Move to Jagran APP

हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में बढ़ते डेंगू मामलों पर हाई कोर्ट सख्त, तीनों राज्यों को नोटिस

पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में बढ़ते डेंगू के मामलों पर हाई कोर्ट ने तीन राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई अब 2 नवंबर को होगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 27 Oct 2017 06:17 PM (IST)Updated: Fri, 27 Oct 2017 06:17 PM (IST)
हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में बढ़ते डेंगू मामलों पर हाई कोर्ट सख्त, तीनों राज्यों को नोटिस
हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में बढ़ते डेंगू मामलों पर हाई कोर्ट सख्त, तीनों राज्यों को नोटिस

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में डेंगू के बढ़ रहे मामले पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ व केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट के जस्टिस अमित रावल ने समाचार पत्रों में छपी खबर को आधार बनाते हुए चीफ जस्टिस को पत्र लिखा कि चंडीगढ़ के अलावा पूरे हरियाणा व पंजाब में डेंगू  के मामले बढ़ रहे हैं। सरकार रोक लगाने में नाकाम रही है। सरकारी भवनों में भी  डेंगू का मच्छर पनप रहा है, लेकिन रोकथाम का कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

loksabha election banner

संज्ञान में उन्होंने कहा कि मोहाली में डेंगू का प्रकोप इतना अधिक है कि अभी हाल ही में सौंपे गए 1759 संदिग्ध मामलों में से 1200 पॉजिटिव पाए गए थे। वहीं, हरियाणा में भी स्थिति कोई बेहतर नहीं है। हरियाणा में अभी तक डेंगू के 1443 मामले सामने आए हैं। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य, साफ-सफाई की व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए बाध्य है। यदि राज्य सरकार इसमें विफल रहती है तो केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है।

इस मामले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता गया और सरकार व व्यवस्था हाथ पर हाथ रखे बैठी रही। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा लगातार दी गई चेतावनियों को भी ध्यान में नहींं रखा गया। न तो यहां कोई डेंगू कंट्रोल प्रोग्राम बनाया गया और न ही कोई रिसर्च प्रोग्राम। हाईकोर्ट ने कहा किइस पर जल्द से जल्द नियंत्रण पाना जरूरी है। इसके लिए कम्यूनिटी को भी शामिल किया जाना जरूरी है। उन्हें शिक्षित करके, जागरुक करके या फिर कानूनी प्रावधान बनाकर मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों को रोका जाए। सरकारी इमारतों, दफ्तरों और संस्थानों में डेंगू का लारवा पनप रहा है।

कोर्ट ने कहा कि लोग बीमारियों का शिकार न हो इसके लिए पूरी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। इस केस की सुनवाई के दौरान विभिन्न प्रकार की वेक्टर बॉर्न बीमारियों को लेकर बहस होगी, जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा उसे किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। जस्टिस अमित रावल के पत्र को चीफ जस्टिस ने याचिका मानते हुए इस पर जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई के आदेश दिए। इस मामले पर अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी।

यह भी पढ़ेंः रंजीत मर्डर केस में राम रहीम कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुआ पेश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.