घोटाला: डेढ़ लाख टन चावल नहीं लौटा रहे मिलर्स, संपत्ति कुर्की की तैयारी
हरियाणा सरकार के चावल घोटाले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। 300 करोड़ रुपये केचावल का घोटाला करने वाले राइस मिलर्स की संपत्ति अब कुर्क होगी।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा सरकार का 300 करोड़ रुपये का चावल डकार गए राइस मिलर्स तमाम प्रयासों के बावजूद न तो चावल लौटाने का नाम ले रहे और न ही पैसा। तीन सरकारी खरीद एजेंसियों का करीब डेढ़ लाख टन चावल इन डिफाल्टरों के पास है। ब्लैक लिस्ट हो चुके 94 राइस मिलर्स पर एफआइआर दर्ज कराने के बाद अब सरकार ने कोई चारा न देख इनकी संपत्ति कुर्क कराने की तैयारी कर ली है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का एक लाख पांच हजार मीट्रिक टन चावल 59 राइस मिलर्स के पास फंसा
प्रदेश में मुख्य रूप से खाद्य, आपूर्ति एवं नागरिक मामले विभाग, हरियाणा राज्य भंडारण निगम और हरियाणा कृषि उद्योग निगम किसानों से धान की खरीद कर व्यापारियों से चावल निकलवाते हैं। यह चावल भारतीय खाद्य निगम के जरिये केंद्रीय पूल में भेजा जाता है। वर्तमान में खाद्य, आपूर्ति एवं नागरिक मामले विभाग का जहां एक लाख पांच हजार मीट्रिक टन चावल 59 राइस मिलर्स में फंसा है, वहीं हरियाणा कृषि उद्योग निगम का 27 हजार टन चावल 23 राइस मिलर्स नहीं लौटा रहे।
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इसी तरह भंडारण निगम का 12 हजार 428 टन चावल दस राइस मिलर्स ने दबा रखा है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने वर्ष 2010 से 2015 तक खरीदा गया जो धान राइस मिलर्स को दिया था उसमें से मिलर्स ने करीब 115 करोड़ रुपये का चावल नहीं लौटाया। इसी तरह करीब साढ़े 24 करोड़ रुपये का चावल कम दिया गया। पूरे खेल में विभाग के अफसरों की मिलीभगत रही। वर्ष 2013-14 में राइस मिलर्स पर सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) 47 हजार 352 टन पहुंच गई थी, लेकिन इसकी रिकवरी के लिए कोई प्रयास नहीं हुए।
चावल मिल मालिक दस साल तक लगाते रहे सरकार को चूना
सरकार से धान लेकर चावल नहीं लौटाने का खेल सन 2004 से चला आ रहा है। सत्ता परिवर्तन के बाद वर्तमान भाजपा सरकार ने सख्ती दिखाई तो डिफाल्टर राइस मिलर्स ने सरकारी चावल लौटाना शुरू कर दिया। नतीजन वर्ष 2016-17 सीएमआर की मात्रा 1736 टन रह गई थी। चावल नहीं लौटाने वाले राइस मिलर्स को डिफाल्टर घोषित कर उनके खिलाफ केस दर्ज कराए गए हैं।
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इनमें ज्यादातर मामले वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा 2015-16 के हैं। कुरुक्षेत्र और करनाल में दो राइस मिलर्स की प्रापर्टी अटैच कर करीब 11 करोड़ रुपये वसूले जा चुके, जबकि कुरुक्षेत्र में 25 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
विधानसभा में उठा मुद्दा, सरकार ने दी सफाई
इनेलो विधायक परमिंद्र सिंह ढुल ने हाल ही में खत्म हुए हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में यह मुद््दा उठाया। जवाब में खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज ने बताया कि करीब 99.3 फीसद सीएमआर की वसूली हो चुकी है। कुछ राइस मिलर्स अपनी बकाया सीएमआर नहीं चुका रहे थे जिनके खिलाफ एफआइआर कराई गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल से निर्धारित समय में धान से चावल निकाल कर दे रहे राइस मिलर्स को गारंटी मनी से छूट देगी। अप्रैल तक सीएमआर नहीं लौटाने वाले राइस मिलर्स से कुल मूल्य की 75 फीसद गारंटी मनी लेने के बाद ही उन्हें धान दिया जाएगा।