राजधानी चंडीगढ़ और पानी पर उलझे मनोहर और कैप्टन अमरिंदर
हरियाणा के सीएम मनोरहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान राजधानी और पानी के मुद्दे पर उलझ गए।
जेएनएन, चंडीगढ़। पानी और चंडीगढ़ पर दावे को लेकर हरियाणा और पंजाब की तल्खी एक बार फिर सामने आ गई। मौका था ट्राई सिटी (चंडीगढ़-पंचकूला और मोहाली) के ढांचागत विकास पर मंथन का। इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जलस्रोतों और चंडीगढ़ पर पंजाब का हक जताया, वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने पंजाब को बड़े भाई का दर्जा देते हुए उसे हकमारी से बाज आने की नसीहत दे डाली। हालांकि इससे पहले दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री गर्मजोशी के साथ एक-दूसरे से मिले।
मनोहरलाल ने पंजाब को बड़े भाई का दर्जा देकर दी हकमारी से बाज आने की नसीहत
मंगलवार को चंडीगढ़ में लंबे अरसे बाद एक मंच पर आए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इशारों ही इशारों में खूब तंज कसे। एक पैनल डिस्कशन में शामिल कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि ट्राई सिटी के ढांचागत विकास पर बातचीत तो बाद की बात है, पहले दोनों राज्यों के बीच पानी और चंडीगढ़ का मसला सुलझाया जाना चाहिए।
कैप्टन अमरिंदर बोले, ट्राई सिटी से पहले जलस्रोतों और अलग राजधानी का मुद्दा सुलझाने की जरूरत
इसके बाद जब हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की बारी आई तो उन्होंने किस्सा सुनाते हुए बात रखी कि कैसे एक आदमी गाय का प्रस्ताव याद करके चला गया था। परीक्षा में सवाल आया वट वृक्ष का तो जनाब ने वट वृक्ष के नीचे गाय बांधने का हवाला देते हुए गाय का निबंध लिख डाला। पंजाब के सीएम भी यही कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर ने चंडीगढ़ पर दावा करते हुए कहा कि पंजाब नया चंडीगढ़ बसा रहा है। पंजाब को नए चंडीगढ़ को अपनी राजधानी बना लेना चाहिए और चंडीगढ़ को हरियाणा के लिए छोड़ देना चाहिए।
पानी का मुद्दा उठाते हुए मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में भूजल स्तर 1500 फीट तक नीचे जा चुका है जबकि पंजाब का भूजल स्तर 200 से 250 फीट तक है। पंजाब के मुकाबले हरियाणा का अधिकतर क्षेत्र डार्क जोन में है और हमें पानी की अधिक जरूरत है। इसीलिए हमने पंजाब के सीएम से पाकिस्तान जा रहे व्यर्थ पानी के प्रबंधन का अनुरोध किया था, मगर उन्होंने नहीं माना।
मुख्यमंत्री मनोहर ने कहा कि यह मंच ट्राई सिटी के योजनागत विकास की चर्चा के लिए था, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर चर्चा न कर अलग ही मुद्दा उठा दिया। इस पर उन्हें अपना जवाब देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हांसी-बुटाना नहर से भी दक्षिण हरियाणा के क्षेत्रों को पानी दिया जा सकता है लेकिन पंजाब इस पर एतराज कर रहा है।
कार्यक्रम में चंडीगढ़ के प्रशासक बीपी बदनौर, हरियाणा सुशासन सुधार प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन प्रो. प्रमोद कुमार ने भी विचार रखे। इस दौरान मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन व सूचना महानिदेशक समीर पाल सरो मौजूद थे।
पंजाब यूनिवर्सिटी में शाामिल हों हरियाणा के कॉलेज
चंडीगढ़ के राजस्व को 60 और 40 के अनुपात में पंजाब और हरियाणा को देने के संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर ने कहा कि इस पर चंडीगढ़ के लोगों का पहला हक है। इसे उन पर प्रयोग किया जाना चाहिए और राजस्व की हिस्सेदारी ठीक नहीं। ट्राई सिटी में यदि कोई बड़ी सामान्य परियोजना आती हैं तो उस पर हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से हरियाणा के कुछ कॉलेजों को मान्यता दिलाने की भी वकालत की।