हरियाणा व यूपी के CM की मीटिंग में कई अहम समझौते, जमीन विवाद सुलझने की बढ़ी उम्मीद
Meeting of CM of Haryana and Uttar Pradesh हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच हुई बैठक में कई अहम समझौते हुए।
जेएनएन, चंडीगढ़। Meeting of CM of Haryana and Uttar Pradesh: हरियाणा और उत्तर प्रदेश के वर्षों पुराने विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए लखनऊ में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री वार्ता की टेबल पर बैठे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच हुई बैठक में कई अहम समझौते हुए। बैठक में न केवल यमुना से लगती जमीन और नहरी पानी के विवादित मसलों को सुलझाने की कोशिश की गई, बल्कि राजस्व, सिंचाई, जल संसाधन, परिवहन तथा पीडब्ल्यूडी से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया। अन्य मुद्दों के समाधान के लिए अगली बैठक इसी महीने आगरा में होगी।
वर्षों से लंबित द्विपक्षीय मामलों को हल करने की पहल में उस समय बड़ी सफलता मिली जब यमुना नदी पर तीन पुलों के निर्माण कार्य को योगी आदित्यनाथ ने सहमति दे दी। इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया कि पलवल के हसनपुर तथा राष्ट्रीय राजमार्ग को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले पुल का दोनों राज्य अपने-अपने हिस्से का निर्माण स्वयं करवाएंगे न कि 50-50 के अनुपात में।
बैठक में हरियाणा व उत्तर प्रदेश की सीमा के मामले में 14 फरवरी 1975 को दिए गए दीक्षित अवार्ड के अंतर्गत जो बुर्जियां मौके से गायब हैं, उनकी पुन: स्थापना के लिए निर्णय लिया गया कि यह कार्य सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से 31 मार्च, 2020 तक पूरा कराया जाएगा। इस पर लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। दोनों राज्य 50-50 के अनुपात में यह राशि भी वहन करेंगे।
बैठक में पानीपत जिले में बिलासपुर को खोजकीपुर को जोड़ने वाले पुल तथा सड़क के निर्माण के लिए 70 मीटर भूमि उत्तर प्रदेश सरकार एक महीने में अधिग्रहीत करेगी। इसी प्रकार फरीदाबाद व ग्रेटर नोएडा वाया जसना-मंझवाली अट्टा गुजरांन के बीच यमुना नदी पर पुल के निर्माण पर भी उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई है। इसी महीने भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इस पर 104 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
यमुना नगर-रादौर (राज्यमार्ग-06) से नुकूर-सहारनपुर (एमडीआर-1472) सड़क पर यमुना नदी पर पुल के निर्माण के लिए भी उत्तर प्रदेश ने अपने स्तर पर करने का आश्वासन दिया। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार चार कनाल जमीन का अधिग्रहण करेगी। यह भी निर्णय लिया गया कि पलवल के हसनपुर तथा राष्ट्रीय राजमार्ग को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले पुल का निर्माण अपने-अपने हिस्से में पड़ने वाले भाग को दोनों राज्य अपने स्तर पर बनाएंगे। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन से जुड़े मुद्दों के समाधान पर भी विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।
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