भिवानी में गली-गली में बन रही PPE Kit खतरनाक, संगठन ने हाई कोर्ट में दायर की याचिका
हरियाणा के भिवानी में गली-गली में मानकों के विपरीत पीपीई किट तैयार की जा रही है। इस संबंध में हाई कोर्ट में शिकायत दायर की गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज व करने वाले मेडिकल स्टाफ व उनके संपर्क में रहने वालों के लिए PPE Kit (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स ) जरूरी है, ताकि वो अपने को संक्रमण से बचा सके। कई बार यह देखा गया है कि कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ PPE Kit पहनने के बाद भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। इसके लिए कुछ हद तक निम्न स्तर की PPE Kit भी जिम्मेदार होती है।
भिवानी में कई गलियों में घर-घर में निम्न स्तर की पीपीई किट तैयार की जा रही है जो स्वास्थ सेवा से जुड़े लोगों के लिए एक खतरा पैदा कर रही है। इस विषय को लेकर भिवानी के एक गैर सरकारी संगठन स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने PPE Kit के स्तर के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए हुए हैं, लेकिन भिवानी में कुछ लोग पैसे के लालच में निम्न स्तर व स्वास्थ्य मंत्राालय के नियमों के खिलाफ यह किट घर में तैयार कर बेच रहे है। निम्न स्तर व नकली किट का काफी संख्या में उत्पादन किया जा रहा है।
PPE Kit यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स। ऐसे सामान जिससे संक्रमण से खुद को बचाने में मदद मिले। कोरोना वायरस चूंकि संक्रामक बीमारी है इसलिए इससे बचने के लिए लोग मास्क पहन रहे हैं, बार-बार हाथ साफ कर रहे हैं, लोगों से दूरी बनाकर बात कर रहे हैं। आम लोग तो मास्क और दास्ताने का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और मेडिकल स्टाफ को सिर से पांव तक वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और ये सारी चीजें PPE Kits हैं।
निम्न स्तर की किट न तो मेडिकल स्टाफ की संक्रमण से रक्षा करती है और न ही किसी तरह की हाइजैनिक तकनीक का इसमें प्रयोग का किया है। इस तरह की किट का प्रयोग कर डाक्टर या अन्य उपयोगकर्ता पर संक्रमण का खतरा बना रहता है। ऐसे में इस पर रोक लगनी चाहिए व दोषी लोगोंं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। याची ने कोर्ट को बताया कि इस बाबत उसने भिवानी में गली-गली में तैयार होने वाली PPE Kit की फोटो समेत राज्य के मुख्य सचिव को भी शिकायत की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए याची को कहा कि वो स्थानीय प्रशासन के सामने अपनी शिकायत रखे। कोर्ट ने सरकार को भी याची द्वारा दी गई शिकायत पर कार्रवाई करने को कहा। इसी के साथ कोर्ट ने याची को यह भी छूट दी कि अगर उसकी मांग पर उचित कार्रवाई नहीं होती है तो वह दोबारा इस विषय में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।