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पार्कों में खेलने पर मनाही, स्कूलों में नहीं खुलते प्ले ग्राउंड

पार्कों में बच्चों के फुटबाल वॉलीबाल एवं क्रिकेट खेलने के कारण बुजुर्गों को परेशानी होती है। इसलिए मांग उठ रही है कि बच्चों के लिए अलग से प्ले ग्राउंड की व्यवस्था हो या फिर सेक्टरों में बने स्कूलों को बच्चों के खेलने के लिए खोला जाए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 04:56 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 06:12 AM (IST)
पार्कों में खेलने पर मनाही, स्कूलों में नहीं खुलते प्ले ग्राउंड
पार्कों में खेलने पर मनाही, स्कूलों में नहीं खुलते प्ले ग्राउंड

राजेश मलकानियां, पंचकूला

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पार्कों में बच्चों के फुटबाल, वॉलीबाल एवं क्रिकेट खेलने के कारण बुजुर्गों को परेशानी होती है। इसलिए मांग उठ रही है कि बच्चों के लिए अलग से प्ले ग्राउंड की व्यवस्था हो या फिर सेक्टरों में बने स्कूलों को बच्चों के खेलने के लिए खोला जाए। पहले प्रशासन ने स्कूलों में बच्चों के खेलने के आदेश दिए थे, लेकिन स्कूलों द्वारा बच्चों को खेलने की इजाजत नहीं दी गई। इसलिए बच्चे अभी भी पार्कों में खेलते हैं। सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन पंचकूला ने मांग की है कि यवनिका, सिल्वर जुबली पार्क, फाऊंटेन पार्क, वाटिका आदि पार्कों को बचाने और शहरवासियों को उचित सुविधा उपलब्ध करवाना ही मुख्य उद्देश्य है। पूरे शहर में किसी भी सेक्टर में बच्चों के खेलने के लिए कोई भी उचित स्थान या पार्क नहीं है। पिछले दो दशकों से प्रशासन को आग्रह किया जा रहा है, लेकिन अभी तक इस विषय पर प्रशासन की ओर से कोई नियमित क्रिया नहीं हो पाई है। अब तो बड़े युवा भी शहर की कई बड़े पार्कों में रोज सुबह-शाम क्रिकेट आदि खेलते हैं, जिसके कारण पार्कों में लगी घास, पौधे, फूल आदि प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

-एसके नैय्यर, प्रधान, सिटीजंस वेलफेयर एसोसिएशन पंचकूला। सेक्टर-19 में भी बच्चों को खेलने के लिए काफी परेशानी होती है। पार्कों में बच्चों को खेलने की परमिशन न मिलने से उनके शारीरिक विकास पर फर्क पड़ता है। यहां पर सरकारी स्कूल में काफी बड़ा ग्राउंड है, वहां पर बच्चों के लिए खेलने की व्यवस्था की जानी चाहिए। मैं प्रशासन से मांग करती हूं कि तुरंत प्रभाव से सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए पार्क खोलने चाहिए।

-कमलेश लौहाट, प्रधान, हाउस ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन न्यू हाउसिग बोर्ड कॉलोनी सेक्टर-19। प्रशासन को आवश्यक सुझाव भी भेजे हैं कि पंचकूला में हर सेक्टर में बच्चों के खेलने के लिए कम से कम एक पार्क आवश्यक है और इस पर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। सेक्टर-5 में फाऊंटेन पार्क के दोनों ओर बहुत सारी ऐसी जगह है जहां बच्चों के लिए ग्राउंड बनाकर लोगों को उचित सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है।

-सुनील जैन, उपप्रधान, सेक्टर-11 पंचकूला। एचएसवीपी, एमसी, प्लानिग डिपार्टमेंट और दूसरे डिपार्टमेंट को हर सेक्टर में बच्चों के खेलने के लिए प्ले ग्राउंड बनाने के निर्देश दिए जाएं। अगर किसी सेक्टर में ऐसे प्ले ग्राउंड बनाने संभव न हो तो गवर्नमेंट और गवर्नमेंट एडेड स्कूलों में शाम के समय बच्चों को खेलने की इजाजत दी जाए। सेक्टर-27 और 28 के अलावा घग्गर पार के दूसरे सभी सेक्टरों में बच्चों के खेलने के लिए कोई ग्राउंड नहीं है।

-अनिता रानी, सामाजिक कार्यकर्ता, सेक्टर-28 पंचकूला। यहां पर हर सेक्टर में पार्क बनाए गए हैं, लेकिन बच्चों के खेलने के लिए प्ले ग्राउंड की व्यवस्था नहीं है। पार्क में बच्चे क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी जैसी गेम्स नहीं खेल सकते हैं, क्योंकि नगर निगम इन पार्कों में बच्चों को खेलने की इजाजत नहीं देता हैं। इन पार्क में फूलों और घास को नुकसान पहुंचाने वाली हर तरह की गेम्स खेलने पर मनाही के बोर्ड लगे हैं। ऐसे कई मामले भी हो चुके हैं कि बच्चों के पार्क में खेलने पर विवाद हुआ और रेजिडेंट्स व कमेटी मेंबर्स ने पुलिस बुला ली हो।

-सीमा चौधरी, पूर्व प्रधान, नगर परिषद, पंचकूला।


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