Baroda Haryana by-election: हरियाणा के बरोदा उपचुनाव में इंदुराज को कांग्रेस टिकट, सियासी ड्रामे में हुड्डा पर भारी पड़ीं सैलजा
हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन है। इसके लिए कांगेस के उम्मीदवार के चयन के लिए पार्टी में बीती रात दो बजे तक सियासी ड्रामा चलता रहा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कुमारी सैलजा भारी पड़ीं और इंदुराज नरवाल को टिकट मिला।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। Baroda Haryana by-election: हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए कांग्रेस आज नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन की सुबह अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया। कांग्रेस टिकट के चयन के लिए पार्टी में बीती रात करीब दो बजे तक सियासी ड्रामा चलता रहा। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिह हुड्डा पर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा भारी पड़ीं। बताते हैं कि हुड्डा की तमाम कोशिशों के बावजूद उनके पसंदीदा माने जा रहे कपूर नरवाल को कांग्रेस टिकट नहीं मिला। कांग्रेस ने इंदुराज नरवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
दिल्ली के साउथ ऐवन्यु में सैलजा के फ्लैट पर रात दो बजे चलता रहा सियासी ड्रामा
असल में बरोदा हल्के को अपना गढ़ बताने वाले पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा चाहते थे कि इस सीट पर कपूर नरवाल को टिकट दे दिया जाए। कपूर नरवाल ने 2009 व 2014 का चुनाव इनेलो के टिकट पर लड़ा और 2019 में वह जजपा में थे। इस समय कपूर नरवाल भाजपा में हैं और टिकट के उनके कांग्रेस में शामिल होने की बात कही जा रही थी।
बताया जाता है कि कपूर नरवाल के नाम का कांग्रेसियों ने विरोध किया। जानकारी के अनुसार, बृहस्पतिवार देर रात तक चली बैठक में हुड्डा के अड़े होने के बाद भी हाईकमान ने उनसे दूसरा नाम मांगा। यह भी चर्चा है कि हुड्डा गुट के विधायक भी कपूर नरवाल को टिकट देने का विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि पिछले चुनाव में कपूर नरवाल के खिलाफ प्रचार किया था, तो अब किस मुंह से उनके लिए वोट मांगेंगे। शुक्रवार सुबह इंदुराज नरवाल का नाम फाइनल किया गया। इंदुराज नरवाल को आज नामांकन दाखिल करेंगे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा कार्यकर्ताओं के साथ खुद इंदुराज का नामांकन भरवाने बरोदा पहुंचेंगे।
सैलजा का विरोध का वि कि पार्टी काडर के कार्यकर्ताओं को टिकट न देकर दूसरी पार्टी के नेता को टिकट देकर कांग्रेस जीतने से पहले हार जाएगी। इन दोनों नेताओं के तर्काें से जूझते प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल को गुरुवार रात 11 बजे तब राहत मिली जब भाजपा ने पहलवान योगेश्वर दत्त को टिकट थमा दिया। अब कांग्रेस के नेता यह मान रहे हैं कि योगेश्वर दत्त के सामने यदि किसी भी कार्यकर्ता को टिकट दिया जाएगा तो वह जीत जाएगा। कांग्रेस ने इंदुराज नरवाल का नाम तय रात में ही तय कर लिया थामगर अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की। औपचारिक घोषणा से पहले शुक्रवार सुबह करीब एक घंटे में कांग्रेस नेताओं की दिल्ली में बैठक हुई।
कपूर की बजाए इंदुराज नरवाल के नाम पर शांत होता दिख रहा है ड्रामा
बरोदा हल्के की सीट कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के कारण खाली हुई थी। इस सीट पर श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे जीतेंद्र हुड्डा और उनकी पत्नी गायत्री हुड्डा को भी टिकट देने में सैलजा को कोई गुरेज नहीं था मगर भूपेंद्र हुड्डा कपूर नरवाल को वायदा कर चुके थे। यही कारण था कि गुरुवार सुबह हुड्डा ने कपूर नरवाल को दिल्ली बुलाया था। कपूर नरवाल को कांग्रेस में शामिल करने की योजना थी मगर कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल और कुमारी सैलजा ने हुड्डा द्वारा कपूर को कांग्रेस में शामिल कराने की योजना को फ्लाप कर दिया।
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अंतर्विरोध के चलते भाजपा से पहले प्रत्याशी घोषित करने में पिछड़ी कांग्रेस
बरोदा हल्के को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ मानते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल ने यह घोषणा की थी कि भाजपा से पहले वे अपनी पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर देंगे। हालांकि भाजपा ने गुरुवार को कांग्रेस से पहले अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने में पिछड़ गई।
असल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा के बीच प्रत्याशी चयन को लेकर अंतर्विरोध गुरुवार देर रात तक बना रहा। हुड्डा भाजपा में टिकट से वंचित कपूर नरवाल को टिकट देने पर अड़े रहे जबकि सैलजा का कहना था कि इससे पार्टी संगठन में प्रतिकूल संदेश जाएगा। कार्यकर्ताओं और नेताओं में यह संदेश जाएगा कि पार्टी के पास अपने सबसे सशक्त नेता के गढ़ में भी मजबूत उम्मीदवार नहीं था।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल तो दो दिन पहले टिकट वितरण के लिए कुमारी सैलजा को अधिकृत करके अपने गृहक्षेत्र अलीगढ़ भी चले गए थे। गुरुवार को जब यह चर्चा फैली कि हुड्डा भाजपा के कपूर नरवाल को कांग्रेस में शामिल कराना चाहते हैं तो बंसल को अलीगढ़ से वापस आना पड़ा।
बंसल ने दोनों नेताओं के बीच अंतर्विरोध खत्म करने के लिए गुरुवार देर रात तक अथक प्रयास करते रहे। भाजपा-जजपा गठबंधन ने जब योगेश्वर दत्त का टिकट घोषित कर दिया तो सैलजा खेमे की तरफ से यह भी प्रस्ताव रखा गया कि अब पार्टी को अपने काडर आधारित नेता को ही टिकट देना चाहिए। इसके लिए उनके खेमे की तरफ से पूर्व विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा की पुत्रवधु गायत्री हुड्डा का नाम भी सुझाया गया।