Move to Jagran APP

राखी की बिक्री पर भी पड़ा कोरोना काल का असर

दुकानदारों के मुताबिक इस बार कारोबार में गिरावट दर्ज की गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 09:51 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 06:15 AM (IST)
राखी की बिक्री पर भी पड़ा कोरोना काल का असर
राखी की बिक्री पर भी पड़ा कोरोना काल का असर

राजकुमार, कालका

loksabha election banner

कोरोनाकाल का असर रक्षाबंधन पर्व के मद्देनजर होने वाली राखी की बिक्री पर भी पड़ा है। दुकानदारों के मुताबिक इस बार कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। इस बार करीब 50 फीसद कम कारोबार हुआ। हालांकि राखियां तककरीबन 20 प्रतिशत तक सस्ती बिकीं। यह स्थिति तब रही जब दुकानदारों ने भी चायनीज राखी का बहिष्कार कर दिया था।

सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इससे पूर्व रविवार को लोगों ने राखियों की खरीदारी की। इस बार दुकानदारों के पास राखियों का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक नहीं पहुंचा। बावजूद इसके दुकानदारों ने चायनीज राखियों का बायकाट किया। रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर कालका और पिजौर के बाजारों में रौनक तो जरूर देखने को मिली, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में खरीदारी करने को लेकर लोगों का उत्साह कम देखने को मिला। मिठाई की बिक्री में भी आई गिरावट

इस बार मिठाई के कारोबारियों का भी कारोबार ठंडा ही रहा। अधिकतर लोग कोरोना संक्रमण के डर से मिठाई खरीदने से परहेज कर रहे थे। लोगों का मानना है कि इस वे घर पर बनी मिठाइयों से ही पर्व मनाएंगे। कोरोनाकाल में रक्षाबंधन पर बाजारों में रौनक उम्मीद से ज्यादा है और लोग बाजारों में खरीददारी भी कर रहे हैं। लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष करीब 50 प्रतिशत कारोबार में कमी आई है। कोरोना के साथ साथ इस बार हिमाचल के ग्राहक नहीं पहुंचने के कारण कालका के व्यापार में कमी आई है।

- नरेश मंगला प्रधान व्यापार मंडल कालका । इस बार राखियों के कारोबार में कुछ मंदी जरूर है , लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष राखी करीब 20 प्रतिशत सस्ती भी हुई है। कोरोना महामारी के कारण इस बार राखियां भी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच सकी हैं, जिससे इस बार राखियों की वैरायटी भी कुछ कम हैं। इस बार व्यापार में भी कमी आई है।

-योगेश गोयल व्यापारी। इस बार चायनीज राखियों का बायकाट किया गया है और लोकल राखियां ही रखी हैं। ऐसे में इस बार राखियां कुछ कम मिली हैं और राखियों के कारोबार में करीब 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। हर वर्ष एक सप्ताह पहले राखियों का सिजन शुरू हो जाता था , लेकिन इस बार मात्र दो दिन ही राखियों की सेल हुई है।

- पंकज मंगला व्यापारी ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.