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मिशन 2019: भाजपा की निगाह हारी हुई 43 सीटें जीतने पर, विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी

हरियाणा में भाजपा ने हारी हुई सीटें मंत्रियों व भाजपा विधायकों के हवाले की हैं। विधायक इन सीटों पर जीत के लिए मेहनत करेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 25 Mar 2018 02:00 PM (IST)Updated: Sun, 25 Mar 2018 09:02 PM (IST)
मिशन 2019:  भाजपा की निगाह हारी हुई 43 सीटें जीतने पर, विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी
मिशन 2019: भाजपा की निगाह हारी हुई 43 सीटें जीतने पर, विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। मिशन 2019 की तरफ बढ़ रही हरियाणा भाजपा की निगाह अब हारी हुई विधानसभा सीटें जीतने पर है। पिछले चुनाव में भाजपा को 47 सीटें मिली थीं, जबकि 43 सीटों पर वह हार गई थी। इनमें करीब एक दर्जन सीटें ऐसी रही, जिन पर भाजपा उम्मीदवारों की हार मात्र 500 से ढाई हजार वोट के अंतर से हुई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश के बाद अब पार्टी ने मौजूदा मंत्रियों और विधायकों को हारी हुई विधानसभा सीटें जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुछ विधायकों ने काम संभाल लिया तो कुछ अभी इंतजार कर रहे हैं।

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हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 47 है। एक बसपा और पांच आजाद विधायकों में से चार ने भाजपा सरकार को समर्थन दे रखा है। इनेलो के 19, अकाली दल का एक और कांग्रेस के 17 विधायक हैं। अकाली दल विधायक का समर्थन इनेलो के साथ है और एक इनेलो विधायक विभिन्न अवसर पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ दिखाई देता है।

हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव हालांकि अलग-अलग समय पर होंगे, लेकिन जिस तरह से भाजपा ने रोहतक, सिरसा और हिसार संसदीय सीटों को जीतने की रणनीति पर काम शुरू कर रखा है, ठीक उसी तरह से अब हारी हुईे 43 विधानसभा सीटें जीतने की कार्य योजना भी पार्टी और सरकार ने मिलकर बनाई है।

इसके लिए भाजपा के सभी 13 मंत्रियों, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और विधायकों को हारे हुए हलकों में पहुंचकर मोर्चा संभालने के निर्देश दिए जा चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब सात माह पहले रोहतक आए थे, तभी वे सरकार और संगठन को इस काम की जिम्मेदारी सौंपकर गए थे, मगर पार्टी ने विधायकों की जिम्मेदारी अब जाकर लगाई है।

विधायकों और मंत्रियों से कहा गया है कि वे संगठन और हारे हुए उम्मीदवारों के साथ-साथ टिकट के नए दावेदारों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें शुरू करें। विधायकों को जिन हलकों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनकी लिस्ट को पार्टी हालांकि सार्वजनिक करने से बच रही है। सूत्रों से पता चला है कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को कैथल और भाजपा व्हिप ज्ञानचंद गुप्ता को पिहोवा हलकों को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

भाजपा संगठन ने सिरसा जिले की पांचों विधानसभा क्षेत्रों को जिताने का प्रभार भी विधायकों को दे दिया है। हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता को कालांवाली, अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल को सिरसा, लाडवा के विधायक डा. पवन सैनी को डबवाली, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी को ऐलनाबाद और खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज को रानियां विधानसभा क्षेत्र को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

दो मोर्चों पर जूझना होगा विधायकों को

भाजपा संगठन द्वारा जिन विधायकों को हारे हुए हलके जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, अब आगामी चुनाव में टिकट वितरण में उनकी सिफारिश काफी अहम रहने वाली है। सभी विधायक अपने संगठन का काम पूरा करने के बाद एक रिपोर्ट संगठन को देंगे, जिसमें संभावित प्रत्याशियों के नाम भी हो सकते हैं। हालांकि इन विधायकों को अपनी टिकट और सीट भी बचानी होगी। ऐसे में उन्हें एक साथ दो मोर्चों पर जूझना होगा।

मंत्रियों को प्रभारी जिलों में रात बिताने के निर्देश

भाजपा संगठन ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे जिस जिले के प्रभारी मंत्री हैं, वहां जब भी बैठक करने जाएं तो रात्रि विश्राम वहीं करें। कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद अधिकारियों को भी आवश्यक हिदायतें जारी करें। मंत्रियों की इस जिम्मेदारी को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के हरियाणा दौरे के बाद तय किया गया बताया जा रहा है।

टिकट वितरण में पार्टी का सिस्टम ही काम करेगा

हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला का कहना है कि हमने किसी विधायकों को प्रभार जैसी कोई जिम्मेदारी नहीं दी है, लेकिन विधायकों को संगठनात्मक व राजनीतिक गतिविधियां चलाने की जिम्मेदारी विभिन्न हलकों में जरूर सौंपी है। इन विधायकों को संगठन को मजबूत करने को कहा गया है। विधायक संबंधित हलकों में जाकर बूथ से लेकर मंडल इकाइयों तथा शक्ति केंद्रों को मजबूत करने में लग गए हैं। रही टिकट आवंटन की बात तो पार्टी के सिस्टम को अपनाया जाएगा। संबंधित विधायक से लेकर कार्यकर्ताओं तक की राय को संगठन पूरी अहमियत देगा।

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