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मिड-डे मील से लड़कियों का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास करें: महाबीर सिंह

हरियाणा माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ. महाबीर सिंह ने किया जागरूक।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 10:57 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 06:11 AM (IST)
मिड-डे मील से लड़कियों का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास करें: महाबीर सिंह
मिड-डे मील से लड़कियों का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास करें: महाबीर सिंह

जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ. महाबीर सिंह ने कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी मिड डे मील योजना को एक मुहिम के तौर पर लें और इसे अपनत्व से जोड़ें, ताकि प्रदेश के बच्चों विशेषकर लड़कियों को शारीरिक और बौद्धिक रूप से मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि हम इस योजना को सामाजिक जिम्मेदारी के साथ चलाएंगे तो सरकारी धन का पूर्ण भागीदारी के साथ इस्तेमाल होगा और इस क्रियान्वयन भी और ज्यादा कारगर ढंग से होगा। प्रधान सचिव राज्य स्तरीय फूड फोर्टिफिकेशन, सेफ्टी एंड न्यूट्रिशन पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च जयपुर के सौजन्य से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में प्रदेशभर के 300 से अधिक जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारियों के अलावा हैफेड, वीटा, महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि मिड डे मील में बच्चों को दी जाने वाली रेसीपी में शीघ्र ही तबदीली की जाएगी ताकि बच्चों को और ज्यादा पोष्टिक एवं प्रोटीनयुक्त आहार मिल सके। इसमें बच्चों को लगातार छह दिन तक दूध मुहैया करवाया जाएगा। इसके अलावा कोई सुझाव भी आएंगे, उन्हें भी लागू किया जाएगा ताकि कोई दिक्कतें पेश न आए। साढे 14 लाख बच्चों को किया जा रहा कवर

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डॉ. महाबीर ने कहा कि मिड-डे मील योजना 371 करोड़ रुपये की लागत से क्रियावित की जा रही है, जो सबसे बड़ी स्कीम है। इस स्कीम में प्रदेश के साढे 14 लाख बच्चों को कवर किया जा रहा है। प्रदेश के स्कूलों में लागू इस योजना के तहत सभी बच्चों को प्रोटीन, कैल्शियम, कैलोरी, मिनरल्स, विटामिन से भरपूर स्वादिष्ट भोजन मिले, इसके लिए सभी जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारियों को समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए, ताकि इसकी गुणवत्ता में ओर ज्यादा सुधार किया जा सके। प्रधान सचिव ने मिड डे मील योजना में सराहनीय कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया। निदेशक माध्यमिक स्कूल शिक्षा प्रदीप डागर ने कहा कि मिड डे मील योजना के तहत छह जिलों में फोर्टिफिकेशन युक्त आटा मुहैया करवाया जा रहा है। इसके अलावा डबल टोंड युक्त नमक एवं दूध भी दिया जा रहा है, ताकि बच्चों को थायराइड जैसी बीमारियों से बचाया जा सके। अधिकारी करें जिम्मेदारी के साथ काम

अधिकारियों को जिम्मेदारी के साथ इस योजना में कार्य करना चाहिए। मौलिक शिक्षा ही बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। अतिरिक्त निदेशक डॉ. वंदना दिसोदिया ने कहा कि प्रदेश के 2381 स्कूलों में किचन गार्डन स्थापित किए गए हैं तथा शीघ्र ही सभी स्कूलों में स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मिड डे मील को शिखर तक ले जाने के लिए विभाग प्रयासरत है। कार्यशाला में फोर्टिफाइट खाद्य सामग्री के प्रयेाग पर पूरा बल दिया गया। कार्यशाला को प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. पी आर सुडानी, संजीव कुमार, रूचि गोयल, डॉ. गिरीश, कीर्ति अग्रवाल, सधीश जैन, केके यादव, वाइपी सिंह, योगेंद्र सिंह, सपना ने अलग-अलग विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।


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