अगर एेसा हुआ तो... हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ संभव
जींद विधानसभा उपचुनाव के परिणाम पर हरियाणा विधानसभा का भविष्य टिका हुआ है। कयास लगाए जा रहे हैं चुनाव परिणाम के आधार पर विस चुनाव का समय तय किया जा सकता है।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की भाजपा सरकार भले ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव समय पर होने का दावा कर रही हो, लेकिन राजनीतिक हालात इस दावे के विपरीत बन रहे हैं। 'एक देश एक चुनाव' के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने में संवैधानिक दिक्कतों के बावजूद केंद्र सरकार हरियाणा समेत 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ कराकर एक बड़ा उदाहरण पेश कर सकती है। इसके लिए किसी तरह के संविधान संशोधन या चुनावी नियमों में भी कोई बड़ा बदलाव करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हरियाणा के जाटलैंड जींद का 31 जनवरी को चुनाव परिणाम आ जाएगा। जींद उपचुनाव के नतीजों पर भी काफी हद तक निर्भर करेगा कि राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हों या फिर समय पर ही कराए जाएं। भाजपा में एक बड़ा तबका लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव कराए जाने के हक में हैं, जबकि कुछ मंत्री अपनी सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद ही विधानसभा चुनाव कराए जाने की पैरवी कर रहे हैं। बहरहाल, मनोहर सरकार ने लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने का फैसला केंद्र की मोदी सरकार पर छोड़ रखा है।
हरियाणा में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार का कार्यकाल अक्टूबर 2019 में पूरा हो रहा है। देश में लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होंगे। जींद उपचुनाव से पहले राज्य में पांच नगर निगमों के चुनाव हो चुके हैं। पांचों निगमों के चुनाव नतीजे पूरी तरह से भाजपा के हक में आए हैं। पांच राज्यों के चुनाव नतीजों से हतोत्साहित भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए हरियाणा के पांच नगर निगमों के चुनाव नतीजे खासा हौसला देने वाले साबित हुए। इन चुनावों में पूरी तरह से मुख्यमंत्री मनोहर लाल का जादू और भाजपा संगठन का चुनाव प्रबंधन काम आया।
अब पेंच जाटलैंड जींद में फंस गया है। जींद का रण जीतने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। इनेलो के टिकट पर दो बार विधायक रह चुके दिवंगत डॉ. हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने अपनी पार्टी के कद्दावर नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर दांव खेला है। इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी बनाने वाले सांसद दुष्यंत चौटाला ने अपने भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को जींद के रण में उतारकर दूसरे दलों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। इनेलो ने उम्मेद सिंह रेढू और भाजपा सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र रक्षा पार्टी ने विनोद आश्री पर दांव खेला है।
भाजपा सूत्रों का मानना है कि यदि जींद के चुनाव नतीजे पार्टी के हक में आते हैं तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हरियाणा के चुनाव लोकसभा के साथ कराने का अनुरोध कर सकते हैं। पार्टी के कुछ जाट नेता भी इसी हक में हैं, जबकि कुछ ऐसे मंत्री, जिन्हें मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर संदेह है वे चाहते हैं कि अक्टूबर तक कार्यकाल पूरा किया जाए और बाकी मिलने वाले समय में माहौल को अपने अनुकूल बनाया जाना चाहिए।
ओडिशा, आंध्र और तेलंगाना के साथ हरियाणा, झारखंड व महाराष्ट्र के चुनाव संभव
केंद्रीय चुनाव आयोग और अधिकतर राजनीतिक पार्टियां 'एक देश एक चुनाव' के फार्मूले पर राज़ी हैं, लेकिन सभी दलों की रज़ामंदी के बाद भी संविधान में संशोधन करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इस बात को कह चुके कि सभी दलों का राजी होना जरूरी है और हरियाणा के राजनीतिक दल लोकसभा के साथ चुनाव कराने को तैयार नजर आ रहे हैं।
भाजपा के रणनीतिकारों के मुताबिक लोकसभा चुनावों के साथ ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव होने ही हैं। लिहाजा, इनमें झारखंड, महाराष्ट्र और हरियाणा समेत कुछ अन्य राज्यों को भी शामिल कर लिया जाए। लोकसभा चुनावों के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड के विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में होने प्रस्तावित हैं। इन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन है। वहां भी चुनाव कराने में ज़्यादा दिक्कत नहीं है, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री एक देश एक चुनाव के फार्मूले पर पूरी तरह से सहमत हैं।