मुआवजे में 100 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी पर हाईकोर्ट सख्त
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भूमि अधिग्रहण के लिए एक तरफ लोग मुआवजे को तरस रहे हैं, तो दूसरी
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भूमि अधिग्रहण के लिए एक तरफ लोग मुआवजे को तरस रहे हैं, तो दूसरी तरफ 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए भुगतान में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। हरियाणा सरकार ने कोर्ट को बताया कि अभी लोगों पर अतिरिक्त भुगतान का 49,99,33,785 रुपये बकाया है, जिसकी रिकवरी की जानी है। जो दोषी अधिकारी हैं, उनके खिलाफ जाच की जा रही है। हाईकोर्ट ने रिकवरी और जाच की वर्तमान स्थिति से अगली सुनवाई पर अवगत कराने के लिए कहा है। सरकार की ओर से बताया गया कि पंचकूला जिले से जुड़े विजिलेंस ब्यूरो ने इसकी जाच के लिए 31 जुलाई को एफआइआर दर्ज की है। जाच कमेटी ने जिन अधिकारियों व कर्मचारियों को दोषी पाया है, उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। विभाग की तरफ से जिन लोगों को अतिरिक्त राशि जारी की गई थी, उनको अतिरिक्त राशि वापस जमा कराने को कहा गया है। रिकवरी की प्रक्रिया तहसीलदार पंचकूला के माध्यम से की जा रही है। इसपर कोर्ट ने कहा कि एक ओर किसान और भू मालिक अपनी भूमि के अधिग्रहण के बाद उसका मुआवजा पाने को तरस जाते हैं और दूसरी ओर भूमि की कीमत से कहीं अधिक मुआवजा जारी कर दिया जाता है।