हरियाणा में मिड-डे मिल में कुकिंग कास्ट से कटेगा फोर्टिफाइड आटे की पिसाई का पैसा
हरियाणा में मिड डे मील (mid day meal) के तहत बच्चों को दिए जाने वाले फोर्टिफाइड आटे की पिसाई का पैसा अब कुकिंग कास्ट से काटकर हैफेड को दिया जाएगा। अभी तक बच्चों को पूरी धनराशि दी जा रही थी।
जेएनएन, चंडीगढ़। सरकारी स्कूलों में दोपहर के भोजन में बच्चों को दिए जाने वाले फोर्टिफाइड आटा (पोषक तत्वों से युक्त) की पिसाई का पैसा अब छात्र-छात्राओं के हिस्से से काटा जाएगा। जिन स्कूल मुखियाओं ने पूर्व में बच्चों के खाते में मिड-डे मील का पूरा पैसा डाल दिया है, उन्हेंं भविष्य में दी जाने वाली कुकिंग कास्ट से इसकी भरपाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रत्येक बच्चे को अब प्रति किलोग्राम आटेे में 3.20 रुपये कम कर इसे हैफेड को दिया जाएगा। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को मिड-डे मिल में 45-55 के अनुपात में गेहूं और चावल दिया जाता है। प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को प्रत्येक दिन के लिए 45 ग्राम और अपर प्राइमरी के छात्रों को 67.5 ग्राम आटा दिया जाता है। इस तरह प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को प्रत्येक दिन के लिए 14 पैसे और अपर प्राइमरी के छात्रों को 22 पैसे प्रतिदिन देने होंगे।
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मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। स्कूल मुखियाओं से कहा गया है कि जिस दिन फोर्टिफाइड आटे का इस्तेमाल किया जाए, उस दिन निर्धारित कुकिंग कोस्ट में से 3.20 रुपये प्रति किलो की दर को कम करके खर्च किया जाए। चूंकि अब सीधे ही कुकिंग कोस्ट विद्यार्थियों के खाते में डाली जा रही है, इसलिए विद्यार्थियों को जितनी मात्रा में फोर्टिफाइड आटा दिया जा रहा है, उतनी मात्रा की पिसाई की लागत को इसमें से काट लिया जाएगा।
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