Agriculture Laws: हरियाणा में बड़े सहकारी संघों का जन्मदाता बनेगा कांट्रैक्ट खेती कानून
Agriculture Laws हरियाणा में कृषि कानूनों में कांट्रैक्ट खेती के प्रावधान का व्यापक असर पड़ेगा। राज्य में यह कानून बड़े सहकारी संघों का जनमदाता बनेगा। इससे हरियाणा मल्टीपर्पस कोआपरेटिव फेडरेशन के गठन का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा देश में पहला ऐसा राज्य होगा, जिसके किसान के खेत में होने वाली हर प्रकार की पैदावार को व्यवस्थित ढंग से खरीदा जाएगा। राज्य में कृषि कानूनों में कांट्रैक्ट खेती (Contract farming) के प्रावधान से बडे़े सहकारी संघ बनेंगे। इसके साथ ही तीन कृषि सुधार कानून लागू होने के बाद हरियाणा मल्टीपर्पज कोआपरेटिव फेडरेशन (हमकोफेड) के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसके तहत राज्य के प्रत्येक जिला में 600 की औसत से करीब 14 हजार सहकारी समिमियां गठित होंगी।
तीन कृषि सुधार कानून बनने के बाद प्रशस्त हुआ हमकोफेड का प्रारूप
इनके माध्यम से न सिर्फ किसान के खेत से पैदावार खरीदी जाएगी बल्कि समितियां अपने बिक्री केंद्रों (आउटलेट) के माध्यम से आम उपभोक्ता तक पहुंचाएंगी। हमकोफेड के चेयरमैन हुकमचंद भाटी बताते हैं कि तीन कृषि सुधार कानूनों में खेती में अनुबंध के कानून से यह संभव पाएगा। किसान मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवा अध्यादेश-2020 के तहत बड़ी कंपनियां ही नहीं बल्कि सहकारी समितियां भी किसान से उसकी उपज का भाव और खरीद तय कर सकेंगी।
प्रत्येक जिला में 600 की औसत से राज्य में बनेंगी 14 हजार सहकारी समितियां
भाटी के अनुसार, अभी तक के आंकड़े हैं कि किसान की 40 फीसद सब्जियां व्यर्थ हो जाती हैं। इनकी व्यवस्थित बिक्री का प्रावधान नहीं है। जब न्यूनतम 200 सदस्यों की एक सहकारी समिति अपने आसपास के किसानों से उसकी सब्जियों की फसल खरीदकर उसे अपने ही बिक्री केंद्रों पर बेचेगी तो निश्चित तौर पर व्यर्थ होने वाली सब्जियों की मात्रा घट जाएगी।
हमकोफेड के चेयरमैन हुकुमचंद भाटी। (फाइल फोटो)
थोक मंडी के भाव गांव में ही मिलने से किसान को होगी बचत
हमकोफैड पहले चरण में किसानों को फल सब्जियां बोने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके साथ ही किसान की फसल उसके खेत से थोक मंडी के भाव पर लेकर अपने बिक्री केंद्रों पर बेचेगा। इसकी शुरूआत फरीदाबाद जिला में 11 दिसंबर से होगी। इसके बाद किसान को आधुनिक तकनीक व बीज आदि उपलब्ध कराने की सहूलियत भी हमकोफैड करेगा। यदि सहकारी समितियों के बिक्री केंद्रों पर माल की बिक्री नहीं होती तो उनसे संबंधित अन्य खाद्य पदार्थ बनाने वाले वाले लघु उद्योगों से संपर्क किया जाएगा। ये खाद्य पदार्थ भी सहकारी समितियों के बिक्री केंद्रों पर बेचे जाएंगे।
किसान की आय को दोगुना करने में हमकोफैड का रहेगा योगदान
भाटी का कहना है कि कांट्रैक्ट खेती कानून (Contract farming Laws) पर भ्रम फैलाया जा रहा है। अभी तक किसान का बेटा खेती के प्रति इसलिए आकर्षित नहीं होता था, क्योंकि उसे खेती में निश्चित आय का वजूद नहीं दिखाई देता। मगर जब खेत में बुवाई के दौरान ही उसे यह पता चल जाएगा कि उसकी फसल से उसे कितना पैसा मिलेगा तो उसका खेती के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। यही आकर्षण किसान की आमदनी दोगुना करने का आधार बनेगा।
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'' कृषि लाभकारी कैसे हो। इसकी पहल सरकार के साथ किसान को भी करनी पड़ेगी। किसान को मुखर, दूरदृष्टि वाला व आधुनिकता के साथ कृषि में वैज्ञानिक तरीके अपनाकर सरकार द्वारा दी गई कृषि सुविधाओं का लाभ लेकर समय के अनुकूल चाल ढाल को बदलना भी जरूरी है। संपर्काें के साथ हमकोफैड किसानों में बदलाव का आधार भी रखेगा।
- हुकम चंद भाटी, चेयरमैन, हमकोफैड।
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