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सिंधिया व रणजीत चौटाला की घनिष्ठता का गणित, जाने... सियासत से जुड़ी और भी रोचक खबरें

राजनीति में बहुत कुछ ऐसा होता है जो मीडिया में सुर्खियां नहीं बन पाता। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसी ही राजनीतिक गॉशिप्स पर...

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 05:15 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 05:15 PM (IST)
सिंधिया व रणजीत चौटाला की घनिष्ठता का गणित, जाने... सियासत से जुड़ी और भी रोचक खबरें
सिंधिया व रणजीत चौटाला की घनिष्ठता का गणित, जाने... सियासत से जुड़ी और भी रोचक खबरें

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की राजनीति में नई खबर चल रही है। इस खबर के सूत्रधार कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए मप्र के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह हैं। सिरसा जिले की रानियां सीट से निर्दलीय विधायक चौटाला ने पिछले सप्ताह खारियां में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और सीएम मनोहर लाल की बड़ी रैली की है। राजस्थान में भी भाजपा जोड़-तोड़ की फिराक में है। भाजपा के पास जाट नेताओं के रूप में बीरेंद्र सिंह, ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु, जेपी दलाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के रूप में मजबूत टीम है, लेकिन नड्डा राजस्थान में रणजीत व ज्योतिरादित्य के बूते मिलकर कोई बड़ा गेम बनाने की रणनीति बना रहे हैं। देवीलाल के पुत्र रणजीत की सिंधिया से घनिष्ठता थी। रणजीत का राजस्थान में भी अच्छा प्रभाव है, जिसे कैश करने में भाजपा ने काम शुरू कर दिया है। अब आपरेशन राजस्थान चल सकता है।

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किरण के गढ़ में जेपी दलाल का जलवा

पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के चुनाव एजेंट रहे कृषि मंत्री जेपी दलाल अब भाजपा के रंग में पूरी तरह से रंग चुके हैं। बंसीलाल और किरण चौधरी के गढ़ में भाजपा उन्हें जाट नेता के रूप में स्वीकार कर चुकी है। भिवानी के कैरू में दमदार रैली कर दलाल ने साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री ने जाटलैंड में दलाल के सिर पर हाथ रखकर कोई गलती नहीं की। दलाल ने भाजपा की यह दमदार रैली उस माहौल में की, जब बात- बात पर बिगड़ने वाले सांसद धर्मबीर ने इस रैली की तैयारियों से खुद को अलग ही रखा। खार खाए बैठे भाजपा नेता मुकेश गौड़ और शशि परमार ने भी खूब भड़ास निकाली। दलाल ने भी कह दिया कि भाजपा में रहकर भाजपा विरोध की राजनीति नहीं चलेगी। समझने वाले समझ गए। बंसीलाल के गढ़ में अपने कदम मजबूती से जमाने के बाद दलाल ने भाजपा के किस नेता को नसीहत दी है।

सरकार ने तो जमा घी सा घाल दिया

वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहली बार बजट पेश किया है। बजट की अखबारों में जिस तरह की भी कवरेज रही, उससे अलग सरकार अपने स्तर पर बजट का माइलेज (लाभ) हासिल करने की कोशिश में है। राज्य सरकार ने जितनी भी नई योजनाएं शुरू की, उनका वीडियो बनाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी यह वीडियो वायरल हो रहा है। हर वीडियो में बजट की प्रमुख योजना का जिक्र करते हुए जिस तरह से फायदा गिनाया जाता है, उसे देखकर विरोधी भले ही कोई टिप्पणी करते रहें, लेकिन हर वीडियो में अंत में योजना का लाभार्थी हरियाणवी में जब कहता हुआ सुनाई देता है कि ..सरकार ने तो जमा घी सा घाल दिया, तब हर किसी को यह वीडियो खासी पसंद आती है। इस वीडियो पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं, लेकिन घी सा घाल देने का तकिया कलाम चर्चित हो गया है।

नहीं मिल रहा सेनेटाइजर

हरियाणा में मेडिकल स्टोर पर न तो सेनेटाइजर मिल रहे हैं और न ही मास्क उपलब्ध हैं। 20 रुपये के मास्क के 200 से 500 रुपये लिए जा रहे और सेनेटाइजर की कीमतें आसमान छू चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की जानकारी में मामला आया तो बोले कि मांग और आपूर्ति का नियम ही ऐसा है। मांग बढ़ती है तो आपूर्ति कम हो जाती है और रेट बढ़ जाते हैं। बहरहाल, हरियाणा के एक पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव को गुरुग्राम में सेनेटाइजर की जरूरत पड़ गई। पहले उन्होंने किसी को लेने भेजा। नहीं मिला, तो खुद मेडिकल स्टोर पर गए। कैप्टन दावा कर रहे कि मेरे खुद के जाने के बावजूद सात दिन में मुङो सेनेटाइजर नहीं मिल रहा। हम अनिल विज के फामरूले से भी काम चलाने को तैयार हैं पर माल तो मार्केट में है ही नहीं। विज को कैप्टन साब के स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए।

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