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हरियाणा में कृषि विधेेयकों के विरोध में किसानों का चक्का जाम, पुलिस ने बार्डर पर पंजाब के कांग्रेस नेताओं को खदेड़ा

हरियाणा में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान संगठनों के चक्का जाम के आह्वान पर कई जगह किसान सड़कों पर डटे हैं। पुलिस प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए चौकस है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 11:43 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 04:13 PM (IST)
हरियाणा में कृषि विधेेयकों के विरोध में किसानों का चक्का जाम, पुलिस ने बार्डर पर पंजाब के कांग्रेस नेताओं को खदेड़ा
हरियाणा में कृषि विधेेयकों के विरोध में किसानों का चक्का जाम, पुलिस ने बार्डर पर पंजाब के कांग्रेस नेताओं को खदेड़ा

जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयकों के विरोध में हरियाणा में किसान सड़कों पर उतर आए हैं। भारतीय किसान यूनियन सहित 17 किसान व मजदूर संगठनों ने आज इसके विरोध में चक्का जाम का एलान किया था। कुछ स्थानों पर किसान सड़क मार्ग पर डटे हुए हैं। आंदोलन से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन चौकस है। हरियाणा अलर्ट पर है। जगह-जगह नाकाबंदी की गई है। वहीं, पंजाब यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते हरियाणा में प्रवेश कर दिल्ली की तरफ कूच कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें अंबाला में बार्डर पर ही रोक दिया। उन्होंने बेरिकेट्स तोड़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें तीतर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी। प्रदर्शनकारियों ने बार्डर पर ट्रैक्टर भी फूंका।

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अंबाला में किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा पंजाब बार्डर दोपहर में ही सील कर दिया गया था। बार्डर के सद्दोपुर में एसपी अभिषेक और डीएसपी राम कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स मुस्तैद है। 

अंबाला में  पंजाब बार्डर पर किसानों व कांग्रेसियों को खदेड़ती पुलिस।

वहीं, सद्दोपुर बार्डर पर भी एक हिस्से में हरियाणा पुलिस के 400 पुरुष और महिला मुलाजिमों ने मोर्चा संभाला हुआ है। यहां आधुनिक हथियारों से लैस पुलिस के जवान आसपास के गांवों के इंट्री प्वाइंट पर नाका लगाकर आने जाने वालों से पूछताछ कर जाने दे रहेेह हैंं। वहींं, ,पंजाब की सीमा पर जंडली में पंजाब पुलिस ने डेरा जमाए रखा। पंजाब पुलिस के अधिकारी भी पल पल की अपडेट अपनी सरकार और अधिकारियों को देते रहे। पंजाब और हरियाणा पुलिस ने आपास में तालमेल बनाए रखा। बलदेवनगर- नारायणगढ़ मोड़, हिसार-कैथल मार्ग व सुल्तानपुर चौक पर भी पुुुुुलिस बल तैनात है।

सिरसा के गांव पंजुआना में नेशनल हाईवे पर इकट्ठा हुए किसान।

उधर, कृषि विधेयकों के विरोध में रविवार दोपहर को जींद के अलेवा में किसानों व आढ़तियों ने मिलकर जींद-असंध मार्ग को जाम कर दिया। प्रशासन ने किसानों से जाम नहीं लगाने का आह्वान किया, लेकिन किसानों ने अधिकारियों की बात को नहीं सुना और मार्ग के बीच में बैठ गए। हालांकि किसानों ने प्रशासन को यहां पर चकमा देकर जाम लगाया है, क्योंकि जिले के किसानों ने जुलाना व बड़ौदा गांव में जाम लगाने का प्वाइंट निर्धारित किया हुआ था, लेकिन किसान वहां पर जाने के बजाए दूसरी जगहों पर जाम लगा रहे हैं।

जींद में करनाल मार्ग पर बैठे किसान।

किसान संगठनों के बंद के आह्वान को देखते हुए डीसी डॉ. आदित्य दहिया खुद कमान संभाले हुए हैं और अधिकारियों को किसानों के बीच में भेजकर आह्वान किया जा रहा है कि वह अपने आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से करें। डीसी व एएसपी अजीत शेखावत ने जिले में जगह-जगह पर लगे नाकों पर निरीक्षण किया। एसपी शशांक कुमार सावन ने लोगों से भी अपील की है कि अगर जरूरी न हो तो 12 से 3 बजे तक अपने घरों में रहे। इसके बावजूद भी मुख्य मार्गों पर पुलिस बल तैनात रहेगा। जिलेे में कानून व्यवस्था बनाएं रखने के लिए 8 डीएसपी, 22 इंस्पेक्टर व 800 पुलिस कर्मी ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं।

