मनोहर लाल बोले- सरकारी नौकरी छोड़कर ज्यादा कमाने की इच्छा रखने वाले डाक्टर्स को ही भरनी होगी बांड राशि
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सरकारी नौकरी छोड़कर ज्यादा कमाने की इच्छा रखने वाले डाक्टर्स को बांड राशि भरनी होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली में कहा छात्रों की शंकाओं को दूर किया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मेडिकल के छात्रों की मांग को लेकर हरियाणा सरकार झुकने को तैयार नहीं है। इतना जरूर है कि सरकार की तरफ से छात्रों की शंकाओं को दूर किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों की डाक्टरों और मेडिकल छात्रों से बातचीत चल रही है। रविवार शाम तक इसका समाधान हो सकता है।
सीएम ने कहा कि पहले दौर की बातचीत में छात्रों को बहुत सी बातें समझा दी गई हैं। छात्रों से स्वास्थ्य विभाग सहित सीएम के प्रधान सचिव वी उमाशंकर बातचीत कर रहे हैं। सीएम ने स्पष्ट किया कि बांड पालिसी का संबंध किसी डाक्टर के परिवार या गरीब परिवार को तंग करने का नहीं है।
मनोहर लाल ने कहा जिसको अपनी मेडिकल शिक्षा पूरी करके सरकारी नौकरी में जाना है, उसे कोई परेशानी नहीं है। जो नौकरी नहीं कर पा रहा, उसके भी कोई समस्या नहीं है। केवल उसे समस्या है जो ज्यादा पैसा कमाने के लालच में सरकारी नौकरी छोड़कर निजी क्षेत्र में जाएगा। उसी पर यह बांड पालिसी लागू होगी।
सीएम ने कहा कि निजी क्षेत्र में जब वह डाक्टर दो से ढाई लाख रुपये प्रति माह वेतन पाएगा तो उसे यह बांड राशि देनी है। इसके लिए लंबी अवधि इसलिए रखी थी, ताकि किस्त थोड़ी सी कम बने। अगर वे इस अवधि को कम करना चाहते हैं तो उसमें भी सरकार को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उसमें किस्त बड़ी हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि 40 लाख रुपये के बांड में से 3.5 लाख रुपये विद्यार्थी के तौर पर जो वे इन चार वर्षो में दे चुके हैं, वह राशि उसमें से कम हो जाएगी। ब्याज भी इनसे नहीं लिया जा रहा है। डिग्री पूरी होने के बाद बैंक से जो पैसा लिया जाएगा, उनका लेनदेन बैंक के साथ ही होगा।
प्राइवेट नौकरी में ज्यादा कमाने का इच्छुक डाक्टर जल्दी भी यदि वह पैसा लौटाना चाहे तो लौटा सकता है, उसके लिए अवधि का कोई बंधन नहीं है। सरकारी मेडिकल कालेज में सस्ती पढ़ाई करके डाक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद आखिर डाक्टर प्राइवेट में नौकरी करने क्यों जाएं। जो सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट में नहीं जाना चाहते, उन्हें यह पैसा नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी मेडिकल कालेज से डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सरकारी नौकरी करने को बाध्य करने के लिए बांड पालिसी लागू की गई है।
हरियाणा में होगा हर नागरिक का स्वास्थ्य परीक्षण
हरियाणा सरकार राज्य के प्रत्येक नागरिक का निश्शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री परिवार स्वास्थ्य परीक्षण योजना का शुभारंभ 29 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कुरुक्षेत्र में करेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम चरण में 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय वाले अंत्योदय परिवारों का परीक्षण होगा। इसके बाद प्रदेश के सभी परिवारों की जांच कराई जाएगी। इस परीक्षण से नागरिक को अपने शरीर में यदि कोई विकार है तो इसकी समय रहते जानकारी मिल जाएगी। समयबद्ध जांच के चलते बीमारी भी गंभीर रूप धारण नहीं कर पाएगी। यह देश की अनूठी योजना है। अभी तक देश के किसी प्रदेश में यह योजना लागू नहीं हुई है।
बजट पूर्व बैठक में वित्त मंत्री को दिए हैं तीन अहम सुझाव
