हरियाणा में घट रहे आइएएस, डेपुटेशन पर गए अफसर लौटने को तैयार नहीं
हरियाणा में आइएएस अफसरों की लगातार कमी हो रही है। पहले से अफसरों की यह कमी इस साल और बढ़ जाएगी। डेपूटेशन पर गए अफसरों के प्रदेश की सेवा में नहीं लौटने से समस्या बढ़ रही है।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। आइएएस अफसरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश में इस साल यह संकट और बढ़ने वाला है। इस साल पांच और आइएएस अधिकारी रिटायर हो जाएंगे और 17 अफसर पहले ही केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। ऐसे में कई-कई महकमों की जिम्मेदारी संभाल रहे इन अफसरों पर काम का बोझ और बढ़ेगा। इससे विभिन्न विकास योजनाओं की फाइलों की गति प्रभावित हो सकती है।
212 अफसरों के कॉडर में 140 तैनात, इनमें भी 17 केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर
प्रदेश में 212 आइएएस अफसरों का काडर है जिनमें से 148 सीधे भर्ती किए जाते हैं और 64 को पदोन्नत कर आइएएस बनाया जाता है। अभी हरियाणा में सिर्फ 140 आइएएस ही सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से भी 17 अफसर प्रतिनियुक्ति पर दूसरे राज्यों में भेजे गए हैं। इस कारण इनकी सेवाएं हरियाणा को नहीं मिल रहीं। राज्य सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्हें वापस हरियाणा नहीं भेजा जा रहा है। कुछ अफसर खुद ही वापस लौटने को तैयार नहीं हैैं। आइएएस अधिकारियों की कमी की वजह से सरकार को रिटायर्ड आइएएस को एडजस्ट करना पड़ रहा है।
आइएएस और एचसीएस अधिकारियों की भारी कमी के चलते कई प्रोजेक्ट रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे। इसी वजह से अफसरों के तबादले भी तेजी से किए जा रहे हैं। कई अफसर तो एक विभाग में चार-पांच महीने भी पूरे नहीं कर पाते कि उनके तबादले के आदेश जारी हो जाते हैं। एक-एक अधिकारी के पास कई विभागों का प्रभार है। इन विभागों के दफ्तर भी एक जगह नहीं हैैं, जिस कारण अफसर एक जगह टिक कर काम नहीं कर पा रहे हैैं।
ये आइएएस हैं प्रतिनियुक्ति पर
युद्धवीर मलिक, सुनील कुमार गुलाटी, सुरीना राजन, रजनी शेखरी सिब्बल, राजीव अरोड़ा, तरुण बजाज, टीवीएसएन प्रसाद, अरुण कुमार, सुमिता मिश्रा, आनंद मोहन शरण, अनिल मलिक, जी अनुपमा, दीप्ति उमाशंकर, श्यामल मिश्रा, पंकज यादव, फूलंचद मीणा, ए मोना श्रीनिवास।
पांच अफसर इस साल होंगे रिटायर
आइएएस प्रदीप कासनी, पीके महापात्रा, केके खंडेलवाल, आरआर जोवेल और रोहतास सिंह खरब इस साल सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वहीं सुकृति लिखी लंबे मातृत्व अवकाश पर हैं।
एचसीएस अफसर भी कम
एचसीएस अफसरों का काडर 220 से बढ़ाकर 300 किया जा चुका, लेकिन बढ़ाए गए पदों पर नियुक्तियां अभी नहीं हो पाई हैं। वर्तमान में 195 एचसीएस ही काम कर रहे हैैं। सीनियर अफसरों की कमी के कारण जहां मौजूदा अधिकारियों पर कामकाज का बोझ बढ़ रहा है, वहीं सरकार को अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तमाम तरह की दिक्कतें आ रही हैं।