कैथल में तितरम मोड़, पयोद रोड सहित चार जगहों पर किसानों ने जाम लगा दिया।

कुरुक्षेत्र में भाकियू नेताओं ने अनाज मंडी बाबैन के गेट पर कि सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भाकियू के मंडल अध्यक्ष बलकार सिंह व जिला अध्यक्ष कृष्ण लाल ने कहा कि आज का रोड जाम मात्र संकेतिक है। यदि सरकार अध्यादेश वापस लेने के लिए तैयार नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद में अंंबाला-हिसार हाइवे पर भी किसानों की भीड़ जुट गई है। किसानोंं ने यहां जाम लगा दिया है। मौके पर स्वयं एसपी आस्था मोदी पहुंची हैं। वहीं, सिरसा के गांव पंजुआना में नेशनल हाइवे पर किसान एकत्र हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

करनाल में घरौंडा क्षेत्र में किसानों ने कोहंड-असंध मार्ग पर भाकियू नेताओं की अगुवाई में जाम लगा दिया है। किसान सड़क पर बैठ गए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। भाकियू नेता जगदीप ओलख, अजय राणा व सुकर्म पाल बेनीवाल आदि उनका नेतृत्व कर रहे हैं। इसके अलावा बल्ला में भी किसानों ने जाम लगा दिया है। अन्य क्षेत्रों में भी वे लगातार एकजुट हो रहे हैं। 

करनाल में सड़क पर बैठे किसान।

दूसरी ओर, किसानों के आंदोलन को लेकर पुलिस भी लगातार अलर्ट पर है। इसके लिए खासतौर पर छह कंपनियां लगाई गई हैं। जीटी रोड पर छह पीसीआर तैनात हैं, लगातार किसानों की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। एसपी एसएस भौरिया खुद भी निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने सात डीएसपी व 16 इंस्पेक्टरों को सुरक्षा व्यवस्था की कमान सौंपी है। किसान यूनियन की घोषणा के आधार पर करनाल अनाज मंडी, इंद्री में भादसों, नीलोखेड़ी में अंजनथली कुटिया, असंध में जयसिंहपुरा, बल्ला, गगसीना, घरौंडा और तरावड़ी आदि क्षेत्रों को सर्वाधिक संवेदनशील मानते हुए यहां पर्याप्त संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है।

एसपी एसएस भौरिया ने बताया कि करनाल अनाज मंडी पर पुलिस की एक कंपनी, इंद्री में दो, असंध में तीन, नीलोखेड़ी व तरावड़ी में एक व घरौंडा में पुलिस की एक कंपनी बीती रात से तैनात है। यदि जरूरी हुआ तो रूट डायवर्ट करने की योजना भी है, ताकि लोगों को परेशानी न हो। जीटी रोड को सुचारू रूप से चलाया जाएगा। किसान शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन कानून काे हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है। उन्हें अपना विरोध शांतपूर्ण तरीके से जताना चाहिए।

फतेहाबाद में टोहाना खंड के गांव कन्हेड़ी व समैन में बस स्टैंड पर किसानों ने जाम लगाया। टोहाना बस डिपो ने हिसार जाने वाली सभी बस सेवाओं को रोक दिया गया है। सुबह रोहतक के लिए निकली बस जींद से वापस आई। वहींं, भिवानी में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान मुंढाल पार्क में एकत्र हो रहे हैं।

प्रदेशभर में आंदोलन से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने सख्त इंतजाम किए हैं। संवेदनशील स्थानों पर पड़ते टोल प्लाजा और मुख्य सड़कों पर पुलिस ने नाकाबंदी की हुई है। पुलिस महानिदेशक मनोज यादव और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था नवदीप विर्क ने सभी पुलिस अधीक्षकों से बातचीत कर स्थिति पर नजर बनाए रखने और हालात पर संयम से काबू पाने के निर्देश दिए हैं।

वहीं, गृह सचिव विजय वर्धन ने शाम को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये सभी जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक की। गृह सचिव ने कहा कि सभी डीसी-एसपी बंद का आह्वान करने वाले लोगों के साथ संपर्क बनाएं और प्रदर्शन शांतिपूर्वक ढंग से होना सुनिश्चित करें। कोई भी अधिकारी जिला मुख्यालय न छोड़े। चक्का जाम के दौरान कहीं पर भी तनाव की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए। 

हरियाणा में आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन के अफसर-कर्मचारियों के साथ ही अस्पतालों में मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। निजी अस्पतालों और एंबुलेंस को भी पूरे स्टाफ के साथ अलर्ट पर रखा गया है।


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