सीएम ने बताया कि बजट पूर्व बैठक में उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य की तरफ से तीन समर्पित कोष बनाने सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन्हें केंद्र सरकार बनाए तो बेहतर रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इज आफ डूइंग बिजनेस में हरियाणा देश में तीसरे स्थान पर है। इसके साथ राज्य ईज आफ लिविंग की ओर आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार का तीन समर्पित कोष स्थापित करने का प्रस्ताव है।
पहला हरित विकास उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जलवायु एवं सतत विकास कोष। जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और प्रकृति के नुकसान, प्लास्टिक के प्रसार समेत प्रदूषण और कचरे के मामले में पृथ्वी, जिसकी हर संकट से जूझ रही है, नियमित आर्थिक गतिविधियों में इन चुनौतियों से निपटने के लिए मुख्यधारा की रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता है।
दूसरा, निर्णय -निर्धारण, निवेश और विकास को बढ़ाने हेतु विज्ञान और छात्रवृत्ति को जोड़ने के लिए विश्वविद्यालयों, अन्य शिक्षण संस्थानों तथा सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के आर्थिक उद्यमियों में वैज्ञानिक गतिविधि और छात्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार कोष की स्थापना।
तीसरा वेंचर कैपिटल फंड अर्थात उद्यमिता को बढ़ावा देने और विकासशील बाजार से जुड़ने के साथ-साथ वित्तीय सहायता देकर स्टार्टअप स्थापित करने में युवाओं की सहायता हेतु उद्यम पूंजी कोष। इस कोष से स्टार्ट-अप को मजबूत करने के लिए ज्ञान और प्रौद्योगिकी तक पहुंच की सुविधा भी मिलेगी। उस कोष में से जब भी जिस प्रांत को आवश्यकता हो वह धनराशि ले सके।
पिछले वर्ष इस फंड के अंतर्गत जो एक लाख करोड़ रुपयं की पूंजी का प्रविधान किया गया था। इसमें से 50 वर्ष के लिए ब्याज मुक्त राशि देने की बात कही गई थी। इसमें से हरियाणा को भी 874 करोड़ मिला था, जो सरकार ने हरियाणा आर्बिटल रेल कारिडोर में निवेश किया है। सीएम ने कहा कि उन्होंने इस कोष की राशि को बढ़ाने का सुझाव दिया है।
एनसीआर में प्रदूषण कम करने को सीएनजी-पीएनजी की सप्लाई बढ़ाने की रखी मांग
मुख्यमंत्री ने बताया कि एनसीआर में जितनी औद्योगिक इकाइयां है, जिनमें ईंधन के तौर पर कोयला आदि जलाने से प्रदूषण फैलता है। इसलिए नेचुरल गैस, सीएनजी पीएनजी का उपयोग ज्यादा हो, इसके लिए सरकार सब्सिडी दे रही है। नेचुरल गैस पर वैट का फीसद दे रहे हैं, कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर भी 30 फीस ग्रांट दे रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार भी सहयोग करें ताकि एनसीआर में पड़ने वाले क्षेत्र में प्रदूषण को कम कर सकें। इसके साथ साथ सीएनजी और पीएनजी की सप्लाई बढ़ाने की मांग भी रखी गई है।
अलग विधानसभा बनाने पर आप को आपत्ति क्यों : सीएम
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आम आदमी पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में हरियाणा अपना अलग विधानसभा भवन बना रहा है तो इसमें आम आदमी पार्टी को क्या आपत्ति हो सकती है। हरियाणा अपना काम करेगा और पंजाब सरकार अपना काम करें। हरियाणा चंडीगढ़ में जमीन मुफ्त में नहीं ले रहा है। यदि विधानसभा भवन बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन लेंगे तो इतनी ही जमीन चंडीगढ़ के साथ लगती रहे हैं। इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है और यह चंडीगढ़ प्रशासन को देखना है।
वर्तमान विधानसभा का भवन हरियाणा और पंजाब के बीच बंटा हुआ है, वह बंटा हुआ हिस्सा भी हरियाणा के पास रहेगा। चूंकि यह विधानसभा भवन छोटा पड़ता है और आने वाले समय में सन 2026 में परिसीमन होने पर विधानसभा सदस्यों की संख्या बढ़ने की संभावना है। वर्तमान सदस्यों के लिए ही जगह छोटी पड़ रही है तो बढे हुए सदस्यों के लिए वर्तमान भवन में स्थान नहीं बचेगा। मनोहर लाल ने दिल्ली सरकार पर जीएसटी का सारा पैसा हजम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में एक बार ये किसी तरह सफल हो गए लेकिन बार-बार काठ की हांडी नहीं चढ़ती।