नेहा शौरी मर्डर केस : डीसी ने चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट, नप सकते हैं चार-पांच अफसर
मर्डर केस में चार से पांच अधिकारियों पर गाज गिरेगी।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : खरड़ में बहुचर्चित ड्रग्स ऑफिसर नेहा शौरी मर्डर केस में चार से पांच अधिकारियों पर गाज गिरेगी। इस हत्याकांड में चुनाव आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन पाया गया है और अब चुनाव आयोग उल्लंघन करने वाले अधिकारियों का तबादला कर सकता है। साथ ही विभागीय जांच भी करवाई जाएगी। चुनाव आयोग ने इस मामले में रूपनगर के उपायुक्त से रिपोर्ट तलब की थी। जोकि डीसी ने पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. एसके राजू को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि आचार संहिता लागू होने के बाद पिस्टल का लाइसेंस जारी हुआ है। ऐसा पंजाब के चार जिलों में हुआ है। डीसी ने आठ मार्च को दे दी थी अप्रूवल
रिपोर्ट में कहा गया है कि असला लाइसेंस जारी करने के लिए डीसी ने 8 मार्च को अप्रूवल दे दी थी। 10 मार्च को चुनाव आचार संहिता लग गई थी। जिसके चलते लाइसेंस जारी करने से पहले उनकी टीम को पूछना चाहिए था, परंतु कर्मचारियों ने ऐसा जरूरी नहीं समझा और 11 मार्च को असला परमिशन ऑनलाइन डाल दी गई थी। जनवरी में किया था लाइसेंस के लिए आवेदन
रिपोर्ट में बताया गया है कि यह लाइसेंस लेने के लिए आवेदन जनवरी 2019 में शुरू हुआ था, जोकि 8 मार्च को सभी प्रोसेस पूरा हो गया। इस मामले में 4 से 5 कर्मचारियों की जिम्मेदारी बनती थी, लेकिन उन्होंने नजरअंदाज करते हुए चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया और ऑनलाइन परमिशन अपलोड कर दी। हालांकि इस मामले में रूपनगर के एडीसी ने पिछले दिनों कहा था कि इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं की गई। लाइसेंस 6 मार्च को जारी करना चाहिए था, परंतु दो दिन बाद जारी किया था। नियम 75.8 सी के हिसाब गन हाउस के मालिक को जानकारी देनी चाहिए थी कि जो भी असला वह जारी करते हैं, उसकी जानकारी देंगे, परंतु वह नहीं दी गई। पंजाब के चार जिलों में इस तरह जारी किए गए लाइसेंस
वहीं सूत्रों के अनुसार पंजाब के चार जिलों में आचार संहिता लागू होने के बाद असला लाइसेंस जारी किए गए, जिसमें पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों को कार्रवाई करने के लिए कहा है। नहीं सुलझी है गुत्थी
डॉ. नेहा शौरी की हत्या के पीछे के कारण पुलिस अभी तक पता नहीं लगा पाई है। इस गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस अब आरोपित बलविदर सिंह के पुराने दोस्तों से बातचीत करेगी। मर्डर के पीछे मृतक बलविदर सिंह का मकसद 10 साल पुरानी रंजिश थी या कुछ और, इसके लिए लोकल स्तर पर बनाई डिस्ट्रिक्ट पुलिस की एसआइटी जांच कर रही है। टीम मृतक की ब्रेन मैपिग करने जा रही है। ब्रेन मैपिग यानी कि पिछले 10 सालों में बलविदर सिंह के दिमाग में क्या चल रहा था कि उसने सीधा ऑफिस में आकर डॉ. नेहा शौरी को एकाएक चार गोलियां मार दीं। डॉ. नेहा शौरी के साथी कर्मचारियों के गले भी यह बात नहीं उतर रही है कि कोई कैसे 10 सालों तक रंजिश अपने मन में रख सकता है। इसके पीछे जरूर कोई दूसरा कारण होगा। कारणों को ही तलाश करने के लिए पुलिस अब बलविदर के राजदार की तलाश में जुट गई है। हालांकि मामला उलझा हुआ है, क्योंकि मर्डर के बाद बलविंदर ने खुद को भी गोली मार ली थी। मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण बारीकी से मामले को इन्वेस्टिगेट किया जा रहा है।