकार आशा कर्मियों से कांगे्रस सरकार में दिए लाभ भी वापस ले रही है। इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।

आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन के रूप में 500 रुपये प्रतिमाह व हर डिलिवरी के पारिश्रमिक को देखते हुए 50 प्रतिशत वेतन वृद्धि की जाती थी। भाजपा सरकार ने ये सुविधाएं वापस ले ली हैं। किरण ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से गेस्ट टीचर्स को पक्का करने व नौकरी बहाली के साथ ही कंप्यूटर टीचर्स का अनुबंध बढ़ाने की मांग की है।


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