खाप पंचायतों में छवि बदलने की छटपटाहट, कट्टरता को छो़ड़ नए जमाने के संग हो रहीं अपडेट
अपने फरमानों और कट्टरता के लिए देश में अक्सर चर्चाओं में रहनेवालीं खाप पंचायतें अब अपनी छवि बदलने को सक्रिय हैं। वे कट्टरता को छोड़ खुद को अपडेट कर रही हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। अपने तुगलकी फरमानों की वजह से सुॢखयों में रही खाप पंचायतों का चेहरा-मोहरा अब पूरी तरह से बदल गया है। सामाजिक कार्यों में बढ़ती हिस्सेदारी तथा संवेदनशील विषयों पर लचीला रुख अपनाने की वजह से इन खापों के फरमानों को गंभीरता से लिया जाने लगा है। खापों के सकारात्मक रुख को लेकर यह स्थिति न केवल हरियाणा बल्कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब समेत समूचे देश में बन गई है। लॉकडाउन में देश भऱ की प्रमुख खाप पंचायतों ने रविवार को डिजिटल मोड में ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन कर खुद को जमाने के साथ बदलने के पूरे संकेत दिए हैं।
खाप पंचायतों ने किया ऑनलाइन बेविनार में सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श
राष्ट्रीय महाखाप पंचायत के प्रयासों से देश भर की प्रमुख खाप पंचायतें आनलाइन वेबिनार में एक मंच पर दिखाई ही। करीब पांच दर्जन खाप पंचायतों ने महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध, घरेलू हिंसा, बेमेल शादियां तथा महिलाओं के सामाजिक उत्थान को लेकर करीब तीन घंटे तक लंबी चर्चा की। नतीजा निकला कि महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा की शुरुआत बच्चों के प्रति अपनाई गई हिंसक प्रवृत्ति से होती है। पहले बच्चों के प्रति नजरिया बदलना होगा, ताकि यह बच्चा बड़ा होकर घरेलू हिंसा को आम जीवन का हिस्सा मानने की मानसिकता से निजात पा सके।
शराब और बेमेल शादियों से बढ़ रही महिलाओं के प्रति हिंसा
राष्ट्रीय महाखाप पंचायत के संयोजक सुनील जागलान द्वारा आयोजित इस वेबिनार में सौ से अधिक लोग जुड़े, जिन्होंने खाप नेताओं से सीधे सवाल किए। चर्चा के दौरान कई महिला वक्ताओं और खाप चौधरियों में तीखी बहस हुई। कुछ खाप चौधरी घरेलू हिंसा को मामूली बात कहते हुए नजर आए तो कुछ ने इसका कड़ा विरोध किया।
बेविनार के दौरान संवाद करते सुनील जागलान और टेकराम कंडेला।
शादी से पहले लड़के व लड़की की प्री-मैरिज काउंसलिंग पर दिया जोर
चर्चा में शराब और बेमेल शादियों को घरेलू हिंसा का बड़ा कारण बताया गया। भाजपा के राज्यसभा सदस्य जनरल डीपी वत्स ने कहा कि फौज में यदि कमांडर की बात न मानी जाए तो इसे कायरता कहते हैं। यही स्थिति परिवार में है। महिलाएं अपने पति को भगवान तो मानती हैं, लेकिन उनकी बात मानने को राजी नहीं होती, पर इसका मतलब यह भी नहीं है कि वे हर गलत बात भी स्वीकार करें।
हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव की मांग उठी, सरकार पर बनाया दबाव
डीपी वत्स के अनुसार अपना गोत्र व मां का गोत्र छोड़कर लड़की कहीं भी शादी करने के लिए आजाद रहे। गांव की गांव में शादी को भी मान्यता मिलनी चाहिए। किसी भी शादी को कामयाब बनाने की प्री-मैरिज काउंसलिंग जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट में खापों की पैरोकार इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आइसीएसएसआर) की प्रो. मधु किश्वर की राय थी कि महिलाओं से पहले बच्चों हिंसा का शिकार होते हैं, जो गंभीर है। बच्चों को अनुशासित करने के सभ्य तरीके ढूंढने चाहिए। फिल्म निर्माता विभा बख्शी ने महिलाओं से उनके विरुद्ध होने वाले अपराधों पर मुखर होने की बात कही।
बेविनार के दौरान संवाद करतीं मधु किश्वर।
एक गांव, एक गोत्र और साथ लगते गांव में शादियां गलत
कंडेला खाप के प्रधान टेक राम कंडेला ने हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव की मांग करते हुए एक गांव, एक गोत्र और साथ लगते गांव में शादियां किए जाने का विरोध किया। गठवाला खाप के बलजीत सिंह मलिक ने कहा कि दादी का गोत्र छोड़कर किसी भी गौत्र में शादी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा का कारण शराब है।
बेविनार के दौरान संवाद करतीं रीतू जागलान और विभा बख्शी।
बेमेल शादियां गलत, बेटियों से पूछें उनकी इच्छा
पहली महिला खाप कोऑडिनेटर रीतू जागलान ने बेमेल शादियों का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि बेटियों से पूछना चाहिए कि वे क्या चाहती हैं। पुरुष भी सहनशीलता बरते और महिलाओं को समझें। महम चौबीसी से युवा खाप नेता एडवोकेट तुलसी ग्रेवाल ने राज्यसभा सदस्य डीपी वत्स के गांवों में घरेलू हिंसा के दावों को खारिज किया। ज्योति फौगाट ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक रूप से सहायता नहीं करना तथा अपशब्द बोलना भी घरेलू हिंसा का पार्ट है। खाप नेता देव लोहान ने कहा कि लड़कियां पीएचडी कर डाक्टर तो बन जाती हैं, लेकिन शादी कर बहू नहीं बन पाती। नरवाल खाप के प्रधान भले राम नरवाल ने कहा कि पति-पत्नी दोनों में संयम जरूरी है।
बेविनार के दौरान संवाद करते देव लोहान और ज्योति फोगाट।
पत्नी सीता बन जाए मगर खुद राम नहीं बनना चाहते
पालम 360 खाप के प्रधान रामकरण सोलंकी ने दिल्ली में जागरूकता अभियान चलाने की बात कही। खाप नेता धर्मपाल हुड्डा ने कहा कि पुरुष अपनी पत्नी से सीता बनने की अपेक्षा तो करते हैं मगर खुद रामचंद्र नहीं बनना चाहते। खाप नेता इंद्र सिंह मोर ने महिलाओं की तरफदारी की। महाखाप पंचायत के संयोजक सुनील जागलान ने बताया कि वेबिनार में विभिन्न राज्यों के 57 खाप नेताओं ने भागीदारी की। सतरोल खाप के इंद्र सिंह ढुल, दिल्ली खाप के नत्था प्रधान, दहिया खाप के प्रधान सुरेंद्र दहिया, सतरोल खाप के कैप्टन महाबीर और नौगामा खाप के कुलदीप सिंह ढुल समेत कई नेताओं ने अपनी राय रखी।