पंचकूला की निष्ठा ने PM मोदी के साथ देखा Mission Chandrayaan 2
Chandrayaan 2 Landing 48 दिन के सफर पर निकले चंद्रयान 2 की यात्रा पूरी होने की साक्षी पंचकूला की निष्ठा भी बनी।
पंचकूला [राजेश मलकानियां]। Chandrayaan 2 Landing: 48 दिन के सफर पर निकले चंद्रयान 2 की यात्रा पूरी होने की साक्षी पंचकूला की निष्ठा भी बनी। 7 मिनट में 10 सवालों के जबाव देकर निष्ठा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान मिशन 2 के ऐतिहासिक पल को देखने के लिए बेंगलुरु स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पहुंची। निष्ठा के पिता अमृतपाल शर्मा उसके साथ गए थे, परंतु नासा हेेडक्वार्टर में केवल विजेता छात्रों को ही एंट्री दी गई। अभिभावकों को गेस्ट हाउस में रखा गया। सभी छात्रों को नासा की टोपी एवं टीशर्ट दी गई। निष्ठा काफी गदगद है। उसी खुशी है कि वह पीएम मोदी के साथ थी।
गौरतलब है कि निष्ठा कुछ दिन पूर्व फेसबुक चला रही थी तो उनकी मां प्रीति शर्मा ने उसे चैलेंज दिया कि यदि वह सच में एस्ट्रोनॉट बनना चाहती है, तो भारत सरकार द्वारा आयोजित स्पेस क्विज 2019 के सवाल हल करके दिखाए। निष्ठा ने मां का चैलेंज स्वीकार किया और 7 मिनट में 10 सवालों का जबाव दे दिया था।
निष्ठा को भरोसा था कि वह सफल होगी, परंतु माता-पिता को संशय था, क्योंकि 7 मिनट को वह बहुत ज्यादा मान रहे थे। 28 अगस्त को निष्ठा की ईमेल पर एक मैसेज आया, तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। ईमेल से परिवार को पता चला कि निष्ठा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान मिशन टू के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर 7 सितंबर को उतरने का नजारा देखने का मौका मिल गया।
7 सितंबर के दिन जब पूरी दुनिया की निगाह भारत के चंद्रयान मिशन-2 पर है। इस पल को देखने के लिए पंचकूला के अमरावती विद्यालय की छात्रा निष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग बेंगलुरु स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नियंत्रण कक्ष में पहुंच गई है। निष्ठा को अब उस ऐतिहासिक पल का बेसब्री से इंतजार है, जब चांद की सतह को चंद्रयान मिशन-2 चूमेगा।
8वीं की छात्रा निष्ठा शर्मा ने बताया कि उन्हें स्पेस में काफी रुचि है। पिछले दिनों भारत सरकार की ओर से हर स्कूल में स्पेस क्विज का आयोजन किया गया था। इसमें उन्होंने भी भाग लिया था। पूरे देश में करीब दस दिनों तक इसका आयोजन हुआ। क्विज प्रतियोगिता में हरियाणा में आने की जानकारी मिली। इसके बाद भारत सरकार से इस पल का गवाह बनने के लिए आमंत्रण मिला। निष्ठा ने कहा कि आज का दिन उनके लिए सबसे बड़ा दिन है। ‘मैं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उस क्षण को जी सकूंगी, जिसका इंतजार पूरे देश को है।’ उन्हें बचपन से ही स्पेस के बारे में जानने की इच्छा रही। आगे चलकर वह एस्ट्रोनॉट बनना चाहती हैं और यह उनकी पहली सीढ़ी है।
अमरावती विद्यालय के चेयरमैन कुलभूषण गोयल ने निष्ठा को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। विद्यालय की डायरेक्टर अंबिका मेनन और प्रिन्सिपल मनीषा ने कहा कि यह स्कूल के लिए गर्व की बात है। निष्ठा के पिता अमृतपाल शर्मा मढ़ावाला में मोबाइल फोन की दुकान चलाते हैं। वह सुबह चले जाते हैं और देर रात वापस आते हैं, जबकि माता प्रीति शर्मा गृहणी है।
प्रीति शर्मा ने बताया कि निष्ठा को वह रोजाना न्यूजपेपर पढ़ती है। 15 जुलाई को चंद्रयान लांच नहीं हो पाया था, तो उदास हो गई थी, परंतु दोबारा जब लांच हुआ तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। निष्ठा ने 11 अगस्त 2019 को स्पेस क्विज में हिस्सा लिया था। इस क्विज में प्रदेश से दो ही छात्रों को जाने का मौका मिला, जिसमें से एक पंचकूला की निष्ठा एक छात्रा है, जबकि एक छात्र पानीपत से 8वीं के छात्र अर्नव सैनी हैं।
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