इनेलो की रैली में दिग्गजों ने की विपक्षी एकजुटता की तरफदारी, लेकिन तीसरे मोर्चे पर नहीं हुआ फैसला
INLD Rally हरियाणा के फतेहाबाद में इंंडियन नेशनल लोकदल द्वारा ताऊ देवीलाल की जयंती पर आयोजित सम्मान रैली में देशभर से विपक्ष के दिग्गज नेता आए। सभी नेताओं ने विपक्षी एकजुटता की तरफदारी की लेकिन तीसरे मोर्च के बारे में उनमें सहमति नहीं बनी।
अनुराग अग्रवाल, फतेहाबाद। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल की जन्मतिथि पर आयोजित सम्मान दिवस रैली में भाजपा के विरुद्ध विपक्षी दलों की एकजुटता की पैरवी होती तो दिखाई दी, लेकिन तीसरे मोर्चे के गठन जैसा कोई फैसला नहीं हो पाया। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीसरे मोर्चे की बजाय मुख्य गठबंधन का संदेश दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस के बिना विपक्षी एकजुटता की कल्पना नहीं की जा सकती। नीतीश ने इसके लिए स्वयं प्रयास करने के साथ-साथ इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला को कांग्रेस नेताओं से बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ओमप्रकाश चौटाला को ही सौंपी कांग्रेस से बात करने की जिम्मेदारी
नीतीश कुमार द्वारा ओमप्रकाश चौटाला को सौंपी गई इस जिम्मेदारी से इनेलो असहज महसूस कर सकती है। इसकी वजह यह है कि जेबीटी शिक्षक भर्ती मामले में चौटाला को हुई 10 साल की सजा के लिए वह आज तक कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। अब चौटाला भाजपा के विरुद्ध मुख्य गठबंधन के लिए कांग्रेस से बात करने जाएंगे, इसकी संभावना काफी कम नजर आ रही है।
नीतीश कुमार ने सम्मान दिवस रैली में पहुंचे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार और शिरोमणि अकाली दल (बादल) के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को भी भाजपा के विरुद्ध भविष्य में बनने वाले महा गठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। दोनों ने इसकी जरूरत बताई, लेकिन चौटाला के मंच से अपनी पार्टियों के पत्ते नहीं खोले।
शरद पवार, सीताराम येचुरी, सुखबीर सिंह बादल, तेजस्वी यादव और अरविंद सावंत सम्मान रैली में पहुंचे
हरियाणा में पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला हर साल अपने पिता पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल की जन्मतिथि सम्मान दिवस के रूप में मनाते हैं। चौटाला को जब जेल जाना पड़ा था, तब यह जिम्मेदारी उनके बेटे इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला निभाते थे।
इस बार सम्मान दिवस रैली के लिए चौटाला ने फतेहाबाद को चुना, जो उनके राजनीतिक प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भाजपा से नाता तोड़कर सात दलों का महागठबंधन बनाने के बाद से इनेलो दावा कर रहा था कि सम्मान दिवस रैली में तीसरे मोर्चे का ऐलान किया जाएगा। इसके लिए सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया गया था। चौटाला की नीतीश, शरद पवार, मुलायम सिंह यादव और लालू यादव के साथ बैठकें भी हुई।
चौटाला के बुलाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी नेता शरद पवार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी, पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री स. सुखबीर सिंह बादल और शिवसेना नेता अरविंद सावंत सम्मान दिवस रैली में पहुंचे।
देवगौड़ा, लालू यादव, मुलायम-अखिलेश, ममता बनर्जी, फारुक अब्दुल्ला और नवीन पटनायक नहीं आए
उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके प्रतिनिधि सांसद अभिषेक बनर्जी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव नहीं पहुंच पाए। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के आने का भी दावा किया जा रहा था, लेकिन देवगौड़ा भी नहीं आए। हालांकि अब्दुल्ला और पटनायक के संदेश जरूर पड़े थे, जो कि राजनीतिक पुट लिए हुए नहीं थे।
तीसरे मोर्चे के संभावित नेतृत्व को लेकर रार
विपक्षी दलों की एकजुटता के इन पैरोकार नेताओं ने किसान, गरीब, मजदूर और कर्मचारी के हितों की बात की, लेकिन प्रस्तावित तीसरे मोर्चे अथवा मुख्य गठबंधन के नेतृत्व का कोई जिक्र रैली के मंच से नहीं किया। जाहिर है कि नेतृत्व पर ही विपक्ष में रार होने वाली है।
सम्मान दिवस रैली में जितने नेता ताऊ देवीलाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे, उतने हर साल नियमित रूप से आते हैं, ऐसे में यह तो कहा जा सकता है कि बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद मुख्य गठबंधन बनाने के नीतीश कुमार के प्रयास जारी हैं, लेकिन इसमें इतनी आसानी से सफलता मिलती दिख रही है, यह अभी कहना जल्दबाजी होगी। सुखबीर बादल ने मंच से यह कहकर कि यहां पुराना एनडीए बैठा हुआ है, नई बहस छेड़ दी।
नीतीश कुमार ने कहा कि मैं विपक्षी एकजुटता के प्रयास कर रहा हूं, लेकिन ओमप्रकाश चौटाला को भी अधिक से अधिक पार्टियां विपक्ष के साथ जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। रैली का संचालन कर रहे इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला ने इस पूरे आयोजन को तीसरे मोर्चे के गठन की दिशा में बड़ा प्रयास करार दिया है।