भ्रष्टाचार के खिलाफ माेर्चा खोलेंगे हरियाणा में स्थानीय निकाय चुनाव जीते नए चेयरमैन
हरियाणा निकाय चुनाव में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बना। अब जीते हुए चेयरमैन भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ेंगे। अधिकांश पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। वह जीत के बाद ट्रिपल इंजन की सरकार बनकर जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे।
बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। हरियाणा में स्थानीय निकाय चुनाव में मूलभूत सुविधाओं से ज्यादा बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार का रहा। चेयरमैन पद का जो प्रत्याशी अपने क्षेत्र के मतदाताओं को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी बात समझाने में सफल रहा, उसे जीत मिली है।
यही कारण है कि अब निर्दलीय चुनाव जीते चेयरमैन भी भाजपा-जजपा गठबंठन के साथ ट्रिपल इंजन की सरकार में शामिल होकर अपने क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते हैं। इन चेयरमैन ने जीत के बाद चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सहित प्रदेश भाजपाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को यही कहा है कि वे अपने शहर से भ्रष्टाचार को खत्म करके सिर्फ विकास की गति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
दिग्गज नेताओं के शहर में अहम है निर्दलीयों की जीत
स्थानीय निकाय चुनाव में राज्य के दिग्गज नेताओं के शहर में निर्दलीयों की जीत के अहम राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। अहीरवाल में मंत्री डाक्टर बनवारी लाल के समर्थन से चुनाव लड़े भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी निर्दलीय से चुनाव हार गए। यहां से निर्दलीय चुनाव जीते वीरेंद्र सिंह को कांग्रेस का समर्थन था।
भाजपा के शिवनारायण यहां तीसरे नंबर रहे। इसी तरह नारनौल में भी भाजपा उम्मीदवार जीती चेयरमैनी कमलेश सैनी से बड़े मतों के अंतर से चुनाव हारी हैं। यहां भाजपा उम्मीदवार के लिए मंत्री ओमप्रकाश यादव ने ऐढ़ी चोटी का जोर लगाया था।
दक्षिण हरियाणा के होडल में भी भाजपा और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों के सामने निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल समर्थित उम्मीदवार वीर वाल्मीकि के सामने भाजपा के डाक्टर यशपाल ने जीत दर्ज की है।
बावल के चेयरमैन को छोड़ दें तो अन्य निकायों से जीते निर्दलीय चेयरमैन सत्ता के साथ मिलकर हीअपने शहर की छोटी सरकार चलाएंगे। भिवानी, नारनौल, हांसी, टोहाना, होडल, नरवाना नगर परिषद में जीते छह निर्दलीय चेयरमैन में से चार ने भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में आस्था जताई है।