फर्जी सर्टिफिकेट से पेंशन लेने वालों ने लौटाई ब्याज सहित राशि, मास्टरमाइंड फरार
खंड रायपुररानी के गांव नटवाल और आसपास के गांवों में फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर पेंशन लेने वाली महिलाओं ने अब तक ली गई पेंशन ब्याज सहित जिला समाज कल्याण विभाग को वापस लौटा दी है। विभाग की ओर से रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी है जिसमें अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं हुई है।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : खंड रायपुररानी के गांव नटवाल और आसपास के गांवों में फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर पेंशन लेने वाली महिलाओं ने अब तक ली गई पेंशन ब्याज सहित जिला समाज कल्याण विभाग को वापस लौटा दी है। विभाग की ओर से रिपोर्ट एसडीएम को सौंप दी है, जिसमें अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं हुई है। मामले में अभी तक मास्टरमाइंड का भी पता नहीं चल पाया है। अब तक केवल एक दो गांवों का ही मामला सामने आया है, यदि मास्टर माइंड मिल गया, तो हरियाणा में कई अन्य जगहों पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है।
गांव नटवाल और आसपास की 40 महिलाओं ने विधवा पेंशन के मामले में पति के जिदा होने का सुबूत मिलने पर जिला समाज कल्याण विभाग में ली गई पेंशन ब्याज सहित जमा करवा दी है। सभी पति अपनी पत्नियों के साथ जिला समाज कल्याण विभाग अधिकारी के सामने पेश हुए और पत्नियों से माफी मंगवाकर गुनाह भी कुबूल किया। जिला समाज कल्याण अधिकारी विशाल सैनी ने बताया कि मैंने रिपोर्ट बनाकर दे दी है। मामले में एफआइआर दर्ज होने के बाद मास्टर माइंड को पुलिस ही ढूंढेगी। कुछ महिलाओं ने दलील दी है कि हमने लाडली पेंशन के लिए आवेदन किया था, लेकिन विधवा पेंशन कैसे लग गई, उसके बारे में जानकारी नहीं है। इस मामले की पुलिस जांच कर रही है, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
करनाल के बारी गांव के युवक ने तैयार किए थे फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र
परिवार पहचान पत्र बनने के बाद समाज कल्याण विभाग की ओर विधवा पेंशन ले रही महिलाओं को फोन किया, जिनके पहचान पत्र में पतियों के नाम दर्ज थे। इन्हें कहा गया कि अपने पहचान पत्र में पतियों का नाम रद करवाएं, अन्यथा पेंशन बंद हो जाएगी। दो-तीन महिलाओं के पतियों ने ही फोन उठा लिया और कहा कि मैं जिदा हूं, इसलिए नाम नहीं हटवाउंगी। जैसे ही विभाग के संज्ञान में मामला आया, तो पता चला कि गांव नटवाल की एक महिला कमलेश ने इन लोगों से कहा था कि 15 हजार रुपये में तुम्हारी पेंशन लग जाएगी। जबकि इन लोगों का दावा है कि महिला ने लाडली पेंशन लगवाने की बात कहीं थी। करनाल के गांव बारी के जितेंद्र नामक युवक ने यह फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए हैं।