राम रहीम मामले पर फैसले का एक साल, हिंसा का मंजर याद आते ही कांप जाती है रूह
साध्वियों के यौनशोषण में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराते ही शुरू हुई हिंसा का वह खौफनाक मंजर याद आते ही आज भी रूह कांप जाती है।
जेेएनएन, चंडीगढ़। साध्वियों के यौनशोषण में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराते ही शुरू हुई हिंसा का वह खौफनाक मंजर याद आते ही आज भी रूह कांप जाती है। ठीक एक साल पहले आज के ही दिन दोपहर बाद सवा तीन बजे पंचकूला और सिरसा में शुरू हुआ हिंसा का तांडव पूरे प्रदेश को कभी न भरने वाले जख्म दे गया। करीब तीन घंटे तक डेरा समर्थक सड़कों पर आगजनी करते रहे और पूरा हरियाणा बंधक बना रहा। सुरक्षा बलों ने मोर्चा खोला तो वही हुआ जिसका डर था। जवाबी कार्रवाई में 41 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए।
राम रहीम पर फैसले के बाद पंचकूला में भड़की हिंसा ने वाहन जलाए। (फाइल फोटो)
डेरे का सर्वाधिक प्रभाव वाला सिरसा हो या मामले की सुनवाई के कारण संवेदनशील हुआ पंचकूला, हर जगह लोगों की सांसें अटकी रहीं। आज भी इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं कि पंचकूला में इतनी भारी तादाद में डेरा समर्थकों को क्यों जमा होने दिया गया और राम रहीम को वाहनों के भारी भरकम काफिले में जाने की छूट क्यों दी गई।
सिरसा में हिंसा के बाद गश्त करता सुरक्षा दस्ता। (फाइल फोटो)
उपद्रव में जहां अकेले पंचकूला में ही डेरे के 35 अनुयाई मारे गए, वहीं सिरसा में सात लोग सुरक्षाबलों की गोलियों का शिकार बने। सुकून देने वाली बात अगर कुछ है तो वह ये कि हरियाणा सरकार ने जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाया।
राम रहीम पर फैसले के बाद उसे पंचकूला से हेलीकॉप्टर में सुनारिया जेल ले जाया गया। (फाइल फोटो)
हरियाणा सरकार अगर डेरा प्रमुख को किसी बहाने से सिरसा डेरे से बाहर नहीं निकालती तो हिंसा का तांडव अधिक होता। डेरा हिंसा में सरकारी संपत्ति के साथ ही लोगों की करोड़ों की निजी संपत्ति दंगों की भेंट चढ़ गई, लेकिन मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है।
पांच लाख के इनामी मास्टरमाइंड आदित्य का सुराग नहीं, 54 वांटेड लापता
पंचकूला हिंसा के मास्टरमाइंड डॉ. आदित्य इंसा को पुलिस एक साल बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है। डेरा सच्चा सौदा में रहने वाले पांच लाख के इनामी मोस्ट वांटेड आदित्य ने बाबा की चहेती हनीप्रीत सहित डेरे के अन्य करीबियों के साथ हिंसा की पूरी साजिश रची थी।
इसके अलावा 50 हजार रुपये के इनामी अमरीक सिंह (संगरूर, पंजाब), इकबाल (बठिंडा, पंजाब), नवदीप कुमार (सिरसा), नवीन नागपाल (गंगानगर, राजस्थान), जसबीर (कुरुक्षेत्र), अभिजीत शंकर (सतना, महाराष्ट्र) और गुलाब (सिरसा) का भी कोई सुराग नहीं। पुलिस के पास पंचकूला हिंसा में वांटेड 25 उपद्रवियों के फोटो तो हैं, लेकिन घर का पता आज तक नहीं मिला। इसके अलावा 29 उपद्रवियों का एड्रेस ट्रेस होने के बावजूद सिर्फ नौ के फोटो पुलिस के पास हैं।
दंगाइयों को दिलवाएंगे सजा : डीजीपी
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बीएस संधू का कहना है कि हमारे जवानों ने बड़ी बहादुरी और निर्भीकता से बड़ी संख्या में दंगाइयों को गिरफ्तार किया जिनके खिलाफ चालान पेश किए गए हैं। फरार लोगों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बेशक कुछ मामलों में आरोपितों से देशद्रोह की धारा हटी है, लेकिन असली दंगाइयों पर देशद्रोह के तहत ही मामला चलेगा और सजा दिलवाएंगे। बरी आरोपितों को लेकर हाईकोर्ट में अपील करेंगे। भगोड़े आदित्य इंसा की प्रॉपर्टी अटैचमेंट की कार्रवाई चल रही है और जल्द ही वह हमारी गिरफ्त में होगा।
टाइम लाइन
-15 मई 2002 में एक गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को लिखा गया था।
-24 सितंबर 2002 को मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई।
-30 जुलाई 2007 को मामले में सीबीआइ ने आरोप पत्र पेश कर दिया।
-28 फरवरी 2009 को एक दुष्कर्म पीडि़ता ने बयान दर्ज करवाए।
-9 सितंबर 2010 को दूसरी पीडि़ता ने बयान दर्ज करवाए।
-30 जुलाई 2013 प्रमुख जांच अधिकारी सतीश डागर ने बयान दर्ज करवाए।
-2 नवंबर 2014 को डेरा प्रमुख ने बयानों में खुद को शारीरिक तौर पर सेक्स करने के लिए फिट नहीं होना बताया।
-17 अगस्त 2017 को कोर्ट ने 15 साल सुनवाई के बाद फैसले की तिथि सुना दी।
-25 अगस्त 2017 राम रहीम दोषी करार, रोहतक की सुनारिया जेल भेजे गए।
-28 अगस्त 2017 राम रहीम को बीस साल की सजा।