Move to Jagran APP

तीसरे मोर्चे के लिए ओमप्रकाश चौटाला ने संभाली कमान, एक अगस्त को बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ लंच

इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं को जोड़कर थर्ड फ्रंट (तीसरा मोर्चा) गठित करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। एक अगस्त को वह बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ लंच करेंगे। अन्य नेताओं से मिलने की योजना है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 04:26 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 08:16 AM (IST)
तीसरे मोर्चे के लिए ओमप्रकाश चौटाला ने संभाली कमान, एक अगस्त को बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ लंच
ओपी चौटाला व नीतीश कुमार की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं को जोड़कर थर्ड फ्रंट (तीसरा मोर्चा) गठित करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए चौटाला विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करने विभिन्न राज्यों के दौरे पर निकलेंगे। चौटाला की कोशिश है कि तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल के जन्म दिवस पर 25 सितंबर को होने वाली राज्यस्तरीय रैली में कर दिया जाए। यह रैली कहां होगी, अभी यह तय होना बाकी है। माना जा रहा है कि चौटाला यह रैली जींद, सिरसा, हिसार अथवा गुरुग्राम में कहीं कर सकते हैं।

loksabha election banner

जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में सजा पूरी कर लौटे चौटाला ने भाजपा के विरुद्ध तीसरे मोर्चे के गठन की जरूरत बताते हुए जनता दल (यू) महासचिव केसी त्यागी से करीब दो घंटे तक गुरुग्राम में मंत्रणा की। केसी त्यागी इनेलो प्रमुख का हालचाल पूछने आए थे। वहीं पर त्यागी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से चौटाला की फोन पर बात कराई। अब नीतीश कुमार एक अगस्त को चौटाला के साथ दिल्ली में उनके आवास पर लंच करने आ रहे हैं। उस दिन भी तीसरे मोर्चे के प्रारूप पर ठोस मंत्रणा संभव है।

चौटाला तीसरे मोर्चे के गठन की मंशा से ही अपने पुराने मित्र प्रकाश सिंह बादल, शरद पवार, ममता बनर्जी और मुलायम सिंह यादव समेत करीब एक दर्जन बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से चौटाला अपने पारिवारिक रिश्ते बताते हैं। मुलायम सिंह यादव से भी उनकी अच्छी बनती है। मुलायम के बेटे अखिलेश यादव और प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर बादल से चौटाला के बेटे अभय के अच्छे संबंध हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात भी चौटाला के एजेंडे में शामिल है।

चौटाला अपने पिता स्व. देवीलाल की जयंती पर हरियाणा में बड़ी राजनीतिक रैली कर पार्टी कार्यकर्ताओं में भी जान फूंकने वाले हैं। कई बार ऐसे मौके आए, जब इनेलो को संघर्ष के दौर का सामना करना पड़ा, लेकिन हर बार पार्टी फिर से मजबूती के साथ खड़ी दिखाई दी। चौटाला की रणनीति भाजपा विरोधी सभी दलों को ताऊ देवीलाल के जन्मदिवस कार्यक्रम के मंच पर लाकर उनकी मौजूदगी में थ्रंड फ्रंट का ऐलान कराने की है। पहले भी ताऊ देवीलाल की जयंती पर होने वाली रैलियों में उनके पुराने साथी शामिल होते रहे हैं। कांग्रेस इस फ्रंट का हिस्सा होगी या नहीं? इस सवाल पर चौटाला कहते हैं कि हर उस राजनीतिक दल के लिए इस फ्रंट में दरवाजे खुले हैं, जो भाजपा को सत्ता से बाहर देखना चाहते हैं।

इनेलो से अलग होकर अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी को चौटाला हालांकि खास भाव नहीं देते। वह अपने पोते दुष्यंत चौटाला के भाजपा के साथ जाने के फैसले पर भी हैरान हैं, लेकिन साथ ही कहते हैं कि यदि किसी को अपनी गलती का अहसास होता है और वह अपने घर इनेलो में लौटना चाहता है तो इस पर विचार किया जा सकता है। जजपा के थर्ड फ्रंट में शामिल होने से जुड़े सवाल पर भी चौटाला की यही राय है। उनका कहना है कि केंद्र व हरियाणा की भाजपा सरकार में शामिल साझीदार अब अपनी गलती पर पछता रहे हैं। धीरे-धीरे यह लोग छिटकने लगे हैं। कुछ दिन बाद ऐसा दौर आएगा कि सरकार टूट जाएगी और मध्यावधि चुनाव होंगे। तब थर्ड फ्रंट और इनेलो की सत्ता में वापसी हो सकेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.