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साइबर क्राइम का नया तरीका, क्यूआर कोड भेजकर ठगी कर रहे शातिर जालसाज

साइबर अपराधियों ने लाेगों से ठगी के लिए अब नया तरीका अपनाया है। ये जालसाज अपने जाल में फंसा कर लोगों से क्‍यूआर कोड के माध्‍यम से ठगी कर रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 06:35 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 08:44 AM (IST)
साइबर क्राइम का नया तरीका, क्यूआर कोड भेजकर ठगी कर रहे शातिर जालसाज
साइबर क्राइम का नया तरीका, क्यूआर कोड भेजकर ठगी कर रहे शातिर जालसाज

चंडीगढ़, जेएनएन। साइबर जालसाजों ने अब ठगी का नया तरीका अपनाया है। शातिर साइबर अपराधी अब क्‍यू आर कोड (QR code) भेजकर लोगों को ठगी का निशाना बना रहे हैं। इसके मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को देखते हुए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी (सलाह) जारी की है। पुलिस ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे अज्ञात व्यक्तियों से प्राप्त क्विक रिस्पांस (क्यूआर) कोड की स्कैनिंग करते समय विशेष सतर्कता बरततें और इससेे बचें। इस कोड के जरिये उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर ठगी की जा सकती है।

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हरियाणा पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, ऑनलाइन भुगतान के हर विवरण का रखें पूरा ख्याल

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने लोगों को साइबर स्कैमर्स से सावधान रहने की सलाह दी है। उनके अनुसार साइबर अपराधी अब ईमेल, वाट्सएप जैसे माध्यम से क्यूआर कोड भेजकर लोगों के बैंक खातों को हैक कर ठगी कर रहे हैं। स्मार्ट फोन के बढ़ते उपयोग, मोबाइल ऐप व इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान के नए तरीकों से साइबर धोखाधड़ी बढ़ी है। ऐसे जालसाजों से बचने के लिए ऑनलाइन भुगतान के हर विवरण पर पूरा ध्यान देना जरूरी है।

एडीजीपी विर्क ने कहा है कि लोगों को किसी तरह के प्रलोभन या बहकावे में आने से बचना चाहिए। साइबर अपराध के तरीके बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले, ये स्कैमर्स सेकंड हेंड (पुराने) सामान के लिए खरीददार या विक्रेता बनकर लोगों को भुगतान में आसानी के लिए एक क्यूआर कोड भेजकर स्कैन करने के लिए कहते हैं। जैसे ही रिसीवर्स कोड स्कैन करते हैं, उनके खाते से पैसे कट जाते हैं। इसके अतिरिक्त, दुकानदारों को भी थोक ऑर्डर की पेशकश के साथ लालच दिया जाता है और भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड भेजकर धोखा दिया जाता है। बाद में आरोपी सामान भी वितरित नहीं करते।

नवदीप सिंह विर्क ने यूपीआइ या अन्य वॉलेट्स द्वारा ऑनलाइन भुगतान करने के लिए एहतियाती उपाय सुझाया। उन्‍होंने कहा कि क्यूआर कोड धन प्राप्ति की बजाय केवल भुगतान के लिए प्रयोग होता है। नागरिकों को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड की स्कैनिंग से बचना चाहिए और संदिग्ध पतों से आई ईमेल, वाट्सएप व टेक्स्ट संदेशों का जवाब नहीं देना चाहिए। सतर्कता के साथ, हर व्यक्ति साइबर अपराध को रोककर  लोगों को इसका शिकार बनने से रोकने में मदद कर सकता है।

साइबर पुलिस थानों में मजबूत होगा नेटवर्क

एडीजीपी नवदीप विर्क के अनुसार राज्य पुलिस ने साइबर थानों के नेटवर्क को मजबूत करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। वर्तमान में, गुरुग्राम और पंचकूला में साइबर पुलिस स्टेशन काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में साइबर जालसाजों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जल्द ही साइबर पुलिस स्टेशनों के नेटवर्क को अपग्रेड किया जाएगा।


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