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राजनीति तेज हुई तो राशन कार्डों के फर्जीवाड़े में मनोहर सरकार ने बैठाई जांच

राशन कार्ड पर छिड़े सियासी घमासान के बीच प्रदेश सरकार ने तीन लाख से अधिक राशन कार्डों के आधार कार्ड से नहीं जुड़ पाने की जांच के आदेश दिए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 12:31 PM (IST)
राजनीति तेज हुई तो राशन कार्डों के फर्जीवाड़े में मनोहर सरकार ने बैठाई जांच
राजनीति तेज हुई तो राशन कार्डों के फर्जीवाड़े में मनोहर सरकार ने बैठाई जांच

चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। गरीबों के राशन कार्ड पर छिड़े सियासी घमासान के बीच प्रदेश सरकार ने तीन लाख से अधिक राशन कार्डों के आधार कार्ड से नहीं जुड़ पाने की जांच शुरू कर दी है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को मिली शिकायतों के अनुसार कुछ डिपो होल्डरों ने बड़े पैमाने पर अफसरों से मिलीभगत कर फर्जी राशन कार्ड बनाए जिससे गरीबों का राशन गलत हाथों में गया। सरकार ने संबंधित अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के नोटिस थमाते हुए एक दर्जन से अधिक लोगों पर फर्जीवाड़े के केस दर्ज कराए हैं।

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अनुशासनात्मक कार्रवाई के नोटिस के साथ कई अफसरों व कर्मचारियों पर केस दर्ज

गरीबों का राशन पात्र लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने राशन कार्ड को आधार से लिंक कराना अनिवार्य कर रखा है। सिरसा सहित कुछ अन्य जिलों में अधिकारियों के साथ मिलकर राशन डिपो संचालकों द्वारा फर्जी राशनकार्ड बनाने के पर्दाफाश के बाद विभाग ने सख्ती दिखाई तो 3,13,629 कार्ड ऐसे निकले जिनके मालिकों ने कई मौके मिलने के बावजूद अपना आधार नंबर नहीं बताया। इन राशन कार्डों के जरिये 25 लाख 91 हजार 682 लोगों के नाम पर राशन दिया जा रहा था। फर्जीवाड़े की आशंका के बाद ही इन राशन कार्डों पर अस्थायी आधार पर रोक लगा दी गई।

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हैरानी की बात है कि किसी भी जिले में उपायुक्तों के पास एक भी शिकायत ऐसी नहीं आई जिसमें किसी लाभार्थी को आधार नहीं होने की वजह से राशन कार्ड नहीं मिला हो। इसे आधार बनाते हुए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अफसरों को छानबीन में लगाया तो डिपो होल्डरों द्वारा गरीबों के राशन के दुरुपयोग का मामला सामने आया।

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इसमें जिला स्तर के कुछ अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी उजागर हुई जिन्होंने ई-केवाईसी (नो यूअर कस्टमर) भी करा दी। इसके बाद जहां फर्जीवाड़े में शामिल डिपो होल्डरों की दुकानें बंद की जा रही हैं, वहीं संबंधित अफसरों पर भी विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

खाद्य एवं आपूर्ति के अधिकारियों ने बताया कि अस्थायी रूप से निष्क्रिय राशन कार्डों को आधार से लिंक कराने के लिए पूरे मौके दिए जा रहे हैं। आधार लिंक होने पर संबंधित कार्ड धारकों को पीछे का पूरा राशन दिया जाएगा। आधार लिंक कराने के लिए 127 केंद्र खोले गए हैं। इसके अलावा सभी 9376 उचित मूल्य की दुकानों पर बिक्री यंत्र के माध्यम से आधार लिंक कराने की सुविधा दी गई है। राशन फर्जीवाड़े में शामिल किसी भी अफसर या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।

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