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हरियाणा में भाजयुमो का झंडा थामने के लिए सरकार और संघ में लाबिंग, दिल्ली दरबार तक दौड़

हरियाणा भाजयुमो प्रधान पद के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। आधा दर्जन युवा नेताओं की भाजयुमो अध्यक्ष के लिए चंडीगढ़ से दिल्ली दरबार तक दौड़ चल रही हैैै। कोई संघ के नजदीक तो कोई प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष का भरोसेमंद हैैै।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 01:22 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 01:22 PM (IST)
हरियाणा में भाजयुमो का झंडा थामने के लिए सरकार और संघ में लाबिंग, दिल्ली दरबार तक दौड़
हरियाणा भाजयुमो अध्यक्ष के लिए लॉबिंग तेज। सांकेतिक फोटो

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा भाजपा की नई प्रदेश स्तरीय टीम की घोषणा सात अक्टूबर के बाद किसी भी समय संभव है। कांग्रेस और किसानों के आंदोलन से निपटने में जुटी भाजपा की प्रांत स्तरीय टीम बनकर तैयार है, लेकिन इस पर केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लगनी बाकी है। इस दौरान भाजपा के सहयोगी संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष पद के लिए लाबिंग तेज हो गई है। आधा दर्जन युवा नेता भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कोशिश में जुटे हैं।

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भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की पार्टी में अहम भूमिका होती है। युवाओं को पार्टी से जोड़ने तथा सरकारी की नीतियों के प्रचार-प्रसार तक का सारा काम युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का होता है। भाजपा जब विपक्ष में थी, तब आंदोलन की बागडोर काफी हद तक युवा मोर्चा के ही हाथों में होती थी, लेकिन जब से भाजपा सत्ता में आई, तब से भाजयुमो की गतिविधियां खास गति नहीं पकड़ सकी। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में अब जिस तरह से किसान विधेयकों को लेकर कांग्रेस, इनेलो और भारतीय किसान यूनियन हावी हैं, उसके मद्देनजर भाजयुमो की जरूरत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्ति में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री, प्रभारी तथा प्रदेश अध्यक्ष की पसंद का खास ख्याल रखा जाता है। यह तीनों आरएसएस की पसंद को भी नजर अंदाज नहीं करने की स्थिति में नहीं हैं। इस पद के लिए छह प्रमुख दावेदार हैं। युवा मोर्चा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष मनीष यादव दोबारा इस पद पर काबिज होने का कोई प्रयास नहीं छोड़ना चाहते। हालांकि वह भाजपा का प्रदेश महामंत्री बनने की इच्छा रखते हैं, लेकिन ओमप्रकाश धनखड़ के प्रदेश अध्यक्ष बनने से उन्हें अपनी सोच पूरी करने में दिक्कत आ सकती है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव से लेकर मौजूदा प्रभारी डा. अनिल जैन तक मनीष यादव के लिए पैरवी कर सकते हैं।

रेवाड़ी के रहने वाले वरुण श्योराण भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष पद के मजबूत दावेदार हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहे वरुण राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीनिवास के नजदीकियों में शामिल हैं। वह मनीष यादव की टीम में युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके हैं। विधानसभा चुनाव में वरुण श्योराण मौजूदा कृषि मंत्री जेपी दलाल के स्थान पर लोहारू से टिकट मांग रहे थे, लेकिन बात नहीं बनी। उनकी नाराजगी दूर करने के लिए निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने उन्हें कुछ जिम्मेदारी दी। श्योराण को मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के भरोसे का कार्यकर्ता माना जाता है।

यमुनानगर के रहने वाले रोचक गर्ग भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष पद के तीसरे दावेदार हैं तथा एबीवीपी में सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। भाजपा की राष्ट्रीय सचिव सुधा यादव के सहयोगी रहे रोचक गर्ग की आरएसएस के प्रचारकों से नजदीकियां हैं। इसका वह फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। वर्तमान में रोचक युवा मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी हैं। रोहतक के विकास शर्मा भाजपा के मौजूदा प्रांतीय संगठन महामंत्री सुरेश भट्ठ के नजदीकी हैं। मनीष यादव की टीम में प्रदेश महामंत्री रह चुके विकास शर्मा की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गेट तक इंट्री है।

जींद निवासी प्रमोद कौशिक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के खुद ही जिला प्रचारक रह चुके हैं। भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम आरएसएस के नेताओं की तरफ से आगे किया जा रहा है। यदि संघ की सिफारिश को तरजीह मिली तो प्रमोद कौशिक का भाजयुमो अध्यक्ष बनना मुश्किल नहीं होगा। प्रमोद के विरोधी उनकी अधिक आयु को आधार बनाकर अध्यक्ष पद की राह में रोड़ा बन सकते हैं।

हरियाणा भाजपा के प्रभारी रहे डा. अनिल जैन के पीए गौरव गौतम का नाम भी भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए लिया जा रहा है। गौरव पलवल के रहने वाले हैं तथा पिछले चुनाव में पलवल से टिकट मांग रहे थे। गौरव के दिवगंत पिता को डा. अनिल जैन ने हरियाणा सरकार ने चेयरमैैन बनवाया था। इनके बोर्ड पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के सांसद प्रतिनिधि का परिचय भी लिखा हुआ दिखाई देता था, लेकिन अनिल जैन के भाजपा प्रभारी के पद से हटने के बाद तथा जेपी नड्डा की टीम में उनके शामिल नहीं होने से गौरव गौतम करी दावेदारी हलकी पड़ सकती है।


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