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हरियाणा में निजी क्षेत्रों में 75 फीसद आरक्षण का विरोध, भाजपा समर्थित औद्योगिक संगठन ने खोला मोर्चा

हरियाणा में निजी क्षेत्र में राज्‍य के युवाओं काे 75 फीसद आरक्षण का विराेध शुरू हाे गया है। कई औद्योगिक संठगनों ने इसका विरोध किया ह‍ै। इनमेें भाजपा समर्थित संगठन भी शामिल है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 08:33 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 08:33 AM (IST)
हरियाणा में निजी क्षेत्रों में 75 फीसद आरक्षण का विरोध, भाजपा समर्थित औद्योगिक संगठन ने खोला मोर्चा
हरियाणा में निजी क्षेत्रों में 75 फीसद आरक्षण का विरोध, भाजपा समर्थित औद्योगिक संगठन ने खोला मोर्चा

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी गठबंधन की सरकार ने निजी उद्योगों में 75 फीसद स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने संबंधी अध्यादेश को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। दूसरी ओर इसके खिलाफ राज्य भर में औद्योगिक संगठनों ने अपने स्तर पर विरोध जताना शुरू कर दिया है। इस विरोध में सबसे अहम भूमिका भाजपा समर्थित औद्योगिक संगठन लघु उद्योग भारती की भी है। इन संगठनों ने इस आरक्षण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

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अध्यादेश के खिलाफ सरकार और अदालत तक मोर्चाबंदी करेगी लघु उद्योग भारती

लघु उद्योग भारती ने फरीदाबाद में इसके विरोध की शुरूआत करते हुए कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा को ज्ञापन भी दिया है। ज्ञापन के माध्यम से औद्योगिक संगठन ने कहा है कि यह अध्यादेश एक राष्ट्र,एक नीति के मूल सिद्धांत से मेल नहीं खाता। सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए, अन्यथा लघु उद्योग भारती राष्ट्रीय स्तर पर इसका विरोध करेगी। सरकार से अदालत तक में इसके खिलाफ गुहार लगाई जाएगी।

एक जिला के 10 फीसद से ज्यादा स्थानीयों को रोजगार नहीं देने पर भी नाराजगी

इतना ही नहीं औद्योगिक संगठनों के अलावा दक्षिण हरियाणा में राजनीतिक रूप से इसका विरोध सामने आया है। कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने निजी उद्योगों में एक जिला के 10 फीसद से अधिक स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार नहीं देने वाले क्लॉज को अनुचित करार दिया है। उनका कहना है कि इससे औद्योगिक नगर गुरुग्राम-फरीदाबाद के स्थानीय लोगों का हक मारा जाएगा।

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'' निजी उद्योगों में एक ही राज्य के 75 फीसद और एक जिला के 10 फीसद लोगों का आरक्षण का अध्यादेश लाना एक तरह से एक राष्ट्र-एक नीति के सिद्धांत के विरुद्ध है। हम केंद्र और राज्य सरकार से इस बाबत उच्च स्तर पर बात कर रहे हैं। यह अध्यादेश उद्योगों के हित में भी नहीं है। हम मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी राष्ट्रीय स्तर इस मुद्दे को लेकर शीघ्र मिलने वाले हैं।

                                                         - अरुण बजाज, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, लघु उद्योग भारती।

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'' मेरे विचार से निजी क्षेत्र में प्रदेश के लोगों के लिए 75 फीसद आरक्षण की व्यवस्था एक आत्मघाती कदम है। अब जिस जिले में उद्योग स्थित है, उद्यमी वहां के लोगों को 10 फीसद से अधिक नौकरी अपने यहां नहीं दे सकता है। इस प्रकार की बातें उद्योग जगत को बेहद परेशान करने वाली हैं। इससे उद्यमी हतोत्साहित हो रहे हैं। इस प्रकार का फैसले औद्योगिक और प्रदेश की अर्थव्यवस्था के पतन के कारण बनते हैं। प्रदेश सरकार को आरक्षण के निर्णय को जल्द से जल्द बदल लेना चाहिए। इसी में सबकी भलाई है।

                                                       - पवन यादव, अध्यक्ष, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, गुरुग्राम।

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'गुरुग्राम-फरीदाबाद को उजाडऩे वाला है अध्यादेश का यह कदम'

 ''स्थानीय युवकों को रोजगार मिले, इसके लिए हमने हमेशा प्रयास किए हैं मगर मौजूदा अध्यादेश के प्रारूप में जो एक जिला के दस फीसद ही कर्मी रखने का प्रावधान है, यह अनुचित है। इसका सबसे बड़ा असर गुरुग्राम-फरीदाबाद पर पड़ेगा। मेरी समझ में नहीं आता कि फरीदाबाद,गुरुग्राम में भाजपा से चुने जनप्रतिनिधि इस काले कानून पर मौन क्यों हैं? हमारा तो इस अध्यादेश के इस नियम पर हर जगह विरोध रहेगा। फिर हम तो यह चाहते हैं कि स्थानीय युवकों को रोजगार सिर्फ निजी क्षेत्र में ही क्यों सरकारी में क्यों नहीं दिया जा रहा। यह आरक्षण भी 100 फीसद कर दिया जाए।

                                                                                                 - नीरज शर्मा, विधायक, कांग्रेस।

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'फिर कैबिनेट में रखा जाएगा तैयार अध्यादेश का प्रारूप'

'' 6 जुलाई 2020 को हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अध्यादेश के प्रारूप को सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। पहली बैठक में कुछ संशोधन के साथ अब इसका प्रारूप एक बार फिर कैबिनेट में रखा जाएगा। इसके बाद राज्यपाल और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कैबिनेट द्वारा पास इस अध्यादेश के प्रारूप में निजी कंपनियों,सोसायटियों, ट्रस्टों,लिमिटेड लायबिलिटी फर्मों तथा पार्टनरशिप फर्मों में 50 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन वाली नौकरियों में नए रोजगारों का 75 फीसद स्थानीय उम्मीदवारों के लिए प्रावधान किया गया है। स्थानीय युवाओं का भी कौशल बढ़ाने के लिए पलवल में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक जिला के एक संस्थान में दस फीसद से ज्यादा नहीं लगाए जाने के पीछे भी यह मकसद है कि इस कानून का प्रदेश के सभी जिलों के युवाओं को फायदा मिले। उदाहरण के तौर पर दो दशक पहले मारुति में 92 फीसद कर्मी हरियाणा के थे मगर अब इनकी संख्या 20 फीसद रह गई है।

                                                                                        - दुष्यंत चौटाला, उप मुख्यमंत्री, हरियाणा।


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