किरण चौधरी हरियाणा कांग्रेस में आरपार की लड़ाई को तैयार, स्वतंत्रता दिवस के दिन समर्थकों की बैठक बुलाई
किरण चौधरी हरियाणा कांग्रेस में घमासान के लिए तैयार हैं। उन्होंने 15 अगस्त के दिन गुरुग्राम में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। इसमें वह अपने भविष्य की रणनीति तय करेंगे। किरण पार्टी में रहते हुए ही नेताओं से भिड़ेंगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता एवं तोशाम की विधायक किरण चौधरी कांग्रेस पार्टी में रहकर अपने राजनीतिक विरोधियों से दो-दो हाथ करने को तैयार है। उनकी लड़ाई न केवल विरोधियों का करारा जवाब देने की है, बल्कि खुद को पार्टी हाईकमान के सामने सर्वमान्य नेतृत्व के रूप में पेश करने की है।
किरण चौधरी ने इसके लिए आजादी के जश्न के दिन यानी 15 अगस्त को गुरुग्राम में अपने खास समर्थकों की राज्य स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें वह कई मुद्दों पर रणनीति तैयार करने वाली हैं।
गुरुग्राम के द्वारका रोड स्थित फार्म हाउस में यह बैठक होगी, जिसमें मंत्रणा के बाद किरण चौधरी ने अपने समर्थकों के लिए दोपहर के भोजन का इंतजाम किया है। किरण चौधरी की छवि तेज-तर्रार और दबंग कांग्रेस नेता की है।
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल की पुत्रवधू और स्व. सुरेंद्र सिंह की धर्मपत्नी किरण चौधरी तोशाम से लगातार तीन बार विधायक रह चुकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में एक बार उनका मंत्री पद चला गया था, लेकिन कांग्रेस के दिल्ली दरबार में अपनी मजबूत पकड़ के चलते किरण चौधरी कुछ घंटों के बाद ही अपना मंत्री पद वापस लेने में कामयाब हो गई थी।
भिवानी जिले के तोशाम हलके में उनका सांसद धर्मवीर और उनके छोटे भाई राजबीर लाला के साथ हमेशा टकराव रहता है। किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी हैं और फिलहाल हरियाणा कांग्रेस की कार्यकारी प्रदेश अध्यक्षा हैं।
किरण चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन को हराने में अहम भूमिका निभाई। ऐसा आरोप खुद माकन ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर लगाया, जिसमें उन्होंने कहा कि किरण चौधरी का वोट रद हुआ था और इस काम में कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल भी शामिल हैं।
माकन के इस आरोप के बाद हुड्डा खेमा भी किरण चौधरी पर खुलकर अंगुली उठाने लगा है, जिसका अब किरण चौधरी जवाब देने को तैयार दिखाई दे रही हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान सदस्य पंकज पुनिया के अनुसार, राजनीतिक टकराव की खबरें मीडिया के दिमाग की उपज हो सकती हैं, लेकिन किरण चौधरी ने भविष्य की राजनीति को धार देने तथा खुद को पूरी मजबूती के साथ खड़ा करने के लिए अपने समर्थकों को 15 अगस्त को गुरुग्राम में इकट्ठा किया है।
बैठक में कार्यकर्ताओं की राय जानने के बाद किरण चौधरी पूरे प्रदेश का दौरा करेंगी। उनके विरोधी यह अफवाह भी उड़ा रहे हैं कि किरण चौधरी भाजपा में जा सकती हैं, लेकिन वह यह स्पष्ट कर चुकी हैं कि कांग्रेस में ही उनका जीवन है और यहीं रहकर वह अन्याय के विरुद्ध न्याय और असत्य के विरुद्ध सत्य की लड़ाई लड़ने वाली हैं, जिसकी रणनीति जल्दी तैयार होगी।
दूसरी तरफ इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि किरण चौधरी के सक्रिय होते ही उनके राजनीतिक विरोधी खासकर पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान और रामकिशन फौजी सरीखे नेता भी सक्रिय हो सकते हैं। सांगवान बंसीलाल परिवार के नजदीक रहे, लेकिन किरण चौधरी के साथ उनकी कभी नहीं बनी है।