किसानों पर हरियाणा व पंजाब के सीएम की तकरार बढ़ी, अमरिंदर के जवाब पर भारी पड़ रहे मनोहर के सवाल
हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच किसानों के मुद्दों पर तकरार बढ़ती ही जा रही है। मनोहरलाल और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच किसान के हितैषी होने के दावे-प्रतिदावे के बीच सवाल व जवाब का सिलसिला तेज हो गया है। कैप्टन के जवाब पर मनोहर के सवाल भारी हैं।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। कौन किसान हितैषी इस पर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री आमने-सामने हैं। मनोहरलाल और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच इसको लेकर 'जंग' सी छिड़ी हुई है। किसानों के हित साधने को लेकर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच तकरार बढ़ रही है। अभी मनोहरलाल के सवाल कैप्टन अमरिंदर के जवाब पर भारी पड़ते दिख रहे हैं।
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट कर कैप्टन अमरिंदर से पूछे थे आठ सवाल
किसानों को फायदा पहुंचाने को लेकर दोनों मुख्यमंत्रियों के अपने-अपने दावे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगे जाने के बाद दोनों राज्यों में यह तकरार तेज हुई है। एक के बाद एक आठ ट्वीट कर कैप्टन से आठ सवाल पूछने वाले मनोहर लाल ने किसान हित के मुद्दों पर पंजाब सरकार की घेराबंदी की है।
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर ने जवाब तो दिए, लेकिन हरियाणा सरकार ने किए खारिज
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने मनोहर लाल के इन सवालों का जवाब तो दिया, लेकिन जानकारों को उनके जवाब में खास दम नजर नहीं आ रहा है। हरियाणा सरकार ने भी पंजाब सरकार के जवाबों को खारिज किया है।
कैप्टन अमरिंदर व मनोहर लाल के बीच तकरार उस समय शुरू हुई, जब कैप्टन ने कहा कि करनाल मेें किसान प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के लिए मनोहर लाल को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। इसके जवाब में मनोहर लाल ने कहा कि कैप्टन मेरा इस्तीफा मांगने वाले कौन होते हैं, जिस तरह उन्होंने किसान संगठनों को आंदोलन के लिए उकसा रखा है, उसे देखते हुए तो इस्तीफा कैप्टन अमरिंदर सिंह को देना चाहिए।
मनोहर लाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने सोमवार रात तो लगातार आठ ट्वीट किए और कैप्टन अमरिंदर से किसानों के हितों पर आठ ही अहम सवाल पूछे। कैप्टन ने मंगलवार को इन सवालों का जवाब दिया, लेकिन तथ्यों व दलीलों के आधार पर पंजाब पर हरियाणा के सवाल भारी पड़ते दिखाई दिए हैं।
मनोहर लाल ने कैप्टन अमरिंदर से पहला सवाल पूछा था कि केंद्र सरकार गेहूं व धान की फसल ही एमएसपी पर खरीदती है। इन दोनों फसलों समेत हरियाणा 10 फसलें एमएसपी पर खरीदता है। पंजाब सरकार कितनी फसलें एमएसपी पर खरीदती है। कैप्टन ने इस सवाल का कोई जवाब अपने ट्वीट में नहीं दिया। मनोहर लाल का दूसरा सवाल था कि हरियाणा अपने राज्य के उन किसानों को सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देता है, जो पानी की बचत की मंशा से धान की खेती छोड़ने को तैयार होते हैं। इसके जवाब में कैप्टन अमरिंदर ने सिर्फ इतना कहा कि पंजाब सरकार पानी की बचत के लिए बहुत गंभीर है।
मनोहर लाल ने अपने तीसरे सवाल में पंजाब से पूछा कि 72 घंटे से अधिक फसल की पेमेंट लेट होने पर क्या पंजाब अपने किसानों को हरियाणा की तरह 12 फीसद ब्याज देता है। इस सवाल पर कैप्टन का जवाब था कि हम चूंकि 72 घंटे के अंदर पूरी पेमेंट कर देते हैं, इसमें हमें किसानों को ब्याज देने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
मनोहर लाल ने अपने चौथे सवाल में कैप्टन से पूछा कि क्या पंजाब सरकार अपने किसानों को हरियाणा सरकार की तरह धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को पांच हजार रुपये प्रति एकड़ देती है। इसके जवाब में कैप्टन ने कहा कि हम किसानों को रबी व खरीब की फसलों में करीब दो हजार करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दे चुके हैं। यह किस मद में है, यह पंजाब की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है।
गन्ने के बढ़े रेट पर पंजाब का दावा हरियाणा से कमजोर
हरियाणा सरकार ने अपने पांचवें सवाल में पंजाब सरकार से पूछा कि क्या हरियाणा की तरह पंजाब अपने किसानों को पराली प्रबंधन के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि देता है। इसके जवाब में पंजाब सरकार ने कहा है कि हरियाणा में किसानों के प्रति अत्याचार और अपराध बढ़ रहे हैं। मनोहर लाल ने छठे सवाल में कहा कि हरियाणा सरकार बागवानी फसलों को बढ़ावा दे रही और भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को बाजार में होने वाले नुकसान की भरपाई करती है। इसके जवाब में कैप्टन ने कहा कि पंजाब सरकार मक्का और कपास की फसलों को प्रोत्साहित कर रही है।
हरियाणा ने पंजाब से पूछा कि क्या आपके यहां गन्ने का कितना रेट है, क्योंकि हरियाणा सरकार पिछले सात साल से अपने राज्य के किसानों को देश में सबसे अधिक गन्ने का भाव उपलब्ध करा रही है। इसके जवाब में कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि हमने हरियाणा से ज्यादा रेट कर दिया है। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा हरियाणा में अधिक रेट होने का मुद्दा होने के बाद पंजाब सरकार ने अपने यहां हाल में गन्ने के रेट बढ़ाए हैं।
सूक्ष्म सिंचाई और सस्ती बिजली पर विरोधाभास
हरियाणा सराकर ने अपने आखिरी सवाल में पूछा कि क्या पंजाब सरकार हरियाणा की तरह माइक्रो इरीगेशन (सूक्ष्म सिंचाई) को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को उपकरणों पर 85 फीसद सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इसके जवाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में चार रुपये प्रति यूनिट की दर से किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जाती है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर विनोद मेहता ने पंजाब सरकार के इन जवाब पर असहमति जाहिर करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार और उसके प्रतिनिधि किसानों के मुद्दों पर पंजाब सरकार और उनके प्रतिनिधियों से किसी भी मंच पर खुली बहस करने को तैयार हैं।