बजट के गागर में सागर भरना चाहते हैं मनोहर, युवाओं के लिए रोजगार सहित सभी वर्गों का ध्यान
सीएम मनोहरलाल वित्तमंत्री के तौर पर अपने पहले बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखना चाहते हैं। वह बजट में उद्योग कृषि व रोजगार के लिए खास कदम के लिए विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे हैं।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा का बजट इस बार कुछ अलग होगा। वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने पहले बजट में गागर में सागर भरना चाहते हैं। मनोहरलाल बजट पेश करने से पहले सभी वर्गों के विशेषज्ञों के बीच जाकर सुझाव ले रहे हैं। इन सुझावों में सीएम एक ही संकेत दे रहे हैं कि वह रोजगारोन्मुख बजट पेश करना चाहते हैं। कृषि,उद्योग,व्यापार,सर्विस से लेकर रियल इस्टेट सेक्टर की अलग श्रेणियों के विशेषज्ञों से सीएम पिछले एक पखवाड़े से लगातार संपर्क कर रहे हैं। मनोहर सभी वर्गों की उम्मीदों को पूरा करना चाहते हैं।
मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर से सुझाव लेते समय मुख्यमंत्री ने कर दिया युवाओं को रोजगार पर उद्देश्य स्पष्ट
मुख्यमंत्री मनोहरलाल पहले गुरुग्राम में सर्विस व रियल सेक्टर, पानीपत में टेक्सटाइल उद्योग तो फरीदाबाद में मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर के विशेषज्ञों से सुझाव ले चुके हैं। मुख्यमंत्री कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों के भी सुझावों को अपने बजट में समायोजित करेंगे। इसके लिए उन्होंने हिसार में कृषि विशेषज्ञों व किसानों से बातचीत की।
मुख्यमंत्री इन सभी वर्गों के विशेषज्ञों से एक बात साफ तौर पर कह रहे हैं कि बजट सिर्फ छूट देने वाला नहीं होगा बल्कि बजट में रोजगार के संसाधन विकसित करने की योजनाएं होंगी। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर अकेले उद्योग,व्यापार या सरकारी नौकरियों में ही नहीं कृषि और बागवानी क्षेत्र में भी हों।
दिल्ली के नजदीक सस्ती जमीन का सपना भूल जाएं उद्यमी
मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर के उद्यमियों ने साफ तौर पर सीएम के समक्ष यह मुद्दा रखा कि वे दिल्ली के नजदीक सस्ती जमीन उपलब्ध कराएं। इसके लिए इन उद्यमियों ने झारखंड, राजस्थान में छूट संबंधी उदाहरण भी रखे मगर सीएम ने साफ कर दिया राजस्थान और झारखंड जिन क्षेत्रों में छूट देता है, उन क्षेत्रों में सस्ती जमीन और छूट हरियाणा सरकार भी दे रही है। लेकिन, दिल्ली के नजदीक जमीन सस्ती दिलवाना सरकार के बूते से बाहर है। गुरुग्राम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जगन्नाथ मंगला के अनुसार सरकार को लैंड बैंक तो बनाना ही चाहिए।
---------
सरकार से मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर के उद्यमियों की हैं ये मांगें -
-बड़े औद्योगिक प्लाॅट में उद्योग लगाने के लिए मिले सबडिविजन की अनुमति।
-सरकारी आदेश पर फैक्ट्री बंद करने की समयावधि में मिले बिजली के न्यूनतम बिल में छूट।
-औद्योगिक क्षेत्रों मे ढांचागत संसाधनों की बढ़ोतरी के लिए अलग से हो बजट का प्रावधान।
-उद्योगों को बिजली अन्य राज्यों की तरह कम दर पर मिलनी चाहिए।
-एमएसएमई के लिए बने नए एक्ट-2019 को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए।
-अनियमित क्षेत्रों में लगे 70 फीसद से अधिक उद्योगों को नियमित किया जाए।
-राज्य स्तर पर लैंड बैंक का गठन किया जाना चाहिए।
-एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए ऋण राशि की ब्याज दर में मिले छूट।
-औद्योगिक क्षेत्रों में फ्लोर एरिया रेशाे खरीदने की दर 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो।
-गुरुग्राम और फरीदाबाद को हड़ताल मुक्त जोन घोषित किया जाए।
-गुरुग्राम में पदासीन अतिरिक्त श्रम आयुक्त को पूरे अधिकार दिए जाएं।
-ऑटो कंपोनेंट हब के लिए केएमपी पर नया जोन सृजित किया जाए।
-मानेसर औद्योगिक क्षेत्र के एसटीपी का पानी सुल्तानपुर लेक में डाला जाए।
-फरीदाबाद को केजीपी एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाए।
-एक्सपोर्ट यूनिटों को परिवहन किराये पर छूट 20 लाख से बढ़ाई जाए।