राखी की बिक्री पर भी पड़ा कोरोना काल का असर
दुकानदारों के मुताबिक इस बार कारोबार में गिरावट दर्ज की गई।
राजकुमार, कालका
कोरोनाकाल का असर रक्षाबंधन पर्व के मद्देनजर होने वाली राखी की बिक्री पर भी पड़ा है। दुकानदारों के मुताबिक इस बार कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। इस बार करीब 50 फीसद कम कारोबार हुआ। हालांकि राखियां तककरीबन 20 प्रतिशत तक सस्ती बिकीं। यह स्थिति तब रही जब दुकानदारों ने भी चायनीज राखी का बहिष्कार कर दिया था।
सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इससे पूर्व रविवार को लोगों ने राखियों की खरीदारी की। इस बार दुकानदारों के पास राखियों का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक नहीं पहुंचा। बावजूद इसके दुकानदारों ने चायनीज राखियों का बायकाट किया। रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर कालका और पिजौर के बाजारों में रौनक तो जरूर देखने को मिली, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में खरीदारी करने को लेकर लोगों का उत्साह कम देखने को मिला। मिठाई की बिक्री में भी आई गिरावट
इस बार मिठाई के कारोबारियों का भी कारोबार ठंडा ही रहा। अधिकतर लोग कोरोना संक्रमण के डर से मिठाई खरीदने से परहेज कर रहे थे। लोगों का मानना है कि इस वे घर पर बनी मिठाइयों से ही पर्व मनाएंगे। कोरोनाकाल में रक्षाबंधन पर बाजारों में रौनक उम्मीद से ज्यादा है और लोग बाजारों में खरीददारी भी कर रहे हैं। लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष करीब 50 प्रतिशत कारोबार में कमी आई है। कोरोना के साथ साथ इस बार हिमाचल के ग्राहक नहीं पहुंचने के कारण कालका के व्यापार में कमी आई है।
- नरेश मंगला प्रधान व्यापार मंडल कालका । इस बार राखियों के कारोबार में कुछ मंदी जरूर है , लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष राखी करीब 20 प्रतिशत सस्ती भी हुई है। कोरोना महामारी के कारण इस बार राखियां भी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच सकी हैं, जिससे इस बार राखियों की वैरायटी भी कुछ कम हैं। इस बार व्यापार में भी कमी आई है।
-योगेश गोयल व्यापारी। इस बार चायनीज राखियों का बायकाट किया गया है और लोकल राखियां ही रखी हैं। ऐसे में इस बार राखियां कुछ कम मिली हैं और राखियों के कारोबार में करीब 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। हर वर्ष एक सप्ताह पहले राखियों का सिजन शुरू हो जाता था , लेकिन इस बार मात्र दो दिन ही राखियों की सेल हुई है।
- पंकज मंगला व्यापारी ।