पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में जीपीए खोलने से चलेगा प्रॉपर्टी कारोबार
गिरावट न आए क्योंकि पहले ही यह कारोबार काफी मंदी के दौर से गुजर रहा था।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : लॉकडाउन के बाद प्रॉपर्टी कारोबार को लेकर भी कई तरह की असमंजस बढ़ने लगी है। लोगों में भय बना है कि कहीं प्रॉपर्टी के दामों में गिरावट न आए क्योंकि पहले ही यह कारोबार काफी मंदी के दौर से गुजर रहा था। ऐसे में प्रॉपर्टी और रियल एस्टेट व्यवसायियों को सरकार से काफी उम्मीद है कि वह इस कारोबार को बनाए रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए। क्योंकि इस कारोबार से दूसरे काम भी जुड़े हैं।
-हरियाणा स्टेट प्रॉपर्टी डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान सुरेश अग्रवाल ने बताया कि प्रॉपर्टी कारोबार में हालांकि बड़ी तेजी या मंदी की संभावना नहीं है लेकिन सरकार को इस व्यवसाय को बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। अगर सरकार रियल एस्टेट को बढ़ावे की ओर ले जाने के लिए कलेक्टर रेट को कम किया जाए और स्टांप ड्यूटी भी घटाई जानी चाहिए। साथ ही पंजाब की तर्ज पर जनरल पावर ऑफ अटार्नी खोलनी पड़ेगी। एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लेकर जीपीए खोली जाए।
-एसोसिएशन के महासचिव अशोक पवार ने कहा कि सरकार को चंडीगढ़ की तरह औद्योगिक इकाइयों में भी व्यवसायिक गतिविधियां करने की परमिशन देनी चाहिए। साथ ही कमर्शियल एरिया में फ्लोर वाइज रजिस्ट्री की परमिशन देने से ही प्रॉपर्टी कारोबार में तेजी आएगी। अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है कि लॉकडाउन के बाद क्या स्थिति रहेगी।
-प्रॉपर्टी कारोबार अनुराग पुरी ने कहा कि सरकार को बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए मदद करनी होगी। अब लेबर वापस चली गई है। ट्राईसिटी में बड़े-बड़े काम पूरे होने हैं। इसलिए सरकार को इस ओर मदद करने के लिए काम चाहिए। सारे प्रोजेक्टों को पूरा करवाकर बिजनेस को बढ़ाने से प्राइवेट नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे। सरकार द्वारा वैसे ही एक साल तक नौकरियों पर रोक लगा दी गई हैं।
-सुरेश अग्रवाल ने बताया कि इस समय हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में इस समय लोगों को बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने के लिए बुला लिया जाता है लेकिन स्टाफ न आने के कारण हाजिरी नहीं लग रही। बायोमीट्रिक करवाने के लिए कर्मचारी नहीं आ रहे। इस समय वही लोग आ रहे हैं जोकि स्थानीय खरीदार एवं बेचने वाले हैं। वैसे प्राधिकरण द्वारा बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं लगवानी चाहिए क्योंकि जब तहसील में होनी है तो प्राधिकरण में हाजिरी का उद्देश्य नहीं बनता। प्राधिकरण की ओर से केवल एनओसी दी जाती है। एक बायोमीट्रिक के लिए 10 लोग आते हैं जिसकी कोई जरूरत नहीं है। एचएसवीपी द्वारा दी जाने वाली ट्रांसफर परमिशन टू सेल 90 दिन में खत्म होती है, ऐसे 40 दिन तो लॉकडाउन में ही निकल चुके हैं। इसलिए जितना समय लॉकडाउन का निकला है, उसे भी 90 दिनों में से अलग किया जाए।