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अब हरियाणा में ऑक्‍सीजन का संकट नहीं, कोविड मरीजों के लिए अब जरूरत से 20 टन ज्‍यादा उपलब्‍ध

हरियाणा में कोरोना मरीजों के‍ लिए अब ऑक्‍सीजन का सं‍कट नहीं है। राज्‍य में अब जरूरत से अधिक ऑक्‍सीजन उपलब्‍ध है। राज्‍य सरकार के अनुसार अब हरियाणा में जरूरत से करीब 20 टन अधिक ऑक्‍सीजन उपलब्‍ध हो गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 11:31 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 11:31 AM (IST)
अब हरियाणा में ऑक्‍सीजन का संकट नहीं, कोविड मरीजों के लिए अब जरूरत से 20 टन ज्‍यादा उपलब्‍ध
हरियाणा में अब ऑक्‍सीजन की उपलब्‍धता जरूरत से अधिक होने का दावा किया गया है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा सरकार ने कहा है कि अब राज्‍य में ऑक्‍सीजन की कमी से किसी कोविड मरीज की जान नहीं जाएगी। करीब एक सप्ताह पहले तक ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हरियाणा के कोविड मरीजों को बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप और राज्य सरकार के प्रयासों से हरियाणा के पास अब ऑक्सीजन का इतना कोटा उपलब्ध है कि किसी जरूरतमंद कोविड मरीज को इलाज में दिक्कत न आएगी। केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही ऑक्सीजन के अलावा हरियाणा सरकार अपने स्तर पर इसका बंदोबस्त कर रही है। सरकार का दावा है कि अब हरियाणा के पास 20 मीट्रक टन ऑक्सीजन जरूरत से ज्यादा उपलब्ध है। इसे आपातकालीन स्थिति के लिए स्टाक में रखा गया है।

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सरकार का दावा-  राज्य में अब जरूरत से करीब 20 मीट्रिक टन अधिक ऑक्सीजन की उपलब्धता

हरियाणा को करीब 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन एक पखवाड़े पहले तक मात्र 156 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही उपलब्ध हो पा रही थी। केंद्र सरकार के सहयोग से इस कोटे को बढ़ाकर पहले 232 मीट्रिक टन और अब 257 मीट्रिक टन किया जा चुका है। इतनी ऑक्सीजन की उपलब्धता राज्य सरकार को निरंतर हो रही है।

करीब 15 दिन पहले तक ऑक्सीजन की इसलिए भी अचानक जरूरत पड़ रही थी कि कोरोना संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या में अचानक उछाल आ गया और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कम होती चली गई। इसी का नतीजा यह हुआ कि अस्पतालों में बेड के लिए मारामारी और ऑक्सीजन के लिए पसीने छूटने लगे। अब राज्य में रिकवरी रेट सुधरा है। 0.92 प्रतिशत मृत्यु दर के साथ हरियाणा पूरे देश में सबसे कम मृत्यु वाला राज्य है। साथ ही जितने मरीज हर रोज संक्रमित होकर अस्पतालों में आ रहे थे, उससे भी कहीं अधिक ठीक होकर अब घर लौट रहे हैं। लिहाजा बेड हासिल करने में पहले जितनी परेशानी नहीं रही है।

जिन अस्पतालों में बेड की कमी की किल्लत बताई जा रही है, उनकी मंशा पर सरकार को शक है। ऐसे अस्पतालों की सूची बनाने को कह दिया गया है। राज्य को फिलहाल 257 मीट्रिक टन ऑक्सीजन केंद्र व अन्य स्रोत से उपलब्ध है। राउरकेला, पानीपत, रुड़की, हिसार और जमशेदपुर से 232 मीट्रिक टन आक्सीजन प्रतिदिन हरियाणा पहुंच रही है।

रुड़की से चार ट्रकों के माध्यम से 35 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की जा चुकी है। राउरकेला में 10 बार में हवाई जहाज से 20 टैंकर भेजे गए थे, जिनके जरिये 260 मीट्रिक टन ऑक्सीजन फरीदाबाद पहुंच चुकी है। राज्य सरकार सड़क मार्ग के जरिये जमशेदपुर से भी ऑक्सीजन मंगवा रही है। राज्य सरकार झारखंड के जमशेदपुर से हर रोज करीब 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन निजी स्तर पर खरीद कर रही है।

 हरियाणा को बोकोरो से 50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अतिरिक्त मिलेगी। केंद्रीय रेल मंत्रालय की ऑक्सीजन एक्सप्रेस से भी हरियाणा को ऑक्सीजन मिल रही है। इसका सर्कल भी चार दिन का है। यानी, शुरू के चार दिनों में तो दिक्कत हुई, लेकिन अब सप्लाई का चक्र तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार, हरियाणा के पास अब करीब सवा तीन सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन की व्यवस्था है। इसमें 20 से 25 मीट्रिक टन बफर में रखी गई है, ताकि यदि कोई गाड़ी या हवाई जहाज समय से आक्सीजन लेकर न पहुंच सके तो बफर में रखी इस आक्सीजन का इस्तेमाल किया जा सके।

अब ऑक्सीजन की कमी से नहीं जाएगी कोई जान

 हरियाणा की ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के लिए करीब एक सप्ताह पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा था। साथ ही इसके लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से अनुरोध किया गया था, जिसका असर अब समुचित सप्लाई के रूप में सामने आ रहा है। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अनुसार हमने ऑक्सीजन की जरूरत संबंधी लड़ाई काफी हद तक जीत ली है। किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से कोई हादसा नहीं होने दिया जाएगा।

हरियाणा सरकार ने हर डीसी को 20 से 100 बेड तक बढ़ाने के दिए निर्देश

विज ने कहा कि सभी जिलों में ऑक्सीजन का कोटा अलाट किया जा चुका है और इसके लिए जिला उपायुक्तों के साथ-साथ मुख्यालय की ओर से भेजे गए सीनियर आइएएस अधिकारियों की देखरेख की ड्यूटी लगाई गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऑक्सीजन की कमी के पूरा हो जाने की स्थिति में ही सभी जिला उपायुक्तों को अपने यहां कम से कम 20 से 100 बेड तक अतिरिक्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने यूएस इंडिया फाउंडेशन द्वारा 176 कंसट्रेटर और पांच वेंटीलेटर भेजने पर आभार जताया है।

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