बगैर मान्यता वाले स्कूलों के नाम होंगे सार्वजनिक, वेबसाइट पर जारी किया जाएगा विवरण
हरियाणा में गैर मान्यता वाले स्कूलों पर शिकंजा कसने वाला है। इन स्कूलोें के नाम और डिटेल सार्वजनिक किए जाएंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर शिकंजा कसने वाला है। राज्य सूचना आयोग ने बच्चों का भविष्य दांव पर देख इन स्कूलों के प्रति सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशक को 30 जनवरी तक सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। इससे नए सत्र में बच्चों का दाखिला कराते समय अभिभावकों को पता होगा कि किस स्कूल के पास मान्यता है और किस के पास नहीं।
सूचना आयोग ने मौलिक शिक्षा निदेशालय को दिया सूची जारी करने का निर्देश
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व प्रदेश महामंत्री भारत भूषण बंसल ने पिछले साल 26 जुलाई को शिक्षा निदेशक से सूचना का अधिकार के तहत बगैर मान्यता चल रहे निजी स्कूलों की जानकारी मांगी थी। जवाब नहीं मिलने पर मामला 16 अक्टूबर को राज्य सूचना आयोग के पास पहुंच गया। राज्य सूचना आयुक्त भूपेंद्र धर्माणी ने मौलिक शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया कि निजी स्कूलों की जानकारी विभाग की वेबसाइट पर डालने के साथ ही 5 फरवरी तक आयोग को रिपोर्ट दें।
30 जनवरी तक की मोहलत, फर्जी स्कूलों की सूची जारी होने से अभिभावकों को फायदा
राज्य सूचना आयुक्त ने गुरुग्राम, जींद, कैथल, करनाल, रोहतक और यमुनानगर के उप जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 20 जनवरी तक आरटीआइ कार्यकर्ता को गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की जानकारी उपलब्ध कराएं। ऐसा नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। सूचना आयुक्त ने निर्देश दिया कि शिक्षा अधिकारी पूरे प्रदेश में चल रहे गैर मान्यता स्कूलों के प्रति अभिभावकों को जागरूक करें ताकि बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बचाया जा सके।
चार हजार स्कूलों के पास नहीं मान्यता
प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट में शपथपत्र देकर प्रदेश में 1083 गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूल संचालित होने की बात मानी है। हालांकि स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के अनुसार ऐसे स्कूलों की संख्या चार हजार से अधिक है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने कहा कि आयोग के फैसले उन अभिभावकों को राहत मिलेगी जो निजी स्कूलों की चकाचौंध देखकर भ्रमित हो जाते हैं। वह यह जानना भी जरूरी नहीं समझते कि उनसे मोटी फीस व शुल्क वसूलने वाला स्कूल मान्यता प्राप्त है भी या नहीं।
उन्होंने कहा कि अधिकतर गैर मान्यता प्राप्त स्कूल संचालक सीबीएसई व हरियाणा बोर्ड से संबद्धता दर्शाते हैं, जबकि वास्तव में उनके पास स्कूल संचालन की अनुमति तक नहीं होती। अगर वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध होगी तो लाखों अभिभावक ऐसे फर्जी स्कूलों के झांसे में आने से बच सकेंगे।