गर्मियों में बड़े जल संकट का अंदेशा, आधा रह गया यमुना नदी से हरियाणा को मिलने वाला पानी
Haryana Water Crisis हरियाणा के लोगों को इस बार गर्मियों में बड़े जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। हरियाणा को यमुना नदी से मिलने वाला पानी एक साल में आधा रह गया है। ऐसे में पानी की समस्या गंभीर हो सकती है।
चंडीगढ़, [बिजेंद्र बंसल]। Haryana Water Crisis: हरियाणा के लोगों को इस बार गर्मियाें गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण है यमुना नदी में जल की कम उपलब्धता और इसके मिलने वाले जल में हरियाणा के हिस्से की कटौती। ऐसे में अभी से इसके लिए तैयार हो जाएं। हरियाणा को यमुना नदी से मिलने वाला जल पिछले एक साल में आधा रह गया है।
बता दें कि यमुना नदी के जल में हिस्से को लेकर हरियाणा और दिल्ली के बीच काफी पुराना विवाद रहा है। राज्य में अन्य जल स्रोत से मिलने वाले पानी में लगातार कमी हो रही है। इसने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। मनोहरलाल सरकार का कहना है कि पिछले एक साल में यमुना और भाखड़ा बांध से लेकर अन्य सभी जलस्रोत से पानी कम मात्रा में मिल रहा है। इसके बावजूद इसके सरकार ने बेहतर जल प्रबंधन कर प्रदेशवासियों को जल संकट से निजात दिलाई है।
पानी की समस्या का मामला दो दिन पहले हरियाणा विधानसभ में भी उठा था। भिवानी जिले में पानी किल्लत को लेकर कांग्रेस की विधायक किरण चौधरी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया था। इस पर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि यमुना नदी से मिलने वाला पानी आधा रह गया है। इसके अलावा सतलुज रावी ब्यास का पानी भी प्रतिदिन 7860 क्यूसिक से 6117 क्यूसिक ही रह गया है। कृषि मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार दिल्ली को 1050 क्यूसिक पानी प्रतिदिन और 420 क्यूसिक पानी गुरुग्राम को प्रतिदिन दिया जा रहा है।
50 फीसद कम मिल रहे पानी की एवज में भिवानी में हुई 18 फीसद कटौती
आंकड़ों में सरकार ने माना कि भिवानी में पिछले साल की तुलना में 18 फीसद पानी कम दिया गया है मगर जल स्रोतों से तो 50 फीसद तक कम पानी मिल रहा है। कैरू, बीरन, रिवासा, कुसुंभी, धानी महू, बजिना, बपोरा, सिवानी, जुई, बेहल और तोशाम गांवों के क्षेत्र सुंदर सब ब्रांच की बुर्जी संख्या 121361 से पानी प्राप्त किया जाता है, जो बुटाना शाखा से निकलकर आगे हांसी शाखा मूनक हेड से निकलती है। जुई और निगाना प्रणाली के पानी के टैंक को छोड़कर उनकी क्षमता का 50 फीसद से अधिक भरा गया। इसके अलावा पशुओं के लिए 234 गांव के तालाब भी भरे गए हैं।
भाखड़ा डैम और यमुना से हरियाणा को मिल रहा पानी' 2019-20,
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माह भाखड़ा डैम से (क्यूसिक प्रतिदिन)- यमुना नदी से( क्यूसिक प्रतिदिन) -कुल (क्यूसिक दिन में प्रतिदिन)
साल 2019-20
- अक्टूबर- 238366- 239733 - 478099
- नवंबर- 250402- 73943 - 324345
- दिसंबर- 259019 - 62392 - 321411
- जनवरी- 267044 - 91126 - 358170
- फरवरी- 259217- 64612- 323829
- कुल- 1274048 - 531806 - 1805854
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2020-21
- अक्टूबर - 255775 - 87281 - 343056
- नवंबर - 254832 - 56600 - 311432
- दिसंबर- 235825 - 46473 - 282298
- जनवरी - 229632 - 34738 - 273370
- फरवरी - 10623 - 25502 - 236125
- कुल - 1186687 - 259594 - 1446281
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यमुना में 2020-21 के दौरान पानी की उपलब्धता 50 फीसद रह गई।
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विभिन्न जिलों में पानी का अस्थायी वितरण
जिला, 2019-20 2020-21 2020-21 में वितरित पानी की उपलब्धता (फीसद में)
- फतेहाबाद- 114032 117794, 103.30
- गुरुग्राम- 63420 63420 100
- रेवाड़ी - 58096 51043 87.86
- भिवानी- 136377 112567 82.54
- करनाल- 14299 5452 38.13
- पानीपत- 28877 13590 47.06
- झज्जर- 44381 23342 52.59