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एनएचएम कर्मियों व सरकार के बीच समझौता, हड़ताल खत्म, बहाल होंगे बर्खास्त कर्मी

सरकार से समझौता वार्ता के बाद एनएचएम कर्मियों ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी है। बैठक में फैसला हुआ कि बर्खास्त कर्मचारी बहाल किए जाएंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 08:50 PM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 09:48 AM (IST)
एनएचएम कर्मियों व सरकार के बीच समझौता, हड़ताल खत्म, बहाल होंगे बर्खास्त कर्मी

जेएनएन, चंडीगढ़। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों के साथ शुक्रवार को हुई वार्ता सिरे चढ़ गई। एनएचएम कर्मचारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज उनकी कई मांगों पर सहमत नज़र आए। बैठक में बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को बहाल करने पर सहमति बनी। बैठक में सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर व स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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बैठक में विज ने कर्मचारियों के आंदोलन को गलत ठहराते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार की योजना के तहत राज्य में कार्यरत हैं। राज्य सरकार चाहते हुए भी उन्हें नियमित नहीं कर सकती। कर्मचारियों की यह हड़ताल नियमित करने की मांग को लेकर ही थी। सरकार कर्मचारियों की इस मांग को लेकर केंद्र को पत्र लिखने को राजी हो गई है। केंद्र सरकार के सामने कर्मचारियों की पैरवी भी की जाएगी।

बैठक में विज हड़ताल में शामिल रहे उन कर्मचारियों को बहाल करने को राजी हो गए, जिन्हें विगत दिवस ही उन्होंने बर्खास्त करने के आदेश दिए थे। कर्मचारियों की एक और बड़ी मांग को स्वीकृत करते हुए विज ने कहा एनएचएम में कार्यरत कर्मचारियों के सर्विस रूल जल्द बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा, सर्विस रूल अगले वर्ष पहली जनवरी तक लागू कर दिए जाएंगे।

वार्ता सिरे चढ़ने के बाद एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान कर दिया। अब शुक्रवार से ये कर्मचारी काम पर लौट आएंगे। वहीं इससे पूर्व सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में क्लिनिकल एक्ट को लेकर बैठक हुई। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से एक्ट को लेकर विस्तृत जानकारी ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की हरियाणा इकाई एक्ट का विरोध कर रही है।

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक्ट को अंतिम रूप देने से पहले इस पर आईएमए के पदाधिकारियों के सुझाव भी लिए जाने चाहिएं। अब आईएमए पदाधिकारियों के लिए 21 या 22 दिसंबर को चंडीगढ़ में बैठक होगी।

बता दें, राज्य में दस दिनों से नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मचारी हड़ताल पर थे। इसके कारण सरकार धर्मसंकट में फंसी नजर आ रही थी। एक तरफ तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हड़ताली कर्मचारियों को बर्खास्तगी के लेटर थमा रहे थे, दूसरी ओर मुख्यमंत्री मनोहर लाल सिर्फ चेतावनी देने की बात कर रहे थे। सरकार ने मामले को निपटाने के लिए आज बैठक बुलाई। कर्मियों को पक्का करने के लिए हरियाणा सरकार केंद्र को पत्र भेजेगी।

साढ़े दस हजार कर्मी कार्यरत

केंद्र सरकार के एनएचएम प्रोजेक्ट के तहत राज्य में 10,601 एनएचएम कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से 4693 कर्मचारी काम पर लौट चुके थे, जबकि 5908 हड़ताल पर थे। गत दिवस स्वास्थ्य मंत्री ने 3728 एनएचएम कर्मियों को हटाने के पत्र जारी करा दिए थे।

सीएम ने खुद संभाली कमान

मामला बिगड़ते देख मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद कमान संभाली। चिंतन शिविर के लिए शुक्रवार से तीन दिन के लिए हिमाचल जा रही सरकार की कोशिश थी कि वीरवार को बैठक में कोई निर्णायक फैसला लेकर हड़ताल समाप्त करा दी जाए, जिसमें सरकार सफल रही।

इन मांगों पर अड़े थे कर्मी

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर सभी कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम के लिए समान वेतन देने और सेवानियम का ड्राफ्ट जारी करने की मांग को लेकर एनएचएम कर्मचारी पांच दिसंबर से धरना दे रहे थे।

विपक्ष भी हो गया था लामबंद

नौ दिन से चल रही हड़ताल को समाप्त न करा पाने पर विपक्ष को भी मुद्दा मिल गया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हड़ताली कर्मियों के पास पहुंच रहे थे।

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