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मार्केट फीस घटाकर मनोहर सरकार ने आढ़तियों और किसानों का मंडी व्यवस्था में जगाया विश्वास

हरियाणा में मनोहरलाल सरकार ने मंडियों में मार्केट फीस घटा दी है। इससे हरियाणा के आढ़तियों और किसानों ने इस पर खुशी जताई है। उनका कहना है कि इससे आढ़तियों और किसनों में मंडी व्‍यवस्‍था के प्रति विश्‍वास जगा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 09:36 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 09:40 PM (IST)
मार्केट फीस घटाकर मनोहर सरकार ने आढ़तियों और किसानों का मंडी व्यवस्था में जगाया विश्वास
हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। केंद्र सरकार के रबी की फसल की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की दर बढ़ाने और हरियाणा सरकार के मार्केट फीस घटाने के निर्णय से किसानों और आढ़तियों में मंडी व्यवस्था में विश्वास सुदृढ़ हुआ है। दोनों ही आदेशों से राज्य में किसान व आढ़तियों का आंदोलन अब बैकफुट पर आ गया है। किसानों और आढ़तियों की ये दोनों प्रमुख मांग थीं।

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एमएसपी बढ़ाने और मार्केट फीस एक फीसद करने के निर्णय बैकफुट पर आया आंदोलन

हरियाणा सरकार के आदेश के बाद आढ़तियों ने तो अपनी राज्यव्यापी हड़ताल भी वापस ले ली है। सरकार दावा कर रही है कि अब हरियाणा में किसान भी आंदोलन नहीं करेेंगे। इससे कृषि विधेयकों को लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की रणनीति बना चुकी कांग्रेस को भी नए सिरे से रूपरेखा बनानी होगी।

मार्केट फीस कम होने से दिल्ली को टक्कर देगा हरियाणा

हरियाणा सरकार ने मार्केट फीस कम करके एक तीर से दो निशान साधे हैं। सरकार के इस निर्णय से आढ़तियों के अलावा किसान भी संतुष्ट हुए हैं। सोमवार सायं आढ़तियों ने जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को हरियाणा के आसपास के राज्यों में मार्केट फीस की दर बताई तो मुख्यमंत्री ने एक मिनट का समय भी फीस कम करने में नहीं लगाया।

हरियाणा में मार्केट फीस दिल्ली के बराबर और पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश से कम हुई

असल में आढ़तियों ने तथ्य रखे कि हरियाणा के फरीदाबाद, पलवल, नूंह, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, रोहतक व झज्जर जिला का करीब 30 फीसद खाद्यान्न मार्केट फीस एक फीसद होने के कारण दिल्ली की नरेला और नजफगढ़ मंडियों में बिकता है। दिल्ली सरकार को भी सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न खरीदना होता है।

हरियाणा में चूंकि अभी तक चार फीसद मार्केट फीस थी इसलिए दिल्ली के व्यापारी अपनी मंडियों में दूसरे राज्यों में व्यापार करने के लिए भी खाद्यान्न खरीदते रहे। अब हरियाणा में एक फीसद मार्केट फीस होने से यहां के किसान अपनी फसल अपने जिलों की मंडियों में ही बेचेंगे। इससे हरियाणा सरकार को राजस्व भी पहले से ज्यादा मिल सकता है।

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विभिन्न राज्यों में मार्केट फीस की दर

हरियाणा- 1 फीसद

दिल्ली- 1 फीसद

उत्तर प्रदेश- 2.5 फीसद

मध्यप्रदेश- 1.7 फीसद

राजस्थान- 2.6 फीसद

पंजाब- 4 फीसद

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आढ़ती एसोसिएशन और हरियाणा सरकार के बीच बैठक में हुए प्रमुख निर्णय

1. हरियाणा के किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी

2.मंडियों में मार्केट फीस 4 फीसद से घटाकर एक फीसद कर दी गई

3. अपनी फसल का भुगतान लेने के लिए किसान की इच्छा होगी कि वह अपने खाते में ले या आढ़ती के खाते में। इसके लिए किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसान पूर्व जानकारी देगा।

4.सरकार पर 2019 से गेहूं की सरकारी खरीद का बकाया ब्याज का भुगतान सरकार शीघ्र करेगी।

5. किसान की जीरी पोर्टल के माध्यम से एमएसपी पर प्रति एकड़ 25 क्विंटल के हिसाब से खरीदी जाएगी। इसमें 10 फीसद की छूट होगी।

6.कपास, सरसों, सूरजमुखी फसलों की खरीद भी आढ़तियों के माध्यम से की जाए। इसके लिए राज्य सरकार के अधिकारी काटन कारपोरेशन आफ इंडिया व कपड़ा मंत्रालय में चर्चा करेंगे।

7.जीरी उठान के लिए परिवहन और खरीद केंद्र बनाने के लिए उच्च अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जाएगी।

8. फसल बेचने के लिए किसान का भी पंजीकरण शीघ्र शुरू हो जाएगा।

9.गेहूं और जीरी की सरकारी खरीद खत्म होने के 15 दिन के अंदर आढ़ती की दामी और मजदूरी का भुगतान होगा। अन्यथा 12 फीसद वाॢषक ब्याज दिया जाएगा।


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