पुलिस, अदालत और अस्पताल का डर खत्म किया जाना चाहिए : कप्तान सिंह सोलंकी
राज्यपाल ने कहा कि गुड गवर्नेंस के लिए समय पर न्याय देना जरूरी है। यदि व्यक्ति को न्याय न मिले और डर सताए तो शासन सफल नहीं कहा जा सकता।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने पुलिस व न्यायपालिका को गुड गवर्नेंस (सुशासन) लाने में सहयोग के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी थाने, अदालत और अस्पताल जाने से डरता है, जबकि ये तीनों उसके लिए जरूरी हैं। इसलिए यह विचार करने की जरूरत है कि आम आदमी के इस डर को कैसे निकाला जाए। यह डर निकलेगा तो सुशासन आएगा।
राज्यपाल रविवार को 'मुकदमों की चुनौतियां व राज्य की भूमिका' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन के प्रयासों से इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जिसमें देश भर के न्यायिक प्रतिनिधि शामिल हुए। पहले दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सम्मेलन का उद्घाटन किया था।
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राज्यपाल ने कहा कि गुड गवर्नेंस के लिए समय पर न्याय देना जरूरी है। यदि व्यक्ति को न्याय न मिले और डर सताए तो शासन सफल नहीं कहा जा सकता। इसलिए विशेष अधिकार और पद लेकर बैठे हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह समाज के अंतिम व्यक्ति तक समय पर न्याय की पहुंच बनाए।
प्रो. सोलंकी ने अदालतों में लंबित मुकदमों की संख्या तीन करोड़ से अधिक होने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह बड़ी चुनौती है। इसका सामना करने के लिए जन-जागरण की जरूरत है जिसमें सब समस्याओं से निपटने की बड़ी ताकत होती है। उन्होंने कहा कि अच्छा समाज वही होता है जो स्वयं अनुशासित हो और वहां कानून की जरूरत ही न पड़े।
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इससे पहले पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के न्यायाधीश एसएस सरो ने भी विचार रखे। हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने स्वागत किया। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष विनायक दीक्षित, कर्नाटक के वरिष्ठ अधिवक्ता एमबी नारगुंड सहित देशभर के 24 राज्यों से आए कई अधिवक्ताओं ने सम्मेलन में शिरकत की।