घग्गर नदी में बरसाती नालों का पानी जाने से रोकेगा नगर निगम
हाईकोर्ट की ओर से फटकार भी लगाई जा चुकी है।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : घग्गर नदी के साफ पानी में बरसाती नालों का गंदा पानी रोकने के लिए नगर निगम द्वारा योजना बनाई जा रही है, ताकि प्राकृतिक पानी के स्त्रोत खराब न हों। पिछले लंबे समय से इस पर प्लानिग चल रही थी, परंतु अधिकारियों द्वारा ठोस कदम न उठाने के चलते हाईकोर्ट की ओर से फटकार भी लगाई जा चुकी है। अब नगर निगम के प्रशासक राजेश जोगपाल ने खुद इस काम की मॉनीटरिग शुरू कर दी है और दोनों टेक्निकल एडवाइजरों के नेतृत्व में टीम का गठन किया है, जोकि पूरी योजना तैयार करके प्राकृतिक पानी में गंदे या अनट्रीटेड पानी को न छोड़ा जाए। पिंजौर के अलावा कई अन्य जगहों का पानी गिरता है नदी में
सिचाई विभाग की ओर से पंचकूला शहर को पानी सप्लाई के लिए पिजौर की कौशल्या नदी पर बनाए डैम में पिजौर के बहते हुए गंदे नालों के कारण पानी दूषित होता है। जबकि डैम के निर्माण के दौरान सिचाई विभाग ने पहले नगरपालिका पिजौर, बाद में नगर निगम को भी कई बार गंदे पानी को ट्रीट कर नदी में डालने का आग्रह किया था, लेकिन उस पर आगे काम नहीं किया गया। पिजौर के चौणा चौक पानी की टंकी के साथ से बहता हुआ गंदे नाले का पानी सीधे नदी में गिरता है, जबकि इससे कहीं अधिक गंदा पानी सैनी मोहल्ला और गार्डन का पानी गार्डन के पुल और बाईपास के पुल के नीचे से होता हुआ सीधे नदी में गिरता है। इसी प्रकार सीआरपीएफ कैंपस से भी पानी नाले के रास्ते सीधे नदी में गिरता है। इससे घग्घर नदी बुरी तरह से प्रदूषित हो रही है। इसके अलावा मनीमाजरा से बहने वाले चौ में पंचकूला, राजीव कॉलोनी, मौलीजागरां और बुढ़नपुर के बीच में बहने वाले सीवर का पानी रायपुरकलां के पास सुखना चौ में मिल जाता है। मर रहे हैं जीव-जंतु
इन सब जगह से सीवरेज चौ में मिलता जाता है, जो आगे बहता हुआ घग्गर नदी में जा गिरता है। पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे जीव-जंतु मर रहे हैं और पानी का सर्कल बिगड़ता है। सड़े हुए पानी के नदी में गिरने से इसकी दूर-दूर तक बदबू आ रही है। इस पानी को खेतों में लगाने से फसलें खराब भी हो जाती हैं। फोर्स तो बनाई पर कार्रवाई नहीं हुई
चीफ सेक्रेटरी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व एडमिनिस्ट्रेटर चंडीगढ़ को एक स्पेशल टास्क फोर्स बनाने के लिए कहा गया था। जिसमें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, ऑफिसर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी बनाए गए थे। इन्हें आदेश था कि फोर्स उन लोगों को आइडेंटीफाई करेगी, जो कानून का उल्लंघन कर रहे हैं और उन पर कार्रवाई करेगी। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को तीन महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों में गुस्सा
-समाजसेवी कुसुम कुमार गुप्ता ने बताया कि पिजौर, कालका एवं पंचकूला से काफी मात्रा में गंदगी घग्गर नदी में गिराई जाती है। इस गंदगी को गिराने से रोकने के लिए नगर निगम, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, सिचाई विभाग, जिला प्रशासन को जरूरी कदम उठाने चाहिए।
-सेक्टर-19 निवासी राजकुमार शर्मा ने कहा कि आज की जरूरत है कि बच्चों को पानी, पेड़-पौधों एवं पर्यावरण की अहमियत समझाएं। यदि इसी तरह नदियों में प्रदूषण फैलता रहा, तो आने वाले समय में पानी की कमी हो जाएगी। बच्चों को रखरखाव के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने पंचकूला निवासियों से घग्गर नदी में गंदगी न फेंकने की अपील की।
-अमरावती एन्क्लेव की बबिता तलवार कहती हैं कि घग्गर में जिन-जिन नालों से गंदा पानी जाता है, उनका पता लगाया जाए। पिजौर में कौशल्या और घग्गर नदी का पूर्व क्षेत्र वन विभाग एवं दक्षिण क्षेत्र में पिजौर गार्डन है, को संरक्षित हिस्सा बनाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। प्राकृतिक पानी को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। मैंने नगर निगम के अधिकारियों की एक टीम तैयार की है, जोकि विभिन्न प्वाइंटों को चेक करेगी और नालों का पानी प्राकृतिक पानी में जाने से रोकने के लिए काम करेगी। नगर निगम प्राकृतिक स्त्रोतों को बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारी समझता है।
-राजेश जोगपाल प्रशासक, नगर निगम पंचकूला